संसद में संविधान पर बहस, 12 साल बाद भी इतने दर्द में क्यों हैं निर्भया के मां-बाप?
नई दिल्ली:
देश को झकझोर को रख देने वाले दिल्ली के निर्भया कांड को आज 12 साल हो गए हैं. संसद में संविधान पर चर्चा के बीच निर्भया के पिता ने अपनी बेटी के साथ उस दर्दनाक दिन की बरसी पर कुछ बड़ी बातें कहीं. उन्होंने संसद के दरवाजे आपराधिक पृष्ठभूमि के नेताओं के लिए पूरी तरह बंद करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इसके लिए संविधान में संशोधन करना पड़े तो वह करना चाहिए. संसद में आज ऐसे नेता भी बैठे हैं, जिन पर केस चल रहे हैं. ऐसे लोगों से महिलाओं की सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है.
हम यह नहीं कहते हैं कि कुछ नहीं बदला है. बहुत कुछ बदला है. सरकारें बदल जाती हैं. पता नहीं क्या क्या बदल जाता है. अगर कुछ नहीं बदला है तो हमारी महिलाओं के साथ क्राइम. महिलाओं के साथ कुछ भी नहीं बदला है. आज भी क्राइम वैसे ही हो रहे हैं. हम क्राइम का डेटा तो जुटा लेते हैं, हम यह क्यों नहीं जुटाते हैं कि एक साल में कितनों को सजा मिली. कितनों को इंसाफ मिला. तो हम महिलाओं की सुरक्षा और इंसाफ की बात करें तो कहीं न कहीं हम 2012 में ही खड़े हैं.
निर्भया की मां
संसद में क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले नेता भी : निर्भया की मां
उन्होंने कहा, ‘संसद में जो आज भी ऐसे नेता बैठे हैं, जो ठीक नहीं हैं.उनके ऊपर केस चल रहे हैं. वे नारी सुरक्षा पर बहस क्या करेंगे. हमने तो यहां तक सुना है कि बाहर आकर ठहाके लगाए जाते हैं कि यह तो होता ही रहता है. कौन सुरक्षा करेगा? जिसके अंदर दिल नहीं है, जो किसी महिला की हालत को देखकर रोया नहीं, वह मनुष्य कैसा? चाहे वह नेता हो,अभिनेता हो या फिर आम आदमी ही क्यों न हो.’
साथ ही उन्होंने कहा कि संविधान जब बना है, तो ऐसा तो नहीं बना होगा कि उसमें लिख दिया गया हो कि जो अपराधी है, वह वहां जा सकता है. हमें तो ऐसा लगता नहीं है. आज तो संसद में देखिए क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले नेता भी बैठे हैं. जेल में होते हैं, वहां से टिकट मिलता है और वे जीत जाते हैं.
निर्भया के पिता ने कहा कि बाबा भीमराव अंबेडकर ने अपने बनाए संविधान में यह नहीं लिखा कि अपराधियों को संसद में आने की अनुमति दी जानी चाहिए. हम नहीं मानते कि उनकी मंशा यही थी. आज जब आप संसद को देखते हैं, तो अपराधी वहां मौजूद होते हैं. उन्हें वहां नहीं होना चाहिए, लेकिन किसी तरह, वे वहां पहुंच जाते हैं.
Delhi: Nirbhaya’s father says, “Baba Bhimrao Ambedkar, in the Constitution he created, did not write that criminals should be allowed in Parliament. We don’t believe this is what he intended. But today, when you look at Parliament, criminals are present there. They are not… pic.twitter.com/sbsY3a9Olc
— IANS (@ians_india) December 16, 2024
क्रिमिनलों को संसद में नहीं भेजना चाहिए : निर्भया की मां
निर्भया की मां ने कहा कि आखिर किसने बदला है संविधान को. इसको खत्म करके क्रिमिनलों को संसद में नहीं भेजना चाहिए. पक्ष और विपक्ष के नेताओं की इस पर बहस करनी चाहिए. इससे ही महिलाओं की सुरक्षा होगी. आज महिलाओं के सशक्तिकरण की बात की जाती है, लेकिन यह क्या चीज है. आज महिला पढ़ेगी-लिखेगी तो क्या वह काम नहीं करेगी, क्या वह सशक्त नहीं हो जाएगी. उसकी सुरक्षा सबसे जरूरी है.
निर्भया की मां ने कहा कि एक छोटे बच्चे को हम पैदा कर देते हैं. उसकी हम सुरक्षा नहीं करेंगे तो वह क्या बनेगा. आज आप देख रहे हैं कि अमीर गरीब सभी वर्गों में आज महिलाएं भी काम कर रही हैं.
एजुकेशन और हेल्थ आज बिजनस हो गया है : निर्भया की मां
साथ ही सवाल किया कि आज धनी लोग जो हैं, उनके बच्चे क्रिमिनल क्यों बन रहे हैं? उसके पास तो सारी सुविधाएं हैं. उनको पैदा होते ही आया को दे दिया जाता है. आया क्या करेगी? उसकी जो बुद्धि है वही तो वह करेगी. बच्चे को छोड़ दिया, तो वह एजुकेशन के नाम पर वह क्या करेगा. मनुष्य को आज क्या चाहिए, एजुकेशन चाहिए और हेल्थ चाहिए. लेकिन यह आज बिजनस हो गया है.
निर्भया की वकील सीमा कुशवाह ने कहा कि निर्भया केस को बारह साल हो गए हैं, लेकिन हमारे देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध जारी हैं.
New Delhi: On the 12 years of the Nirbhaya case, Nirbhaya’s lawyer, Seema Kushwaha says, “It has been twelve years since the Nirbhaya case, but crimes against women continue in our country. When the Nirbhaya case occurred, it not only affected the entire nation but also deeply… pic.twitter.com/x87eiccnTG
— IANS (@ians_india) December 16, 2024