मल्लिकार्जुन खड़गे : गांधी परिवार के वफादारों में शुमार, 5 दशक के सियासी करियर में केवल एक बार ही हारे
Congress president polls: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने पर्चा भर दिया है. मुख्य मुकाबला खड़गे और शशि थरूर के बीच है. एक अन्य पर्चा केएन त्रिपाठी ने दाखिल किया है जबकि दिग्विजय सिंह रेस से बाहर हो चुके हैं. गांधी परिवार के समर्थन के चलते कर्नाटक के कांग्रेस नेता मल्लिकाजुर्न खड़गे को अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे माना जा रहा है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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अपने गृह राज्य कर्नाटक में मल्लिकार्जुन खड़गे “सोलिलाडा सरदारा (a leader without defeat)” के नाम से लोकप्रिय हैं. उन्हें गांधी परिवार के कट्टर वफादारों में शुमार किया जाता है.
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यदि खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाते हैं तो वे कर्नाटक राज्य से यह पद संभालने वाले दूसरे नेता होंगे. उनसे पहले कर्नाटक से एस. निजलिंगप्पा यह पद संभाल चुके हैं. चुने जाने पर खड़गे, जगजीवन राम के बाद यह पद संभालने वाले दूसरे दलित नेता होंगे.
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80 साल के मल्लिकार्जुन खड़गे पांच दशक से अधिक समय से राजनीति में सक्रिय हैं. वे लगातार नौ बार विधायक रहे चुके हैं.
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मल्लिकार्जुन खड़गे ने गृह राज्य गुलबर्गा (अब कलबुर्गी) से यूनियन लीडर के तौर पर शुरुआत की, इसके बाद से उनका ग्राफ लगातार चढ़ता गया.
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खड़गे वर्ष 1969 में कांग्रेस से जुड़े.वे गुलबर्गा सिटी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
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गुरमिटकल (Gurmitkal) विधानसभा सीट से लगातार 9 बार चुनाव जीतने की उपलब्धि मल्लिकार्जन खड़गे के नाम पर है.
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चुनावों में मल्लिकार्जुन खड़गे की छवि ‘अजेय योद्धा’ की रही है. वर्ष 2014 के आम चुनावों में नरेंद्र मोदी की लहर के बावजूद उन्होंने गुलबर्गासीट से 74 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. वे दो बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें गुलबर्गा सीट से बीजेपी के उमेश जाधव के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. करीब पांच दशक में यह खड़गे की पहली चुनावी हार थी.
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गांधी परिवार के वफादार मल्लिकार्जुन खड़गे कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में वे श्रम और रोजगार के अलावा रेलवे, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रहे हैं.
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जून 2020 में वे कर्नाटक से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए थे और इस समय उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. खड़गे की छवि सौम्य और विनम्र नेता के तौर पर है.
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बीदर जिले के एक गरीब परिवार में जन्मे खड़गे ने गुलबर्गा से बीए के बाद लॉ की डिग्री हासिल की. राजनीति में उतरने के पहले वे कुछ समय वकालत भी कर चुके हैं.13 मई 1968 को राधाबाई से मल्लिकार्जन खड़गे का विवाह हुआ. वे दो बेटियों और तीन बेटों के पिता हैं. मल्लिकार्जन खड़गे का एक बेटा प्रियांक इस समय विधायक है.