यदि मुसलमानों के वोट का कोई अर्थ ही नहीं है तो… INDIA गठबंधन पर भड़के आजम खान
लखनऊ:
महाराष्ट्र में हार के बाद से ही इंडिया गठबंधन (India Alliance) में सबकुछ ठीक नहीं है. नेतृत्व के सवाल पर पहले से ही घमासान मचा है तो अब समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (Azam Khan) ने गठबंधन पर मुसलमानों की अनदेखी का आरोप लगाया है. साथ ही मुसलमानों को लेकर अपनी नीति स्पष्ट करने की मांग की है. आजम खान उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद हैं. रामपुर में समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष अजय नागर ने उनका संदेश जारी किया है.
रामपुर के समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष अजय सागर ने चिट्ठी जारी कर आज़म खान का संदेश बताते हुए लिखा है कि रामपुर में हुए जुल्म और बर्बादी का मुद्दा संसद में उतनी ही मजबूती से उठाएं, जितना संभल का उठाया गया है.
उन्होंने कहा, “रामपुर की बर्बादी पर इंडिया गठबंधन तमाशाई बना रहा और मुस्लिम लीडरशिप मिटाने का काम करता रहा. इंडिया ब्लॉक को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी अन्यथा मुसलमानों के हालात और भविष्य पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.”
मुसलमानों पर होने वाले हमलों पर नीति स्पष्ट करें : आजम खान
साथ ही कहा कि मुसलमानों पर होने वाले हमलों और उनकी मौजूदा स्थिति के साथ ही अपनी नीति पर खुलकर स्थिति स्पष्ट करें.
इस पत्र से आजम खान की नाराजगी एक बार फिर सामने आ गई है. पिछले दिनों आजम खान और उनके परिवार से आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने मुलाकात की थी. इसके बाद से ही उत्तर प्रदेश में नए राजनीतिक समीकरणों की चर्चा हो रही है.
मुसलमानों को विचार करने पर मजबूर होना पड़ेगा : आजम खान
उन्होंने कहा, “यदि मुसलमानों के वोट का कोई अर्थ ही नहीं है और उनके वोट का अधिकार उनकी नस्लकुशी करा रहा है तो उन्हें विचार करने पर मजबूर होना पड़ेगा कि उनके वोट के अधिकार को रहना चाहिए या नहीं.”
उन्होंने कहा, “बेसहारा, अलग-थलग और अकेला खाक व खून से नहाया अधिकार इबादत गाहों को विवादित बनाकर समाप्त करना इत्यादि, केवल साजिश करने वालों, षड़यंत्र करने वालों तथा दिखावे के हमदर्दी के लिए देश की दूसरी आबादी को बर्बाद और नेस्तोनाबूद नहीं किया जा सकता है.”
अखिलेश यादव ने संसद में जोर-शोर से उठाया था संभल का मुद्दा
उधर, संसद में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने संभल हिंसा का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था. सपा प्रमुख ने कहा था कि संभल में जो घटना अचानक हुई है, वो एक सोची समझी-साजिश के तहत हुई है और संभल में भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है.
उन्होंने कहा, “देशभर में भाजपा और उसके सहयोगियों, जो बार-बार खुदाई की बातें कर रहे हैं, ये खुदाई हमारे देश का सौहार्द, भाईचारा, गंगा-जमुनी तहजीब को खो देगा. ये सोची-समझी साजिश इसलिए बोल रहा हूं, क्योंकि यूपी विधानसभा के उपचुनाव 13 नवंबर को होना था. इन्होंने तारीख 13 नवंबर से बढ़ाकर 20 नवंबर कर दिया. संभल के शाही जामा मस्जिद के खिलाफ 19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिविजन चंदौसी संभल में एक याचिका डाली गई. कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बगैर उसी दिन सर्वे के आदेश दे दिए. ये ताज्जुब की बात है. दो घंटे बाद सर्वे की टीम पुलिस बल के साथ संभल पहुंच गई.”