इमरान खान के खिलाफ “नाजायज़ बेटी” को लेकर दायर की गई याचिका, पाकिस्तान के उच्च-न्यायालय कही यह बात
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया. स्थानीय समाचार पत्र डॉन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. डॉन के अनुसार, अदालत में पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) और पूर्व संघीय मंत्री फवाद चौधरी ने इमरान खान को चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए एक दायर की थी. उनका दावा था कि क्योंकि इमरान खान ने एक नाजायज पुत्री को जन्म दिया इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए.
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इस मामले से संबंधित, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ने जरदारी और फवाद चौधरी को उनकी याचिकाओं पर विस्तृत फैसला सुनाते हुए कहा कि यह इमरान खान का निजी मामला है. ऐसे मामले “वादकारियों के समय की बर्बादी और अपने चुने हुए प्रतिनिधियों में जनता के विश्वास को कम करते हैं.”
रिपोर्ट के मुताबिक, श्री जरदारी और श्री चौधरी की दायर याचिका में नामित एक बच्चे के अधिकार भी शामिल हैं. अगर यह अदालत जांच करती है तो उसके अधिकारों को नुकसान हो सकता है. संविधान के अनुच्छेद 199 के तहत इस अदालत में निहित असाधारण अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने से इंकार करने के लिए बच्चे के अधिकारों से संबंधित संभावित परिणाम के पर्याप्त आधार हैं.
पीठ ने कहा, “ हमें लगता है कि याचिका पर विचार करना जनहित में नहीं है, प्रतिवादी के निजी जीवन से संबंधित जांच का आदेश देना तो दूर की बात है.”
गौरतलब है कि नए सिरे से चुनाव की मांग को लेकर आजादी मार्च कर रहे इमरान खान पर हाल ही में जानलेवा हमला हुआ था. उनके पैर में गोलियां लगीं और वह बच गए. इमरान खान को इसी साल अप्रैल में एक अविश्वास प्रस्ताव के जरिए खान को सत्ता से बेदखल किया गया था. इससे पहले शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली संघीय सरकार ने खान की नए सिरे से चुनाव की मांग को खारिज कर दिया था. पाकिस्तान में आम चुनाव अगले साल अगस्त के बाद होने हैं.
पाकिस्तान आर्थिक संकट और बाढ़ के विनाशकारी प्रभावों से जूझ रहा है और ऐसे में देश में राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति ने हालात को और बदतर बना दिया है.
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