VIDEO: यूपी में सरकारी नौकरी के उम्मीदवारों से ठसाठस भरी ट्रेनें और बसें, दिखी अराजक स्थिति
कानपुर:
उत्तर प्रदेश के कई बस डिपो और रेलवे स्टेशनों पर शुक्रवार और शनिवार की रात को अराजकता की स्थिति देखी गई. राज्य सरकार की एक प्रमुख सेवा भर्ती परीक्षा के उम्मीदवारों के अपने परीक्षा केंद्रों से वापस लौटने के कारण यह स्थिति बनी. यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (PET) एक योग्यता परीक्षा है. इसमें हासिल अंकों के आधार पर उम्मीदवार राज्य में ग्रुप सी की सरकारी नौकरियों के लिए भविष्य में होने वाली भर्ती परीक्षा में बैठने के लिए पात्र हो जाता है.
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इस साल आज समाप्त हुई दो दिवसीय परीक्षा के लिए राज्य भर में 35 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था.
दक्षिणी यूपी के झांसी रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात में कैमरे में कैद किए गए दृश्यों में उम्मीदवारों से भरे प्लेटफॉर्म दिखाई दे रहे हैं. लोग ट्रेनों में चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. पत्रकारों ने ट्रेन के डिब्बों के अंदर के भी दृश्य कैंमरे में कैद किए जिनमें खड़े होने के लिए भी जगह दिखाई नहीं दे रही है. इसी तरह के दृश्य पश्चिमी यूपी के हापुड़ रेलवे स्टेशन पर देखे गए. वहां कुछ उम्मीदवारों को चलती ट्रेनों में चढ़ते हुए फिल्माया गया.
लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर, अपने परीक्षा केंद्रों से लौट रहे कई उम्मीदवारों ने NDTV को बताया कि बस स्टॉप और रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों में भीड़भाड़ के कारण उन्हें परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा.
22 वर्षीय प्रभात वर्मा का परीक्षा केंद्र लखनऊ में था. उन्होंने एनडीटीवी को बताया, “मैंने प्रयागराज से एक बजे ट्रेन पकड़ी और सुबह 6 बजे यहां पहुंचा. कोई विशेष ट्रेन नहीं थी, कोई व्यवस्था नहीं थी.”
अमेठी से लखनऊ की यात्रा करने वाले रवि कुमार मौर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पर्याप्त व्यवस्था नहीं की थी. मौर्य ने एनडीटीवी से कहा, “परीक्षा केंद्र इतनी दूर क्यों आवंटित किए गए? और अगर ऐसा था, तो पर्याप्त व्यवस्था क्यों नहीं की गई?”
यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने आज बरेली बस स्टैंड पर उम्मीदवारों से बात की. उन्होंने आज शाम को परीक्षा समाप्त होने के बाद पर्याप्त बसें उपलब्ध कराने का वादा किया.
कई विपक्षी नेताओं ने वीडियो और तस्वीरें ट्वीट करते हुए कहा है कि उम्मीदवारों के सामने आई समस्याओं और अराजकता की स्थिति के लिए यूपी सरकार जिम्मेदार है.
सरकार ने दावा किया है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित और विपक्षी नेताओं द्वारा ट्वीट किए जा रहे कई वीडियो फर्जी हैं और परीक्षार्थियों के लिए अतिरिक्त ट्रेनों और बसों की व्यवस्था की जा रही है.