महाराष्‍ट्र विधानसभा में विपक्षी पार्टियों को इस बार नहीं मिलेगा नेता प्रतिपक्ष का पद, यह है कारण 

0 2


नई दिल्‍ली :

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों (Maharashtra Assembly Election Results) में विपक्षी गठबंधन को भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा है. हालांकि घाव पर नमक छिड़कने वाली बात यह है कि महाविकास अघाड़ी में शामिल शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी ( एसपी) में से कोई भी पार्टी महाराष्‍ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद के लिए पात्र नहीं है. विधानसभा की 288 सीटों में से 10 प्रतिशत यानी 29 सीटों वाली पार्टी इस पद पर दावा कर सकती है. हालांकि एमवीए की कोई भी पार्टी अपने दम पर इतनी सीटों पर जीत दर्ज नहीं कर सकी हैं. 

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें जीती हैं तो कांग्रेस ने 16 और एनसीपी (एसपी) ने 10 सीटें जीती हैं. 

कई अन्‍य राज्‍यों में भी नहीं है नेता प्रतिपक्ष 

विपक्षी गठबंधन भले ही अपनी सभी जीती सीटें जोड़कर आवश्यक संख्या हासिल कर लेगा. हालांकि नियमों के मुताबिक, विपक्ष के नेता के पद के लिए पार्टियों की संयुक्त सीटों पर विचार नहीं किया जाता है. 

इसलिए मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए 15वीं महाराष्ट्र विधानसभा 16वीं लोकसभा की तरह ही विपक्ष के नेता के बिना काम कर सकती है. आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, मणिपुर, नागालैंड और सिक्किम राज्यों में भी कम से कम 10 प्रतिशत सीटों वाली विपक्षी पार्टियों की कमी के कारण इस पद पर कोई नहीं है. 

बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन की जीत 

लोकसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन ने शानदार वापसी की है और महाराष्ट्र पर कब्जा बरकरार रखा है. 

सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने 288 सीटों में से 235 सीटों पर जीत हासिल की है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने 132 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की है. 

शरद पवार और उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका 

यह नतीजे शरद पवार और उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका हैं, क्योंकि विधानसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टियों में विभाजन हो गया था. बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना जून 2022 में उस वक्‍त विभाजन हो गया था जब एकनाथ शिंदे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर उनकी सरकार गिरा दी थी, जबकि पवार के भतीजे अजित पवार 2023 में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गए थे. उसके बाद से ही गुटों के बीच वर्चस्‍व की जंग देखने को मिल रही है. 

नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों ने इस जीत को “ऐतिहासिक” बताया है. हालांकि यह चर्चा का विषय है कि महाराष्‍ट्र का अगला मुख्‍यमंत्री कौन होगा. भले ही कई लोग शीर्ष पद के लिए उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के पक्ष में हैं, लेकिन उन्होंने और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दोनों ने कहा है कि सभी दल मिलेंगे और तय करेंगे कि नेता कौन होगा. 


Source link

Leave A Reply

Your email address will not be published.