केरल में आज होगी भारी बारिश; चार जिलों के लिए रेड अलर्ट, दिल्ली में हट सकता है GRAP IV

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नई दिल्ली:

पुडुचेरी के पास शनिवार को पहुंचा चक्रवात ‘फेंगल’ रविवार को कमजोर पड़ गया. हालांकि, इसके प्रभाव से केंद्र-शासित प्रदेश में होने वाली मूसलाधार बारिश की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और बाढ़ग्रस्त सड़कों पर फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना को आगे आना पड़ा. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने केरल में सोमवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है. सुप्रीम कोर्ट सोमवार को तय करेगा कि क्या GRAP IV हटाया जा सकता है? 

मौसम विभाग ने केरल के चार जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है और दो दिसंबर को कुछ स्थानों पर भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. आईएमडी के अनुसार, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड और कन्नूर के उत्तरी जिलों में सोमवार को अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है.

मौसम विभाग ने कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की और त्रिशूर जिलों को ‘ऑरेंज अलर्ट’ के तहत रखा है जबकि पत्तनमथिट्टा, अलाप्पुझा, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.

भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) ने भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और अधिकारियों के निर्देशानुसार सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है. एसडीएमए ने कहा कि नदी के किनारे और बांध के जलग्रहण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी आधिकारिक निर्देशों के अनुसार स्थान खाली कर देना चाहिए.

प्राधिकरण ने यातायात को नियंत्रित करने और लोगों की गैर-जरूरी आवाजाही को प्रतिबंधित करने की सलाह दी. साथ ही चेतावनी दी कि प्रमुख सड़कों पर जलभराव और खराब दृश्यता के कारण यातायात जाम हो सकता है.

चक्रवात ‘फेंगल’ कमजोर पड़ा, बारिश से जनजीवन प्रभावित

पुडुचेरी के पास शनिवार को पहुंचा चक्रवात ‘फेंगल’ रविवार को कमजोर पड़ गया. हालांकि, इसके प्रभाव से केंद्र-शासित प्रदेश में होने वाली मूसलाधार बारिश की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और बाढ़ग्रस्त सड़कों पर फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना को आगे आना पड़ा. बुजुर्गों ने कहा कि पुडुचेरी में पिछले तीन दशक में प्रकृति का ऐसा प्रकोप नहीं देखा गया था.

तमिलनाडु के विल्लुपुरम में भी बारिश और बाढ़ से भारी नुकसान हुआ. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जिले में बारिश को ‘अभूतपूर्व’ करार दिया. अधिकारियों ने बताया कि चेन्नई हवाई अड्डे पर परिचालन आधी रात के बाद फिर से शुरू हो गया, लेकिन शुरुआत में कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और कई विमानों ने देरी से उड़ान भरी. हालांकि, बाद में दिन में परिचालन सामान्य हो गया. चक्रवात के मद्देनजर चेन्नई हवाई अड्डे पर सेवाएं शनिवार को निलंबित कर दी गई थीं.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से उपलब्ध कराई गई ताजा जानकारी के मुताबिक, चक्रवात ‘फेंगल’ कमजोर पड़कर गहरे दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील हो गया है. आईएमडी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘उत्तर तटीय तमिलनाडु और पुडुचेरी के पास पहुंचा चक्रवाती तूफान ‘फेंगल’ पिछले 12 घंटों के दौरान व्यावहारिक रूप से स्थिर रहा और अब यह कमजोर होकर एक गहरे दबाव वाले क्षेत्र में बदल गया है और एक दिसंबर 2024 को पूर्वाह्न 11.30 बजे पुडुचेरी के करीब, कुड्डालोर से लगभग 30 किलोमीटर उत्तर में, विल्लुपुरम से 40 किलोमीटर पूर्व में और चेन्नई से 120 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में अक्षांश 12.0 डिग्री उत्तर और 79.8 डिग्री पूर्व देशांतर के पास उसी क्षेत्र पर केंद्रित था.’

पोस्ट के मुताबिक, चक्रवात के अगले 12 घंटे के दौरान बहुत धीमी गति से पश्चिम की तरफ बढ़ने और उत्तरी तमिलनाडु में धीरे-धीरे कमजोर होकर दबाव में बदलने की संभावना है.

पुडुचेरी में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, क्योंकि केंद्र-शासित प्रदेश में 46 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई. यह 31 अक्टूबर 2004 के 21 सेंटीमीटर का रिकार्ड टूट गया. भारी बारिश के कारण बाहरी इलाके में सभी आवासीय क्षेत्र जलमग्न हो गए. चक्रवाती तूफान के प्रभाव से विभिन्न स्थानों पर पेड़ उखड़ गए. शनिवार को रात 11 बजे से अधिकांश मोहल्लों में बिजली आपूर्ति ठप है.

भारतीय सेना ने फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए बाढ़ग्रस्त इलाकों में अपने सैनिकों और नौकाओं को तैनात किया. रक्षा विभाग की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, पुडुचेरी में कृष्णा नगर सहित तीन जगहों से लगभग 200 लोगों को बचाया गया. कई आवासीय कॉलोनियों में पानी भर गया और निवासी घंटों तक अपने घरों से बाहर नहीं निकल सके. निवासियों ने कहा कि सड़कों पर खड़े दोपहिया वाहन और कारें बारिश के पानी में आंशिक रूप से डूब गईं.

