आकाश आनंद : लंदन से एमबीए ग्रेजुएट से मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी तक
नई दिल्ली:
बसपा (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने आज सुबह पार्टी पदाधिकारियों की एक अहम बैठक के बाद अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी की घोषणा कर दी. मायावती के बाद उनके भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) पार्टी की कमान संभालेंगे. हालांकि फिलहाल मायावती ही पार्टी प्रमुख बनी रहेंगी. मायावती की घोषणा के बाद यह सवाल हर किसी के मन में कौंध रहा है कि आकाश आनंद कौन हैं, जिन्हें मायावती पार्टी की कमान सौपेंगी.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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मायावती के भतीजे आकाश आनंद अब उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं. आनंद बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक हैं और उन्होंने हाल ही में हुए राजस्थान विधानसभा चुनावों में बसपा के प्रभारी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में बसपा के लिए काफी काम किया है. मायावती ने उन्हें दलितों, अल्पसंख्यकों, ओबीसी और आदिवासियों के मुद्दों को कवर करने वाले पार्टी के चुनाव अभियान की तैयारी और शुरुआत करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में तैनात किया था.
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आकाश आनंद ने 2017 में 22 साल की उम्र में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था. लंदन से एमबीए स्नातक आकाश आनंद की राजनीतिक शुरुआत उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मायावती के साथ एक रैली में हुई थी, जहां उन्होंने अखिलेश यादव और अजीत सिंह के साथ मंच साझा किया था.
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आकाश आनंद ने 2019 में उत्तर प्रदेश के आगरा में पहली बार रैली को संबोधित किया था. बसपा तब महागठबंधन का हिस्सा थी, जो 2019 के आम चुनाव के लिए अखिलेश यादव और मायावती के नेतृत्व में अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठित कांग्रेस और भाजपा विरोधी गुट था.
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इस साल की शुरुआत में पार्टी ने अपनी पदयात्रा आयोजित न करने की रणनीति में बदलाव किया है. आकाश आनंद ने 14 दिवसीय ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ संकल्प यात्रा शुरू की, जो राजस्थान में विधानसभा चुनावों और अगले साल होने वाले महत्वपूर्ण लोकसभा चुनाव से पहले बसपा की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत है.
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खबरों के मुताबिक, मायावती लंबे समय से आकाश आनंद को तैयार कर रही थीं. 28 साल के आकाश आनंद मायावती के भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. आनंद बसपा से जुड़े कार्यक्रमों में नियमित नजर आते हैं. इंस्टाग्राम पर वह खुद को बाबा साहेब के दृष्टिकोण का युवा समर्थक कहते हैं और खुद को शिक्षा, सशक्तिकरण और समानता के लिए खड़ा बताते हैं.