“ऐसी अज्ञानता भयावह…” : पीरिएड्स के दौरान पेड लीव को लेकर स्मृति ईरानी के बयान पर बोलीं के. कविता
भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया, “मेंस्ट्रुएशन यानी मासिक धर्म कोई विकल्प नहीं है… यह एक बायोलॉजिकल रियलिटी है. पेड मेंस्ट्रुअल लीव से इनकार करना दरअसल अनगिनत महिलाओं के सहे जाने वाले वास्तविक दर्द को नजरअंदाज करना है.” के. कविता ने कहा कि वह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की प्रतिक्रिया से बहुत हैरान और मायूस हैं.
पेड मेंस्ट्रुअल लीव से भेदभाव को मिलेगा बढ़ावा
स्मृति ईरानी ने संसद में बुधवार को महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेड लीव (छुट्टी) दिए से जुड़े राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सांसद मनोज कुमार के सवाल पर जवाब दिया. ईरानी ने कहा, “एक महिला के तौर पर मैं जानती हूं कि पीरियड्स और मेंस्ट्रुएशन साइकिल परेशानी की बात नहीं हैं. पीरियड्स के दौरान ऑफिस से लीव मिलना महिलाओं से भेदभाव का कारण बन सकता है. कई लोग जो खुद मेंस्ट्रुएट नहीं करते हैं, लेकिन इसे लेकर अलग सोच रखते हैं. हमें उनकी सोच को आधार बनाकर ऐसे मुद्दों को नहीं उठाना चाहिए, जिससे महिलाओं को समान अवसर मिलने कम हो जाएं.”
मेंस्ट्रुअल प्रॉब्लम नहीं बल्कि नॉर्मल
स्मृति ईरानी ने संसद को बताया, “पीरिएड्स एक शारीरिक घटना है. सिर्फ कुछ ही महिलाओं/लड़कियों को पीरिएड्स के दौरान गंभीर दर्द से गुजरना पड़ता है. इनमें से ज्यादातर मामले दवा से कंट्रोल में आ जाते हैं”
इस तरह की अज्ञानता को देखना भयावह
स्मृति ईरानी के इस बयान पर हैरानी जताते हुए के. कविता ने कहा, “एक महिला के रूप में इस तरह की अज्ञानता को देखना भयावह है… हमारे संघर्षों के लिए… हमारी यात्रा के लिए… हम समान अवसर के हकदार हैं. इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता. लेकिन एक महिला के रूप में यह देखना निराशाजनक है. महिलाओं के सामने आने वाली वास्तविक चुनौतियों और हर चीज़ के लिए हमें जो संघर्ष करना पड़ता है, उसके प्रति सहानुभूति की कमी है.” बीआरएस नेता ने कहा, “अब समय आ गया है कि हम नीति-निर्माण और वास्तविकता के बीच की दूरी को सहानुभूति और तर्क से भर दें.”
ईरानी ने पीरियड हाइजीन को बताया महत्वपूर्ण
हालांकि, स्मृति ईरानी ने पीरियड हाइजीन को महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किए गए एक ड्राफ्ट का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि स्टेक होल्डर्स के सपोर्ट से यह नीति तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य पीरियड्स और हाइजीन को लेकर जागरूकता फैलाना है.
उन्होंने मौजूदा MHM (मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन) को बढ़ावा देने वाली योजना की बात की, जो 10 से 19 साल की लड़कियों के लिए है. इस योजना के जरिए में पीरियड से जुड़ी अवेयरनेस फैलना उद्देश्य है.
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