कश्मीरी युवक बंदूकें छोड़कर लोकतांत्रिक मार्ग अपनाएं: PDP नेता वहीद पारा
पार्टी की युवा इकाई के सम्मेलन को संबोधित करते हुए पारा ने कहा कि पांच अगस्त 2019 के बाद एक चीज नहीं बदली है जो युवाओं का मारा जाना है. केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटा दिया था.
उन्होंने कहा, “कश्मीरी युवा उससे पहले भी मारे जा रहे थे और अब भी मारे जा रहे हैं. वे उन्हें जो भी नाम दें, युवाओं की सुरक्षा की अब भी कोई गारंटी नहीं है.”
पारा ने कहा, “हमारे खिलाफ जो कुछ भी हुआ है, वह हिंसा या बंदूक की वजह से जायज है. हमें सतर्कता से फैसला लेना है कि जिद और बंदूकें काम नहीं करेंगी और हमें लोकतांत्रिक स्तर पर लड़ना होगा ताकि युवाओं के मारे जाने को जायज नहीं ठहराया जा सके.”
उन्होंने कहा कि कश्मीरी लोगों को और दलों तथा नेताओं की जरूरत नहीं है, लेकिन नेतृत्व की जरूरत है. पारा ने कहा कि कश्मीर में ‘शून्य’ है और हालात 1990 से बदतर हैं.
उन्होंने कहा, “न सिर्फ बंदूक थामे युवक, बल्कि टास्क फोर्स (पुलिस का विशेष अभियान समूह) और बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां भी. सरकार वही कर रही थी जो आतंकवादी कर रहे थे.”
पारा को जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने इस साल मई में ज़मानत दे दी थी. वह आतंकवाद का वित्तपोषण करने के मामले में 18 महीने जेल में रहे थे.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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