कांग्रेस के माथे पर लगा इमरजेंसी का पाप कभी धुलने वाला नहीं : संविधान पर चर्चा के दौरान PM मोदी
नई दिल्ली:
संविधान पर चर्चा के दौरान PM मोदी ने कई महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की है. पीएम मोदी ने कहा कि हमने संविधान की एकता की भावना के अनुरूप नई शिक्षा नीति में मातृभाषा को बहुत बल दिया है और अब गरीब परिवार के बच्चे मातृभाषा में पढ़ाई करके डॉक्टर-इंजीनियर बन सकते हैं: उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातों पर भी अपनी राय रखी है, जो निम्नलिखित हैं.
75 वर्ष की ये उपलब्धि साधारण नहीं है
75 वर्ष की ये उपलब्धि साधारण नहीं है, असाधारण है. जब देश आजाद हुआ और उस समय भारत के लिए जो-जो संभावनाएं व्यक्त की गई थी उन संभावनाओं को निरस्त करते हुए, परास्त करते हुए भारत का संविधान हमें यहां तक ले आया है.
🔴WATCH LIVE : लोकसभा में संविधान पर चर्चा, PM मोदी का समापन भाषण #PMModi | #LokSabha | #Constitution
https://t.co/EFCRRcRDdk— NDTV India (@ndtvindia) December 14, 2024
इसलिए इस महान उपलब्धि के लिए, संविधान निर्माताओं के साथ साथ देश के कोटि-कोटि नागरिकों का आदरपूर्वक नमन करता हूं.संविधान के 75 वर्ष की यात्रा यादगार यात्रा है और विश्व के सबसे महान और विशाल लोकतंत्र की यात्रा है.
‘इमरजेंसी में संविधान को नोंचा गया, कांग्रेस के माथे से ये पाप नहीं धुलेगा’ : सदन में संविधान पर PM मोदी #PMModi | #LokSabha | #Constitution pic.twitter.com/0dPQxvh2x4
— NDTV India (@ndtvindia) December 14, 2024
इसकी मूल में हमारे संविधान निर्माताओं की दीर्घ दृष्टि, हमारे संविधान निर्माताओं के योगदान और जिसको लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं, ये 75 वर्ष पूर्ण होने पर एक उत्सव मनाने का पल है.
हमने देश को एक किया है- पीएम मोदी
हमारी सरकार के निर्णयों में लगातार भारत की एकता को मजबूती देने का प्रयास किया जाता रहा है, अनुच्छेद 370 एकता में रुकावट बना हुआ था और इसलिए हमने जमीन में गाड़ दिया: प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में कहा. हमने संविधान की एकता की भावना के अनुरूप नई शिक्षा नीति में मातृभाषा को बहुत बल दिया है और अब गरीब परिवार के बच्चे मातृभाषा में पढ़ाई करके डॉक्टर-इंजीनियर बन सकते हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में कहा, मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि संविधान निर्माताओं के दिमाग में एकता की भावना थी, लेकिन आजादी के बाद देश की एकता के मूल भाव पर प्रहार हुआ और गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोग विविधता में एकता की जगह विरोधाभास खोजते रहे: प्रधानमंत्री मोदी.
‘आर्टिकल 370 देश की एकता में रुकावट था, इसलिए उसे जमीन में गाड़ दिया’ : सदन में संविधान पर PM मोदी #PMModi | #LokSabha | #Constitution pic.twitter.com/nlcPJ5TgeU
— NDTV India (@ndtvindia) December 14, 2024
देश की राष्ट्रपति एक महिला हैं- नरेंद्र मोदी
जब हम संविधान लागू होने के 75 वर्ष का उत्सव मना रहे हैं तो अच्छा संयोग है कि राष्ट्रपति पद पर एक महिला आसीन हैं जो संविधान की भावना के अनुरूप भी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में कहा, भारत का गणतांत्रिक अतीत विश्व के लिए प्रेरक रहा है और इसलिए देश को लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है.
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर किया प्रहार
- कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, इस परिवार ने हर स्तर पर संविधान को चुनौती दी: प्रधानमंत्री मोदी.
- भारत का लोकतंत्र भारत का गणतांत्रिक अतीत बहुत समृद्ध और विश्व के लिए प्रेरक रहा है. तभी तो भारत आज मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में जाना जाता है.
- हमारा संविधान भारत की एकता का आधार है. विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता भारत की एकता है.
- विविधता में एकता ये भारत की विशेषता रही है और इस देश की प्रगति भी विविधता को सेलिब्रेट करने में है.
- लेकिन गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोगों ने, भारत का भला न देख पाने वाले लोगों ने… वो विविधता में विरोधाभास ढूढंते रहे.
- इतना ही नहीं, विविधता जो हमारा अमूल्य खजाना है उसको सेलिब्रेट करने के बजाय उस विविधता में ऐसे जहरीले बीज बोने के प्रयास करते रहे, ताकि देश की एकता पर चोट पहुंचे.