इजरायल ने गाजा में पूरी शिक्षा प्रणाली को खत्म कर दिया : मलाला यूसुफजई
इस्लामाबाद:
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) ने रविवार को कहा कि वह गाजा में इजरायल द्वारा अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाना जारी रखेंगी. मलाला पाकिस्तान द्वारा आयोजित मुस्लिम देशों में लड़कियों की शिक्षा पर आयोजित एक वैश्विक शिखर सम्मेलन में बोल रही थीं. इसमें दर्जनों देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस दौरान मलाला ने कहा कि
उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “गाजा में, इजरायल ने पूरी शिक्षा प्रणाली को खत्म कर दिया है.”
नागरिकों पर अंधाधुंध हमला किया गया: मलाला
मलाला ने कहा, “उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों पर बमबारी की है, 90 प्रतिशत से अधिक स्कूलों को नष्ट कर दिया और स्कूल की इमारतों में शरण लेने वाले नागरिकों पर अंधाधुंध हमला किया है. मैं इजरायल द्वारा अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाना जारी रखूंगी.”
यूसुफजई को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने उस वक्त गोली मार दी थीं, जब वह 15 साल की स्कूली छात्रा थीं. आतंकी उनकी एज्युकेशन एक्टिविज्म से नाराज थे.
यूनाइटेड किंगडम जाने के बाद उनकी हालत में सुधार आया और 17 साल की उम्र में मलाला सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता बन गईं.
‘फिलिस्तीनी बच्चों का जीवन और भविष्य खो गया’
उन्होंने कहा, “फिलिस्तीनी बच्चों ने अपना जीवन और भविष्य खो दिया है. अगर एक फिलिस्तीनी लड़की के स्कूल पर बमबारी होती है और उसका परिवार मारा जाता है तो उसे वह भविष्य नहीं मिल सकता है, जिसकी वह हकदार है.”
आधिकारिक इजरायली आंकड़ों पर आधारित एएफपी तालिका के मुताबिक, 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने हमला किया था, जिसके कारण इजरायली पक्ष के 1,208 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे. साथ ही फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने 251 लोगों को बंधक बना लिया था. 94 गाजा पट्टी में हैं और 34 को इजरायली सेना ने मृत घोषित कर दिया है.
हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, गाजा में इजरायल के जवाबी सैन्य हमले में 46,537 लोग मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश नागरिक हैं.
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