पूर्वोत्तर क्षेत्र से ही सुनिश्चित हो सकता है भारत का उदय : ज्योतिरादित्य सिंधिया

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नई दिल्ली:

अष्टलक्ष्मी महोत्सव में केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, भारत के उदय की शुरुआत पूर्वोत्तर क्षेत्र से ही सुनिश्चित हो सकती है. उन्होंने NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से चर्चा में कहा कि, पूर्वोत्तर भारत निश्चित रूप से देश का ग्रोथ एंजिन बनेगा. 

नार्थ-ईस्ट एक काम है देश का, यही सोचकर आज तक सरकारें काम करती आई थीं. लेकिन प्रधानमंत्री जी ने जो अष्टलक्ष्मी की परिकल्पना रखी. नार्थ-ईस्ट को आप भारत के विकास का एंजिन कह रहे हैं. यह कैसे होगा? इस सवाल पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, उत्तर पूर्व सिर्फ भारत का महत्वपूर्ण ग्रोथ एंजिन नहीं है. भारत में सूर्य की रोशनी की पहली किरण जब प्रचलित होती है तो वह अरुणाचल प्रदेश में प्रचलित होती है. तो भारत के उदय की शुरुआत पूर्वोत्तर क्षेत्र से ही सुनिश्चित हो सकती है. यह प्रधानमंत्री जी की परिकल्पना है. 

सिंधिया ने कहा कि, हम यह भी न भूलें कि विश्व स्तर पर जियो पॉलिटिकल, जियो इकानामिक डायनामिक्स पूर्ण रूप से परिवर्तित हो रहे हैं. वर्ल्ड आर्डर शिफ्ट हो रहा है. यह ग्लोबल साउथ की तरफ शिफ्ट हो रहा है. ग्लोबल साउथ की अगर हम बात करें तो साउथ-ईस्ट एशिया की जो कनेक्टिविटी की क्षमता हमारी नार्थ ईस्ट के पास है वह किसी भी राष्ट्र के पास विश्व में नहीं है.  

उन्होंने कहा कि, बांग्लादेश म्यांमार, ये तो स्वाभाविक है क्योंकि हमारी लैंड बार्डर है. नेपाल हो, भूटान हो… लेकिन वहां से आप अपना पूरा इकानामिक कॉरिडोर हमारा कम्बोडिया, मलेशिया, सिंगापुर.. आल द वे डाउन. उसी के साथ-साथ आपकी लॉजिस्टिक्स कास्ट भी.. आप अनुमान लगाएं कि हमारा उत्तर पूर्व में प्रोडक्शन है, अगर उसे रोड के द्वारा हम लोग अंतिम पोर्ट तक ले जाएं, वहां से उसका सीधा-सीधा एक्सपोर्ट हो तो लॉजिस्टिक्स कास्ट में भी कितनी गिरावट आ सकती है. क्षमताएं अपार हैं, उन पर हम कार्य कर रहे हैं. 2013-14 में भारत सरकार से टैक्स डिवेलूशन था पूर्व के आठों राज्यों को एक लाख 15 हजार करोड़ रुपये, आज हो रहा है साढ़े पांच लाख करोड़. यह पांच गुना ज्यादा है. हमारा जो 10 परसेंट जीबीएस की हम बात करते हैं, 24 हजार करोड़ की क्षमता थी, 10 साल पहले, आज वही एक लाख दो हजार करोड़ रुपये हो गई है. तो एक पूर्ण परिवर्तन आ रहा है. तो उत्तर पूर्वी भारत देश का ग्रोथ एंजिन बनेगा ही.

सिंधिया ने कहा कि यदि टूरिज्म की बात करें तो जहां देशी टूरिस्ट जहां एक करोड़ जाते थे आज करीब साढ़े तीन करोड़ जा रहे हैं. हम सारे मुख्यमंत्रियों के साथ एक टूरिज्म सेक्टर डेवलप कर रहे हैं. एक-एक राज्य की स्पेशियलिटी डेवलप कर रहे हैं.   

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक शाह ने सप्लाई चेन के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि, पहले त्रिपुरा में एक नेशनल हाईवे था, अब छह हैं. अब त्रिपुरा में तीसरा सबसे मजबूत इंटरनेट है. अब अगरतला से हर किस्म की ट्रेन चल रही है. बार्डर तक ट्रेन जा रही है. त्रिपुरा का एयरपोर्ट नार्थ-ईस्ट का एक बेस्ट एयरपोर्ट है. बांग्लादेश के साथ हमारा मैत्री सेतु भी बन गया है. चिटागांग में यह साउथ-ईस्ट एशिया का गेटवे बनने वाला था. यह अभी रुका हुआ है. त्रिपुरा अब पीसफुल स्टेट है. 

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा म्युजिक लेड टूरिज्म को डेलवप करने का अलग काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि, हम अवसरों को सही समय पर देख रहे हैं. इसके पीछे कारण यह है कि हमारे पास पॉलिटिकल लीडरशिप है. केंद्र सरकार से पिछले 10 साल में हमें बहुत सपोर्ट मिला. इन्फ्रास्ट्रक्चरल ग्रोथ, कल्चरल ग्रोथ, टूरिज्म ग्रोथ… सभी सेक्टरों में हमें बड़ा समर्थन मिला. इससे नार्थ ईस्ट की क्षमता सामने आई. छह-सात साल पहले हमारे राज्य की ग्रोथ रेट 6 परसेंट, 7 परेंसट पर लटकी थी लेकिन पिछले दो साल में हमने करीब 15 परसेंट के आंकड़े को छुआ. प्रधानमंत्री के इस क्षेत्र पर फोकस के कारण यहां की ग्रोथ रेट अच्छी हुई है. सही रणनीति के चलते सही नतीजे मिल रहे हैं.        
  
उन्होंने कहा कि, नार्थ ईस्ट का संगीत के साथ गहरा नाता है. उन्होंने कहा कि यदि आप संगीत और खेल के सेंटीमेंट्स को नहीं समझेंगे तो डेवलपमेंट मॉडल पूरा नहीं होगा. हम यूथ को इससे जोड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि, ब्रायन एडम्स की कंसर्ट हम 10 को आयोजित कर रहे हैं. यह एक निजी कार्यक्रम है. सरकार इसमें एक पैसा भी नहीं लगा रही है. टिकट से हो रहा है, हमें भी टिकट लेना होगा, इसमें कोई पास नहीं है. इसके अलावा 12 फरवरी को एक एड शिरीन का कार्यक्रम 12 फरवरी को है. इसके अलावा भी कई बैंड आने वाले हैं.


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