यादें: जाकिर हुसैन के क्रिकेट खेलने पर थी पाबंदी, उठाया बल्ला तो पापा से पड़ती थी डांट- जब तबले से निकाली ट्रेन की आवाज

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यादें: जाकिर हुसैन के क्रिकेट खेलने पर थी पाबंदी, उठाया बल्ला तो पापा से पड़ती थी डांट- जब तबले से निकाली ट्रेन की आवाज

जाकिर हुसैन के क्रिकेट खेलने पर क्यों थी पाबंदी


नई दिल्ली:

मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में निधन हो गया है. तबले पर अपने हाथ की थाप से संगीत का जादू पैदा करने वाले उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में हुआ. उनके परिवार के अनुसार, जाकिर हुसैन की मृत्यु इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के कारण हुई. वह पिछले दो सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थे. जाकिर हुसैन ने अपने करियर में 4 ग्रैमी अवॉर्ड जीते. लेकिन तबले से जादू पैदा करने वाला यह उस्ताद अब इस दुनिया में नहीं रहा. लेकिन उनसे जुड़े यादें हमेशा संगीत प्रेमियों के बीच रहेंगी.

लेकिन आप जानते हैं कि जाकिर हुसैन को बचपन में क्रिकेट खेलना बेहद पसंद था. लेकिन इसी क्रिकेट खेलने की वजह से उन्हें अपने पिता और मशहूर तबला वादक अल्लाह रक्खा से खूब डांट पड़ी थी. हुआ ये था कि उन्हें क्रिकेट खेलने का शौक था. लेकिन उनके पिता चाहते थे कि एक तबला वादक बनें. अब पिता ने कहा कि अगर क्रिकेट खेलते हुए उंगलियों पर चोट लग गई तो तबला कैसे बजाओगे इस तरह उस्ताद जाकिर हुसैन को तबले पर हाथ जमाने के लिए क्रिकेट से खुद को दूर करना पड़ा. इस बात की जानकारी उस्ताद जाकिर हुसैन ने दूरदर्शन के एक इंटरव्यू के दौरान दी थी.

जाकिर हुसैन ने अपने करियर में चार ग्रैमी पुरस्कार हासिल किए, जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी पुरस्कार में मिले थे. भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक जाकिर हुसैन को 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्मभूषण और 2023 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था. उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था. उस्ताद अल्ला रक्खा जैसे महान तबला संगीतकार के बेटे जाकिर हुसैन ने बचपन से ही तबले पर अपनी उंगलियों से संगीत का जादू जगाना शुरू कर दिया था. जाकिर हुसैन का पहला म्यूजिक कॉन्सर्ट जब हुआ था, तब उनकी उम्र महज 11 साल थी. उन्होंने 12 साल की उम्र में अमेरिका में शो किया था. उसमें उन्हें 5 रुपये मिले थे.



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