52 साल की गोली श्यामला ने तैरकर किया 150 किमी का सफर, आंध्र CM नायडू बोले- ये असाधारण साहस की कहानी
नई दिल्ली:
आंध्र प्रदेश की तैराक गोली श्यामला गारू (Goli Shyamala Garu) ने अपने दृढ़ निश्चय और असाधारण साहस से असंभव को संभव कर दिखाया है. गारू ने 52 साल की उम्र में विशाखापत्तनम से काकीनाडा तक 150 किमी तक तैराकी कर हर किसी को हैरान कर दिया है. इस दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. हालांकि उन्होंने हर चुनौती का बखूबी सामना किया. उन्होंने अपने निश्चय को डिगने नहीं दिया और यह उपलब्धि हासिल की. इस बड़े और बेहद चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को पूरा करने के लिए अब देश और दुनिया में उनकी जमकर प्रशंसा की जा रही है और बधाइयां दी जा रही है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी उन्हें बधाई दी है.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक्स पर पोस्ट अपने बधाई संदेश में लिखा, “52 साल की उम्र में गोली श्यामला गारू की विशाखापत्तनम से काकीनाडा तक 150 किमी की तैराकी असाधारण साहस और दृढ़ संकल्प की कहानी है. छह दिनों के दौरान आंध्र प्रदेश की इस बेटी को अपनी यात्रा में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन आखिरकार साहस से जीत हासिल की. उनकी यात्रा न सिर्फ नारी शक्ति का ज्वलंत उदाहरण है, बल्कि मानवीय भावना की शक्ति का प्रतिबिंब है. उन्होंने अपनी इस सराहनीय उपलब्धि से लाखों लोगों को प्रेरित करते हुए बहुमूल्य समुद्री जीवन की रक्षा करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है. बधाई हो, श्यामला गारू.”
At 52, Goli Shyamala Garu’s 150 km swim from Visakhapatnam to Kakinada is a story of extraordinary courage and determination. During six days, this daughter of Andhra Pradesh faced numerous challenges on her journey but ultimately prevailed with courage. Her journey is not just a… pic.twitter.com/D67DksCs0T
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) January 4, 2025
विशेषज्ञों की टीम ने रखा सुरक्षा का ध्यान
श्यामला गारू को यह उपलब्धि हासिल करने में छह दिन का वक्त लगा. उन्होंने 28 दिसंबर को विशाखापत्तनम से समुद्र में तैरना शुरू किया था.
इस समुद्री यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा का भी पूरा खयाल रखा गया. डॉक्टरों और स्कूबा गोताखोरों सहित एक दर्जन से अधिक विशेषज्ञों की एक टीम ने उनकी सुरक्षा पर नजर रखी.
पाक जलडमरूमध्य भी तैर चुकी है श्यामला
श्यामला काकीनाडा जिले के समरलकोटा गांव में रहती हैं और यह कोई पहला मौका नहीं है, जब उन्हें इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की है. इससे पहले वह भारत और श्रीलंका को बांटने वाले 30 किमी लंबे पाक जलडमरूमध्य में भी तैराकी कर चुकी हैं. उन्होंने यह उपलब्धि 2021 में हासिल की थी.