भोपाल सेंट्रल जेल में मिला चीनी ड्रोन, सुरक्षा पर उठे सवाल

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भोपाल:

भोपाल सेंट्रल जेल में चीनी ड्रोन मिलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है और आरोप है कि जेल प्रशासन इस घटना को दबाने की कोशिश कर रहा है. इसका कारण उनकी लापरवाही मानी जा रही है. यह ड्रोन बी-ब्लॉक में एक ड्यूटी गार्ड ने देखा था, जो हाई-सिक्योरिटी ‘अंडा सेल’ से बहुत दूर नहीं था.

यह ड्रोन कहां से आया और कब आया, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. गश्त कर रहे जेल प्रहरी ने इसे पहली बार देखा था. प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि यह एक चीनी ड्रोन है, जिसमें दो लेंस लगे हुए हैं. हालांकि, अभी तक की जांच में किसी संदिग्ध वस्तु का पता नहीं चला है. फिलहाल, गांधीनगर पुलिस की तकनीकी एक्सपर्ट टीम ड्रोन की जांच कर रही है और पूरी जांच के बाद ही मामले का खुलासा होगा.

भोपाल सेंट्रल जेल को अपनी सुरक्षा के लिए आईएएसओ सर्टिफिकेशन मिला है और इसके दरवाजे पर इसका प्रचार भी किया गया है. हालांकि, यह मामला अब और दिलचस्प हो गया है कि आठ दिनों तक ड्रोन जेल में पड़ा रहा, लेकिन जेल प्रशासन इसे नहीं देख पाया.

जेल अधीक्षक राकेश बांगरे ने बताया कि 31 दिसंबर को यह ड्रोन नियंत्रण से बाहर होकर उस जगह गिरा. उन्हें यह ड्रोन 9 जनवरी को मिला और इसके मालिक भी अब सामने आ गए हैं.

ड्रोन में दो कैमरे हैं, एक ऊपर और दूसरा नीचे. एक डॉक्टर ने दावा किया है कि यह ड्रोन उनका है, जिसे उन्होंने अपने बेटे के लिए खरीदा था. भोपाल पुलिस कमिश्नर हरि नारायणचारी मिश्रा अपनी टीम के साथ चाइनीज ड्रोन लेकर सेंट्रल जेल पहुंचे और ड्रोन मालिक डॉक्टर स्वप्निल जैन के साथ इसका परीक्षण किया. हालांकि, भोपाल सेंट्रल जेल की सुरक्षा में कई परतें हैं, जिसमें जैमर और सीसीटीवी की निगरानी भी शामिल है.

भोपाल की सेंट्रल जेल देश की संवेदनशील जेलों में से एक मानी जाती है. भोपाल सेंट्रल जेल में खूंखार कैदियों के साथ कई आतंकी बंद है. जिनमें सिमी, हिज्ब उत तहरीर HUT, पीएफआई, ISIS और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश यानी कि JMB जैसे संगठन शामिल हैं. यह सभी आतंकी जेल की हाई सेक्योरिटी सेल में बंद है.



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