“ये काम पहले ही कर देते…”: खेल मंत्रालय के WFI को निलंबित करने के फैसले पर भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह
नई दिल्ली:
खेल मंत्रालय ने रविवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया. शीर्ष एथलीटों ने डब्ल्यूएफआई के नए निर्वाचित प्रबंधन को निलंबित करने के खेल मंत्रालय के कदम का स्वागत किया है. वहीं ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार ने देरी कर दी. विजेंदर सिंह, जो एक कांग्रेस नेता भी हैं, उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा… भाई छोरी की कुश्ती छुड़वा दी छोरे के पद्म श्री ले लिया अब बोले की फेडरेशन रद्द करदी यो काम पहले ही कर देते.
भाई छोरी की कुश्ती छुड़वा दी छोरे के पद्म श्री ले लिया अब बोले की फेडरेशन रद्द करदी 🙄 यो काम पहले ही कर देते
— Vijender Singh (@boxervijender) December 24, 2023
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ओलंपियन और पहलवान गीता फोगट ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उन्हें विश्वास है कि पहलवानों को आखिरकार न्याय मिलेगा. गीता फोगट ने लिखा कि खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित किया. भले ही देर से पर एक उम्मीद की किरण ज़रूर जागी है कि पहलवानों को इंसाफ़ मिलेगा.
खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित किया
भले ही देर से पर एक उम्मीद की किरण ज़रूर जागी है की पहलवानों को इंसाफ़ मिलेगा !!!!
— geeta phogat (@geeta_phogat) December 24, 2023
दरअसल खेल मंत्रालय ने आज डब्ल्यूएफआई को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया क्योंकि नवनिर्वाचित संस्था ने पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की थी. डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे. जिसमें पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी.
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) December 24, 2023
खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘‘नए निकाय ने डब्ल्यूएफआई संविधान का पालन नहीं किया. हमने महासंघ को बर्खास्त नहीं किया है बल्कि अगले आदेश तक निलंबित किया है. उन्हें बस उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन करने की जरूरत है.”
सूत्र ने निलंबन के कारणों के बारे में बताते हुए कहा, ‘‘डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने 21 दिसंबर 2023 को अध्यक्ष चुने जाने के दिन ही घोषणा की कि कुश्ती के लिए अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप साल खत्म होने से पहले ही उत्तर प्रदेश के गोंडा के नंदिनी नगर में होगी.”
उन्होंने कहा, ‘‘यह घोषणा जल्दबाजी में की गई है. उन पहलवानों को पर्याप्त सूचना दिए बिना जिन्हें उक्त राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना है. डब्ल्यूएफआई के संविधान के प्रावधानों का पालन भी नहीं किया गया.”
बता दें रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने गुरुवार को संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने का विरोध किया था और अपने कुश्ती के जूते टेबल पर रखते हुए कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी. दूसरी तरफ तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने विश्वस्त संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया था.
इन शीर्ष पहलवानों ने साल के शुरू में बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था जिन पर उन्होंने महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया था और यह मामला अदालत में लंबित है. (भाषा इनपुट के साथ)