Ahoi Ashtami 2023: आज है अहोई अष्टमी व्रत, ये है तारों के दिखने का सही समय, शाम के इतने बजे से शुरू होगा शुभ मुहूर्त

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अगर अहोई अष्टमी व्रत की शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो  5 नवंबर, रविवार यानी आज शाम 5 बजकर 42 मिनट से पूजा के शुभ मुहूर्त की शुरूआत हो रही है जो शाम 7 बजे तक रहेगी. माताएं इस बीच विधिवत रूप से मां अहोई की पूजा अर्चना कर सकती हैं.

अहोई अष्टमी का तारा कितने बजे निकलेगा 2023 |  Ahoi Ashtami Star Rise Time 2023

बात की जाए तारों को देखने की तो शाम को शाम 5 बजकर 58 मिनट पर तारों को देखने का शुभ समय है. ये तारों के निकलने का समय है. 

Tara sighting time in Delhi : दिल्ली वासी अहोई अष्टमी व्रत का तारा शाम 5 देख सकते हैं.

Tara sighting time in Jaipur: जयपुर में रहने वाले लोगों को 4 बजकर 55 मिनट पर तारा को देखने का सौभाग्य प्राप्त होगा.

 Tara sighting time in Lucknow : लखनऊ में तारा 5 बजकर 1 मिनट पर दिखेगा वही कानपुर में भी 5 बजे नजर आएगा.

Tara sighting time in Ghaziabad: अगर आप गाजियाबाद में रहती हैं तो आपके यहां तारा 5 बजकर 2 मिनट पर निकलेगा. सही समय पर छत पर चली जाएं.

Tara sighting time in Prayagraj : प्रयागराज में तारा 5 बजकर 1 मिनट पर निकलेगा, बिना देर किए समय पर चांद को देख लें.

Tara sighting time in Agra: अगर आप आगरा में रहते हैं और आपने अहोई अष्टमी व्रत किया है तो 5 बजकर 2 मिनट पर आपके यहां यह चांद दिखाई देगा.

Tara sighting time in Faridabad: फरीदाबाद – 5 बजकर 1 मिनट

Tara sighting time in Meerut: मेरठ – 5 बजकर 1 मिनट

Tara sighting time in Varanasi: वारणसी – 4 बजकर 52 मिनट पर

Tara sighting time in Bareli : बरेली – शाम 5 बजे

Tara sighting time in Gurugram : गुरुग्राम – 5 बजकर 2 मिनट

अहोई अष्टमी की पूजा कैसे करें |  Ahoi Ashtami puja vidhi in hindi

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सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें. पुत्र की लंबी आयु की कामना करें और अहोई अष्टमी व्रत का संकल्प लें. मां पार्वती की आराधना करें. गेरू से दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाएं और उनके साथ पुत्रों की तस्वीर बनाएं. फिर माता के सामने मौली, सिंघाड़ा, कटोरी रखकर अहोई अष्टमी के व्रत की कथा सुनें. पूजा करते समय लोटे में पानी और उसके ऊपर करवे में पानी रखें. करवा वही होना चाहिए जिसे आपने करवा चौथ में इस्तेमाल किया गया हो. शाम के समय इन सभी चित्रों की पूजा करें. उसके बाद लोटे के पानी से शाम को चावल के साथ तारों को अर्घ्य दें.

                                                                                                   (प्रस्तुति – रौशनी सिंह)

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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