सभी दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. सरकार ने निचले इलाकों से निकाले गए लोगों के लिए राहत केंद्र स्थापित किए हैं. ज्यादातर मुख्य मार्गों और सड़कों पर पानी भर गया, जिससे दैनिक जीवन बाधित हुआ. फसलों को भारी बारिश का खामियाजा भुगतना पड़ा और परिवहन सेवाएं भी प्रभावित हुईं.

पांडिचेरी हेरिटेज राउंड टेबल 167 जैसे स्वैच्छिक संगठनों ने राहत शिविरों में रहने वाले लोगों को भोजन के पैकेट की आपूर्ति करने में सरकार की मदद की. 

इस बीच, चेन्नई में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने संवाददाताओं को चक्रवात और शहर व अन्य जगहों पर इसके प्रभाव के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विल्लुपुरम में भारी बारिश हुई और पिछले 24 घंटों में जिले के मैलम में 49 सेंटीमीटर, नेम्मेली में 46 सेंटीमीटर और वनूर में 41 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई. स्टालिन ने कहा, ‘विल्लुपुरम में अभूतपूर्व बारिश हुई है और हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं.’

कुछ जगहों पर बाढ़ प्रभावित स्थानीय निवासियों को निकालने के लिए नावें तैनात की गई थीं और जिला मंत्री (वन) के पोनमुडी बचाव और राहत प्रयासों की देखरेख कर रहे थे.

पोनमुडी के कैबिनेट सहयोगी एसएस शिवशंकरन और वी सेंथिल बालाजी भी प्रभावित क्षेत्र पहुंचेंगे, जबकि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों की एक टीम जिले में डेरा डाले हुए थी.

स्टालिन ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 12 टीम को पुडुचेरी से लगभग 40 किलोमीटर और चेन्नई से लगभग 170 किलोमीटर दूर स्थित विल्लुपुरम भेजा गया है.

उन्होंने बताया कि विल्लुपुरम के पास कुड्डालोर में भी भारी बारिश हो रही है और उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन को दोनों जिलों में बचाव एवं राहत प्रयासों की निगरानी के लिए भेजा गया है.

स्टालिन ने कहा, ‘दोनों जिलों पर नजर रखी जा रही है. हम केंद्र से विल्लुपुरम, कुड्डालोर और चेंगलपेट में नुकसान का आकलन करने के लिए एक टीम नियुक्त करने का अनुरोध करने जा रहे हैं.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई जिलों में सरकार बारिश कम होने के बाद ही प्रभावित लोगों को राहत देने पर विचार कर सकती है. उन्होंने कहा कि खड़ी फसलों को हुए नुकसान की समीक्षा भी बारिश रुकने के बाद ही की जा सकती है. स्टालिन ने कहा कि इस मामले पर चर्चा की जाएगी और राज्य सरकार बाद में केंद्र को अवगत कराएगी.

चेन्नई के बारे में उन्होंने कहा कि शनिवार को शहर में भारी बारिश के बावजूद एहतियाती उपायों और गाद निकालने की गतिविधियों के कारण कई हिस्सों में बाढ़ नहीं आई. उत्तर चेन्नई में बड़ी मोटर का इस्तेमाल करके पानी निकाला गया. विभिन्न क्षमता के लगभग 1,700 मोटर पंप तैयार रखे गए थे. स्टालिन ने कहा कि चेन्नई के 22 सबवे में से 21 पर यातायात सुचारू था, जबकि एक सबवे रेलवे से जुड़े कार्य के कारण पहले ही बंद था.

उन्होंने बताया कि 32 शिविरों में 1,000 से अधिक लोगों को रखा गया है और उन्हें भोजन एवं पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. स्टालिन के अनुसार, रविवार तक 9.10 लाख भोजन पैकेट वितरित किए गए, जबकि राज्य संचालित अम्मा कैंटीन के माध्यम से मुफ्त भोजन प्रदान किया जा रहा है और इससे लगभग 1.07 लाख लोगों को लाभ हुआ है.

दिल्ली में क्या हटेंगे प्रतिबंध?

क्या GRAP IV हटाया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट द्वारा सोमवार को इस बारे में निर्देश दिए जाने की संभावना है. दिल्ली का  वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रविवार को एक महीने बाद 300 से नीचे आ गया है. उत्तर-पश्चिमी हवाओं और पर्याप्त धूप ने प्रदूषण के फैलाव पर नियंत्रण में मदद की. सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि GRAP IV के तहत लगाए गए प्रतिबंध जारी रखे जाएं या उनमें ढील दी जाए?

उत्तराखंड में बारिश की कमी

उत्तराखंड में बारिश की कमी से बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है. इससे सेब और गेहूं की फसल पर भी बुरा असर पड़ रहा है. उत्तराखंड में नवंबर का महीना बिना बारिश के गुजर गया, हालांकि दिसंबर में अगले हफ्ते बारिश होने का अनुमान है. बारिश की कमी के कारण सेब और गेहूं की फसलों को नुकसान पहुंचा है. बिजली उत्पादन में 26 फीसदी की कमी आई है.

(इनपुट भाषा से भी)


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