राजधानी दमिश्क के करीब पहुंचे विद्रोही, खतरे में असद की सत्ता; 10 पॉइन्ट्स में समझे पूरा मामला

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नई दिल्ली:

सीरिया में तेजी से आगे बढ़ रहे विद्रोहियों ने दावा कि वे शनिवार को राजधानी दमिश्क के बहुत ही ज्यादा नजदीक थे,विद्रोहियों ने दावा किया कि उन्होंने शहर को घेर लिया है.  हालांकि बशर अल-असद सरकार ने इस बात से साफ इनकार किया कि शहर के आसपास के इलाकों से सेना हट गई है.

10 प्रमुख बातों को आसान शब्दों में समझें

  1. समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामिक नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ विद्रोही कमांडर हसन अब्देल गनी ने कहा, “हमारी सेना ने राजधानी को घेरने का अंतिम चरण शुरू कर दिया है.”
  2. हमले का नेतृत्व करने वाले इस्लामी समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेता ने लड़ाकों से कहा कि वे असद की सरकार की सीट लेने के लिए तैयार रहें, 
  3. एचटीएस के अहमद अल-शरा ने टेलीग्राम पर एक बयान में अपने उपनाम अबू मोहम्मद अल-जोलानी के बजाय अपने वास्तविक नाम का उपयोग करते हुए कहा.”दमिश्क आपका इंतजार कर रहा है,”
  4. सीरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सेना बल “दमिश्क के ग्रामीण इलाकों के सभी क्षेत्रों में मौजूद हैं”. इसमें कहा गया है, “इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है कि हमारे सशस्त्र बल दमिश्क के पास के स्थानों से पीछे हट गए हैं.” सीरिया के राष्ट्रपति ने उन रिपोर्टों का खंडन किया कि असद ने दमिश्क छोड़ दिया है, उन्होंने कहा कि वह “राजधानी से अपने काम और राष्ट्रीय और संवैधानिक कर्तव्यों का पालन कर रहे थे”.
  5. एचटीएस की जड़ें अल-कायदा की सीरियाई शाखा में हैं. पश्चिमी सरकारों द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंधित, इसने हाल के वर्षों में अपनी छवि को नरम करने की कोशिश की है. जैसे-जैसे इस्लामी विद्रोही अधिक क्षेत्र पर कब्जा करते जा रहे हैं, वे अब अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में रहने वाले अल्पसंख्यक समूहों को आश्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं. अब्देल गनी ने कहा, “हम चाहते हैं कि सभी संप्रदायों को आश्वस्त किया जाए… क्योंकि सांप्रदायिकता और अत्याचार का युग हमेशा के लिए खत्म हो चुका है.”
  6. पिछले हफ़्ते शुरू हुए हमले के बाद से कम से कम 826 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज़्यादातर लड़ाके हैं, लेकिन 111 आम नागरिक भी शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि हिंसा की वजह से 3.7 लाख लोग विस्थापित हुए हैं.
  7. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि सीरिया को मास्को के सहयोगी राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेनाओं से लड़ने वाले “आतंकवादी” विद्रोहियों के हाथों में नहीं जाने दिया जाना चाहिए. कतर में एक कार्यक्रम में श्री लावरोव ने सीरिया में राजनीतिक समझौते के लिए 2015 के संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव का हवाला देते हुए कहा, “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 से शुरू होने वाले मौजूदा समझौतों का उल्लंघन करते हुए आतंकवादी समूह को भूमि पर नियंत्रण करने की अनुमति देना अस्वीकार्य है, जिसमें सीरियाई अरब गणराज्य की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और एकता को दृढ़ता से दोहराया गया है.”
  8. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के प्रवक्ता ने शुक्रवार को तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फिदान के साथ बातचीत में कहा कि उन्होंने “संघर्ष के राजनीतिक समाधान” का आह्वान किया है.
  9. हालांकि, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि अमेरिका को सीरिया की इस स्थिति में “शामिल नहीं होना चाहिए”. ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर कहा, “सीरिया की स्थिति खराब है, लेकिन हमारा मित्र नहीं है, उन्होंने कहा कि अमेरिका को इससे कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए. यह हमारी लड़ाई नहीं है. 
  10. इस बात का कोई सार्वजनिक संकेत नहीं मिला है कि बिडेन प्रशासन इस तरह के हस्तक्षेप पर विचार कर रहा है. ट्रम्प ने लंबे समय से एक अलगाववादी दृष्टिकोण अपनाया है, और इस साल के राष्ट्रपति अभियान के दौरान उन्होंने अक्सर कहा कि वह यूक्रेन और गाजा युद्धों को “जल्दी” समाप्त कर सकते हैं.

 


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