Labh Panchami 2022 Date: लाभ पंचमी कब है, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

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Labh Panchami 2022 Date: लाभ पंचमी कब है, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Labh Panchami 2022: इस दिन मनाई जाएगी लाभ पंचमी.

Labh Panchami 2022 Date, Shubh Muhurat, Puja Vidhi: हिंदू धर्म में लाभ पंचमी की खास महत्व दिया गया है. इसे सौभाग्य पंचमी के नाम से भी जानते हैं. इस दिन मां पार्वत और भगवान शिव की पूजा की जाती है. लाभ पंचमी (Labh Panchami kab hai) कार्तिक शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. इस साल लाभ पंचमी 29 अक्टूबर, शनिवार को मनाई जाएगी. लाभ पंचमी (Labh Panchami 2022) को सौभाग्य पंचमी के रूप में भी मनाया जाता है. आइए जानते हैं साल 2022 में लाभ पंचमी के लिए शुभ मुहूर्त पूजा विधि और महत्व के बारे में.

लाभ पंचमी 2022 तिथि और शुभ मुहू्र्त | Labh Panchami 2022 Date, Shubh Muhurat

पंचमी तिथि आरंभ- 29 अक्टूबर, शनिवार सुबह 8 बजकर 13 मिनट से

पंचमी तिथि समाप्त- 30 अक्टूबर, रविवार, सुबह 5 बजकर 49 मिनट पर

लाभ पंचमी पूजा मुहूर्त- सुबह 8 बजकर 13 मिनट से 10 बजकर 13 मिनट तक

लाभ पंचमी तिथि- 29 अक्टूबर, शनिवार

लाभ पंचमी का महत्व | Significance of Labh Panchami 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लाभ पंचमी का दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए शुभ होता है. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, इस दिन कोई भी नया बिजनेस शुरू किया जा सकता है. लाभ पंचमी का त्योहार गुजरात मे बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है. मान्यतानुसार, इस दिन बिजनेसमैन नया बहीखाता शुरू करते हैं. साथ ही बहीखाता पर रोली-चंदन से शुभ-लाभ लिखते हैं. 

लाभ पंचमी 2022 पूजा विधि | Labh Panchami 2022 Puja Vidhi


– लाभ पंचमी 29 अक्टूबर, शनिवार को है. ऐसे में इस दिन सुबह उठकर स्नान के बाद सबसे पहले हनुमान जी का स्मरण करें. 

– हनुमान जी को स्मरण करने के बाद पूजा स्थान पर भगवान शिव, मां पार्वती और श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित करें.

– इसके बाद सबसे पहले भगवान गणेश का आवाहन और पूजन करें. फिर बारी-बारी से सभी देवी देवताओं की पूजा करें. 

– देवी-देवताओं को चंदन, रोली, अक्षत, दूर्वा और दीप आदि अर्पित करें.

– पूजन के बाद मां लक्ष्मी और भगवान गणेश के मंत्रों का कम से कम 108 बार जाप करें.

– मंत्र जाप के बाद भगवान को उनक पसंदीदा भोग अर्पित करें. 

– भगवान गणेश को मोदक और भगवान शिव को दूध से बने सफेद पकवानों का भोग लगाया जाता है.

– पूजन के बाद भगवान गणेश मां लक्ष्मी और शिवजी की आरती करें.

– आरती के बाद क्षमाप्रार्थना करें. इसके बाद अंत में प्रसाद वितरित करके पूजन का समापन करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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