“पूरी कोशिश की थी, लेकिन…” : MP में “INDIA गठबंधन” पार्टियों के अलग-अलग चुनाव लड़ने पर कमलनाथ

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कमलनाथ गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम कर चुके हैं और अपने 40 साल के लंबे राजनीतिक कार्यकाल में शायद सबसे कड़े चुनावी मुकाबले का सामना करेंगे. चुनाव जीतने के लिए कमलनाथ अपने क्षेत्र में पुरजोर मेहनत कर रहे हैं. NDTV के साथ खास इंटरव्यू में कमलनाथ ने कहा कि इस बार का चुनाव मध्य प्रदेश का भविष्य तय करेगा.

एमपी के चुनाव में विपक्षी गठबंधन क्यों नहीं दिख रहा साथ?

मध्य प्रदेश चुनाव में आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और जेडीयू ने कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसा क्या हुआ कि एमपी के चुनाव में विपक्षी गठबंधन साथ नहीं आ पाया? इस सवाल पर कमलनाथ कहते हैं, “हमने पूरी कोशिश की थी कि समझौता हो जाए. बात नहीं बनी. क्यों कि जहां ये पार्टियां सीट मांग रही थी, हमारे स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे थे. इससे आखिर में बीजेपी को ही फायदा होता. हम सब का लक्ष्य है बीजेपी को हराना. इसलिए ऐसा कोई समझौता करना चाहिए, जिससे बीजेपी को नुकसान हो न कि उसे फायदा मिले. फिलहाल चुनाव बाद हमारा केंद्रीय नेतृत्व इस पर चर्चा करेगा कि हम सब एक होकर बीजेपी के खिलाफ उतरे.”

मध्य प्रदेश में 15 महीने के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, “इस बार का इलेक्शन कुछ अलग है. ये सिर्फ एक पार्टी या कैंडिडेट का सवाल नहीं है. मुझे मतदाताओं पर पूरा भरोसा है. मतदाता अपना भविष्य जरूर सुरक्षित रखेगी.” 

मध्य प्रदेश की जनता मेरे काम की गवाह-कमलनाथ

15 महीने की सरकार के कामों का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा, “मेरे पास 15 महीने की सरकार थी. इनमें से ढाई महीने तो लोकसभा चुनाव और आचार संहिता में चला गया. बाकी के महीने में हमने अपनी नीति और नीयत का परिचय दिया. मध्य प्रदेश की जनता इसकी गवाह है.” उन्होंने बताया, “हमने 27 लाख किसानों का कर्जा पहली ही किश्त में माफ कर दिया गया. कम रेट पर बिजली दी. पेंशन बढ़ाई. गौशाला बनाए. एक हजार गौशाला, जो मध्य प्रदेश के इतिहास में अब तक नहीं बने थे.”

चुनाव में कांग्रेस का महिलाओं पर खास फोकस क्यों?

इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का फोकस खासतौर पर महिलाओं पर फोकस है. ऐसा क्यों किया जा रहा है? इस सवाल पर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, “महिलाओं पर हमेशा हमारा फोकस रहा है. हमारा मानना है कि हर परिवार की क्रय शक्ति (पर्चेजिंग पावर) बढ़े. इसमें महिलाएं सबसे अहम जरिया हैं. इसलिए महिलाओं को लेकर हमने कई ऐलान किए हैं. उनको गैस सिलेंडर में राहत देंगे. महिलाएं परिवार की रक्षक हैं. लिहाजा उन्हें तो आगे बढ़ाना होगा.”

कैसी है कांग्रेस की मौजूदा स्थिति?

चुनाव होने के आखिरी दिनों में कमलनाथ हर रोज 8 से 10 रैलियां कर रहे हैं. कांग्रेस की स्थिति मौजूदा समय में क्या है? इस सवाल पर कमलनाथ ने कहा, “मध्य प्रदेश में कांग्रेस का मुकाबला सिर्फ बीजेपी से नहीं है, बल्कि बीजेपी के बाकी ऑर्गनाइजेशन से भी है. राजनीति आज बहुत लोकलाइज हो गई है. चार सालों में बीजेपी और इसके ऑर्गनाइजेशन से लड़ने के लिए कांग्रेस ने खुद को बहुत मजबूती से तैयार किया है. बीजेपी का अन्याय 17 नवंबर के बाद सामने आएगा.”

बीजेपी के काउंटर प्लान पर क्या कहा?

शिवराज सिंह चौहान 18 साल से सीएम हैं? आपको काउंटर करने के लिए भी उन्होंने भी अपनी योजनाओं का रकम बढ़ा दिया है. इसके अलावा मध्य प्रदेश में बीजेपी ने अपने 10 सांसदों को भी उतारा है. क्या माना जाए कि वो भी ऑल आउट जा रहे हैं? इसके जवाब में कमलनाथ कहते हैं, “बीजेपी समझ गई थी कि मध्य प्रदेश में इनकी जमीन खिसक रही है. इसलिए अपने 10 सांसदों को भी मैदान में उतार दिया है. अगर जनता को दिख रहा है कि मध्य प्रदेश में क्या हालात हैं, तो मैं समझता हूं कि बीजेपी भी इस सच्चाई से वाकिफ होगी.”

कमलनाथ ने कहा, “जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है. एक फिक्र भी बढ़ रही है. बीजेपी वोटर्स को साधने के लिए कांग्रेस के खिलाफ जांच एजेंसियों, पैसों का भी इस्तेमाल करेगी. बीजेपी बहुत महत्वाकांक्षी है और कुछ भी कर सकती है. पैसा, पुलिस और प्रशासन का चुनाव मैंने इससे पहले कभी नहीं देखा.”

ये कांग्रेस का चुनाव या सिर्फ कमलनाथ का?

इस सवाल का जवाब देते हुए कमलनाथ कहते हैं, “हम सब मिलकर लड़ रहे हैं. कांग्रेस संगठन लड़ रहा है. चूंकि मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं, इसलिए ये बात आती है कि कमलनाथ इलेक्शन लड़ रहे हैं. लेकिन कैंपेन में सबका योगदान है.”

सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में क्या होगा? 

ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर के बारे में पूछे गए सवाल पर कमलनाथ ने कहा, “हमने 35 साल बाद ग्वालियर के मेयर का चुनाव जीता. इससे पता चलता है कि ग्वालियर में क्या बदल रहा है. हमें उम्मीद है कि ग्वालियर में हम अच्छा परिणाम लाएंगे.”

सिंधिया की बगावत पर क्या बोले कमलनाथ?

अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया बगावत नहीं करते, तो क्या कमलनाथ की सरकार पूरे पांच साल चल जाती? इसके जवाब में कमलनाथ कहते हैं, “ये सीधा-सीधा सौदा किया गया था. जब मैं सीएम था, तो मेरे पास विधायक आते थे और बताते थे कि उन्हें इतने पैसे मिले. मैं उन्हें कहता था कि मौज करो. मैं कोई सौदा करने वाला नहीं हूं.” सिंधिया पर उन्होंने कहा, “ज्योतिरादित्य सिंधिया कुछ भी कहे… फर्क नहीं पड़ता. वो पहले बीजेपी के बारे में ऐसा कहते थे. अब चूंकि बीजेपी में हैं, तो कांग्रेस के बारे में अनाप-शनाप कहते हैं.”

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