झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंचे सीएम योगी, पीड़ित परिजनों से की मुलाकात

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उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्‍चों की मौत हो गई. अस्पताल की आग में झुलसे कई बच्चे अभी भी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. इस बीच यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ झांसी के उस मेडिकल अस्पताल पहुंचे हैं, जहां ये दर्दनाक हादसा हुआ. सीएम योगी ने झांसी पहुंच पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. 

पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान

राज्य सरकार ने शनिवार को मृतकों के माता-पिता को 5-5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की.  शुक्रवार देर रात घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को मौके पर भेजा. मुख्यमंत्री रात भर घटनास्थल से हर पल की जानकारी लेते रहे. मुख्यमंत्री ने झांसी के संभागीय आयुक्त और पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) को घटना के संबंध में 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.

शॉर्ट सर्किट से लगी आग

जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) अविनाश कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज की नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में शुक्रवार रात करीब पौने 11 बजे आग लग गई, जो संभवतः शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘घटना में 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई है. झांसी मेडिकल कॉलेज के अन्य वार्ड में 16 बच्चों का इलाज जारी है.’

कई बच्चों का इलाज जारी

उन्होंने बताया कि यह घटना बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुई और उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुधा सिंह ने शनिवार की सुबह संवाददाताओं को बताया कि 16 घायल बच्चों का इलाज किया जा रहा है और उनकी जान बचाने के प्रयास जारी हैं. उन्होंने कहा कि उनके लिए सभी डॉक्टर उपलब्ध हैं और पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं भी हैं.

अस्पताल में बचाव अभियान पूरा

सुधा सिंह ने कहा कि 10 बच्चों की मौत हो गई और अन्य को या तो बचा लिया गया या वे घायल हैं. ऐसी भी जानकारी मिली है कि एनआईसीयू में आग लगने के बाद कुछ माता-पिता अपने बच्चों को घर ले गए. उन्होंने कहा कि पुलिस एनआईसीयू में भर्ती बच्चों की संख्या और उनकी वर्तमान स्थिति की पुष्टि करने का प्रयास कर रही है. सिंह ने कहा, ‘मेडिकल कॉलेज ने बताया है कि घटना के समय 52 से 54 बच्चे भर्ती थे. उनमें से 10 की मौत हो गई, 16 का इलाज जारी है जबकि अन्य के लिए सत्यापन जारी है.’ उन्होंने कहा कि देर रात करीब एक बजे एनआईसीयू में बचाव अभियान पूरा हो गया.



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