हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो : बांग्लादेश में चिन्मय दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई चिंता

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नई दिल्ली:

भारत के विदेश मंत्रालय ने आज एक बयान जारी कर चिन्मय दास की गिरफ्तारी और ज़मानत न दिए जाने पर गहरी चिंता जताई है और बांग्लादेश से सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को हाल ही में बांग्लादेश में गिरफ्तार कर लिया गया था. दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने 22 नवंबर को बांग्लादेश के रंगपुर में हिंदुओं के समर्थन में एक रैली की थी. माना जा रहा है कि इसी वजह से चिन्मय कृष्ण प्रभु के खिलाफ यह कार्रवाई की गई. दावा यह भी किया जा रहा है कि मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में बनी अंतरिम सरकार नहीं चाहती थी कि चिन्मय दास देश से बाहर निकलें और यही वजह रही कि वह जैसे ही एयरपोर्ट पर पहुंचे उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. वहीं अब इस पूरे मामले में भारत सरकार की प्रतिक्रिया आई है. 

अल्पसंख्यकों पर किए गए हमले: भारत सरकार

भारत सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमने श्री चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत से इनकार किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है. यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर किए गए कई हमलों के बाद हुई है. अल्पसंख्यकों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी और तोड़फोड़ और देवताओं और मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले दर्ज हैं.”

इसी साल अक्टूबर के महीने में बांग्लादेश की सरकार ने चिन्मय कृष्ण दास प्रभु पर देशद्रोह का आरोप लगाया था. साथ ही हिंदू संगठन से जुड़े कई लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज किए गए थे.

विदेश मंत्रालय ने बयान में आगे कहा “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से वैध मांगें पेश करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं.” मंत्रालय ने धार्मिक नेता की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हिंदुओं पर हमलों के बारे में भी चिंता व्यक्त की.

  • बांग्लादेश की एक अदालत ने आज चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत याचिका खारिज कर दी.
  • अदालत ने उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया है.
  • दास समेत 19 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं.
  • ढाका एयरपोर्ट से दास को गिरफ्तार किया गया था.

हिंदुओं को बांटने की साजिश

रंगपुर में हिंदुओं के समर्थन में जो रैली हुई थी, उसमें हिंदुओं पर हो रहे हमलों का विरोध किया गया था. इस रैली में यह कहा गया था कि बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार लगातार अल्पसंख्यकों को खासकर हिंदुओं को प्रताड़ित कर रही है. इसमें विरोध करते हुए कहा गया था कि बीएनपी के सहयोग से कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के लोग खुलेआम इस्कॉन और इस्कॉन भक्तों की हत्या करने की धमकियां दे रहे हैं. इस रैली में बांग्लादेश इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने कहा था कि यहां हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार के जरिए यहां की सरकार हिंदुओं को आपस में बांटने की साजिश रच रही है.

बांग्लादेश के मेहरपुर में इस्कॉन मंदिर पर हमला हुआ था. जिसको लेकर चिन्मय प्रभु ने कहा था कि हिंदू मंदिरों की सुरक्षा को लेकर वह चिंतित हैं. उन्होंने यहां कहा था कि हिंदू और अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के रास्ते भारत जा रहे हैं.

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