कश्मीर को फिर से दहलाना चाहते थे आतंकी, खुफिया विभाग ने ऐसे किया बेनकाब

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नई दिल्ली:

आतंकवादी जम्मू कश्मीर को फिर से दहलाने की कोशिश में लगे हुए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, लश्करे तैयबा जम्मू-कश्मीर में बड़ी साजिश के फिराक में था, मगर खुफिया विभाग की सतर्कता ने इस साजिश को रोक दी है. जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान में मौजूद लश्कर तैयबा के बड़े कमांडर्स एक बार फिर राजौरी को बनाना चाह रहे थे निशाना. हमले को लेकर खुफिया अलर्ट थी. इस खुफिया अलर्ट के मुताबिक लश्कर ए तैयबा आतंकियों का एक ग्रुप POK के कोटली पहुंचा है.

इस ग्रुप को पाकिस्तान में मौजूद लश्कर ए तैयबा का आतंकी सज्जाद हुसैन गाइड कर रहा है. ये आतंकी राजौरी और उसके आसपास के इलाकों की रेकी भी कर चुके हैं और हथियारों से लैश हैं. इस खुफिया अलर्ट में लश्कर के तैयबा एक कमांडर कतल सिंधी भी POK में रजौरी के पास रुका हुआ है और आतंकियों को टारगेट दे रहा है. ये सभी आतंकी राजौरी में घुसकर टारगेट किलिग या बड़ा आतंकी हमला करने की फिराक में है.

कौन है कतल सिंधी?

 कतल सिंधी लश्कर का वही कमांडर है जो साल 2023 में राजोरी में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड भी था. 2023 में राजौरी आतंकी हमले में 7 से ज़्यादा लोगो की मौत हो गई थी. जिसके बाद साल 2024 में NIA ने लश्कर ए तैयबा के 5 आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी जिसमे 3 पाकिस्तान हैंडलर शामिल थे.

NIA की इस चार्जशीट में सैफुल्ला उर्फ साजिद जट्ट, मोहम्मद कासिम, अबू कतल उर्फ कतल सिंधी, निसार अहमद, हाजी निसार, और मुस्ताक हुसैन उर्फ चाचा शामिल थे.जिसमे सैफुल्ला और कतल पाकिस्तान नागरिक थे.

जबकि कासिम 2002 में भारत से पाकिस्तान लश्कर जॉइन करने गया था. इन्ही तीन आतंकियों ने राजौरी हमले की प्लानिंग की थी और आतंकियों की भर्ती कर उन्हें हमले के लिए भेजा था. कतल सिंधी 2002 में भी भारत  आया था और उस वक्त वो पुंछ में एक्टिव था. जिसके बाद में वो लगातार पाकिस्तान में रहकर भारत विरोधी गतिविधियों और लश्कर के सारे ऑपरेशन में एक मुख्य किरदार है


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