नहीं रहा मंदिर में रहने वाला शाकाहारी मगरमच्छ बाबिया, 70 साल से सिर्फ प्रसाद खाकर भरता था पेट
Vegetarian Crocodile Babiya passed away: केरल (kerala) स्थित श्री अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर (sri Ananthapadmanabha swamy temple) में रहने वाले ‘शाकाहारी मगरमच्छ’ (crocodile) का निधन हो गया. ‘बबिया’ (babiya) नाम से मशहूर इस मगरमच्छ ने बीती रात अपने प्राण त्याग दिए. यह मगरमच्छ मंदिर की झील में बीते 70 सालों से रह रहा था. इस मगरमच्छ के बारे में सबसे खास बात यह थी कि ये दुनिया का एकमात्र शाकाहारी मगरमच्छ (vegetarian crocodile) था. मंदिर प्रशासन का दावा है कि वह सिर्फ मंदिर का प्रसाद खाकर अपना पेट भरता था. मंदिर के पुजारियों के अनुसार, ‘दिव्य’ मगरमच्छ अपना अधिकांश समय गुफा के अंदर बिताता था और दोपहर में बाहर निकलता था.
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Devotees turn up to pay their last respects to Babiya.
For over seven decades at Ananthapura Lake Temple, Babiya was the cynosure of all eyes.
PS: The second photo was inadvertently attributed to Babiya in the previous tweet.@LostTemple7https://t.co/FbBUhGVgsNpic.twitter.com/iGtwL7PJ4K
— Shobha Karandlaje (@ShobhaBJP) October 10, 2022
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मगरमच्छ बाबिया उस गुफा की रक्षा करता था, जिसमें भगवान गायब हो गए थे. मंदिर के अधिकारियों ने रविवार की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे मगरमच्छ को झील में मृत पाया. एक वह झील में मृत अवस्था में तैर रहा था. इसके बाद मंदिर प्रशासन ने तुरंत पुलिस और पशुपालन विभाग को सूचना दी और फिर मृत ‘बबिया’ को झील से बाहर निकाला गया. इसके बाद बबिया को शीशे के एक बॉक्स में रखा गया. सोमवार को कई नेताओं ने बबिया के अंतिम दर्शन किए. और उसका अंतिम संस्कार किया गया.
Babiya, the god’s own crocodile of Sri Anantapura Lake temple has reached Vishnu Padam.
The divine crocodile lived in the temple’s lake for over 70years by eating the rice & jaggery prasadam of Sri Ananthapadmanabha Swamy & guarded the temple.
May she attain Sadgati, Om Shanti! pic.twitter.com/UCLoSNDiyE
— Shobha Karandlaje (@ShobhaBJP) October 10, 2022
मगरमच्छ बाबिया तालाब में रहने के बावजूद मछलियां और दूसरे जलीय जीवों को नहीं खाता था. दिन में दो बार वह भगवान के दर्शन करने निकलता था. स्थानीय लोग भी बताते हैं कि बबिया सिर्फ मंदिर में पूजा के दौरान चढ़ाया गया प्रसाद ही खाता था. जिसमें पके हुए चावल और गुड़ होता था. भक्त निडर होकर उसे अपने हाथों से प्रसाद खिलाया करते थे. केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने बबिया के निधन को लेकर एक ट्वीट किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, पिछले 70 साल से मंदिर में रहने वाले ‘भगवान के मगरमच्छ’ को सद्गति प्राप्त हो.
Final rituals of Crocodile #Babiya at Sri Anantapura Temple in #Kasaragod which left for heavenly abode yesterday. Devotees turn up in huge numbers to pay last respects to Babiya.
For over seven decades at Ananthapura Lake Temple, Babiya was the focus of devotees & tourists. pic.twitter.com/876zGnaTHr
— Adv K Shreekanth (@AdvkShreekanth) October 10, 2022
ऐसी मान्यता है कि सदियों पहले एक महात्मा इसी श्री आनंदपद्मनाभ स्वामी मंदिर में तपस्या करते थे. इस दौरान भगवान कृष्ण बालक का रूप धरकर आए और अपनी शरारतों से महात्मा को परेशान करने लगे. इससे गुस्साए तपस्वी ने उन्हें मंदिर परिसर में बने तालाब में धक्का दे दिया. लेकिन जब ऋषि को गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने तालाब में उस बच्चे को खोजा, लेकिन पानी में कोई नहीं मिला और एक गुफा जैसी दरार दिखाई दी. माना गया कि भगवान उसी गुफा से गायब हो गए थे. कुछ समय बाद एक मगरमच्छ उसी गुफा से निकलकर बाहर आने लगा और वही मगरमच्छ मंदिर में रहने लगा.
Babiya Crocodile Last rites done with chanting of Vishnu Sahasra nama 🙏 pic.twitter.com/LcIntczIkM
— Adarsh Hegde (@adarshahgd) October 10, 2022
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