डिजिटल बैंकिंग से कैसे अलग है डिजिटल रुपी में लेन-देन, समझें यहां
नई दिल्ली:
देश में डिजिटल रुपया (digital rupee) की लॉन्चिंग हो चुकी है. चार शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर आरबीआई (RBI) ने इसे बृहस्पतिवार को शुरू किया है. पहले चरण के ई-रुपया (e-Rupee) को नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया गया है. Digital Rupee के ट्रायल को फिलहाल सीमित उपयोगकर्ताओं के बीच शुरू किया गया है. इसमें चार बैंकों- भारतीय स्टेट बैंक (SBI), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), यस बैंक (YES Bank) और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) को शामिल किया गया है. इन ऋणदाताओं बैंकों के साथ-साथ ग्राहक और व्यापारी डिजिटल रुपये में लेनदेन कर सकेंगे.
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डिजिटल बैंकिंग से कैसे अलग होगा डिजिटल करेंसी में लेन-देन
बैंकिंग एक्सपर्ट संजय कुमार से बात करने पर उन्होंने बताया कि डिजिटल करेंसी में जब भी दो लोगों के बीच ही लेन-देन होगा तब इसकी जानकारी अन्य किसी को नहीं होगी. यानि एनोनिमिटी बनी रहेगी. यह सबसे बड़ा फर्क होगा जो आज की तारीख में नेट बैंकिंग या वॉलेट बैंकिंग या फिर किसी पेमेंट ऐप के माध्यम से लेनदेन करने के मौके पर नहीं होता है. साफ शब्दों में अभी आपको पेमेंट करने के लिए एक माध्यम की जरूरत होती है. आपके पेमेंट की जानकारी ऐप को और दोनों बैंकों को होती है. साथ ही गलत खाते में पेमेंट जाने की संभावना भी होती है. अकसर इस प्रकार के विवाद बन जाते हैं.
यहां यह भी साफ करना लाजमी हो जाता है कि इससे ब्लैकमनी की संभावना नहीं होगी क्योंकि वॉलेट में दिए गए रुपये का लेखा जोखा बना रहता है.
इससे यह भी साफ है कि अब लेन देन ज्यादा सुरक्षित भी हो जाएगा. बैंक द्वाया दिए गए वॉलेट में रुपये के जरिए कोई भी धारक अन्य किसी को क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट कर सकता है.
एक और खास बात यह है कि भारतीय करेंसी में उपलब्ध सभी डिनोमिनेशंस में पेमेंट की जा सकेगी. उपयोगकर्ता बैंक से इन डिनोमिनेशंस को अपने वॉलेट में रख सकता है और पेमेंट कर सकता है.
सवाल तमाम हैं कि आखिर वॉलेट की सुरक्षा कैसे होगी… क्या वॉलेट हैक होने का डर है. क्या फोन के जरिए ही इस प्रकार के लेन-देन होंगे… अगर ऐसे ही लेन देन होगा तब डिजिटल करेंसी की आवश्यकता क्या… इन सब सवालों के जवाब जल्द आपको दिए जाएंगे.
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