MCD मेयर चुनाव LIVE : दिल्ली नगर निगम में AAP का कब्जा बरकरार, महेश खिंची बने मेयर
दिल्ली:
दिल्ली में गुरुवार (14 नवंबर) को भारी हंगामे के बीच MCD मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव हुए. दिल्ली के नगर निगम में आम आदमी पार्टी (AAP) ने फिर से कब्जा कर लिया है. AAP पार्षद महेश खिंची (Mahesh Khinchi ) नए मेयर बन गए हैं. उन्हें 133 वोट मिले हैं. BJP के किशन पाल को 130 वोट मिले हैं. इस साल BJP के पार्षदों की संख्या 120 थी, लेकिन उसके उम्मीदवार को 10 वोट ज़्यादा मिले. महेश खिंची देव नगर वार्ड नंबर 84 से पार्षद हैं. अब वो मौजूदा मेयर शैली ओबेरॉय की जगह लेंगे.
AAP ने कहा- ये दिल्ली की जनता की जीत
महेश खिंची के MCD मेयर का चुनाव जीतने के बाद आम आदमी पार्टी ने X पर सदन में जश्न की तस्वीरें पोस्ट की हैं. AAP की तरफ से लिखा गया, “दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले, आम आदमी पार्टी ने फिर दी भाजपा को पटख़नी दी है. आम आदमी पार्टी के महेश कुमार खिंची जी MCD मेयर चुनाव में जीत हासिल कर दिल्ली के नए मेयर चुने गये हैं. ये जीत सिर्फ़ आम आदमी पार्टी की नहीं, बल्कि दिल्ली की जनता की जीत है.”
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले, आम आदमी पार्टी ने फिर दी भाजपा को पटख़नी✌️
आम आदमी पार्टी के महेश कुमार खिची जी MCD मेयर चुनाव में जीत हासिल कर दिल्ली के नए मेयर चुने गये हैं।
ये जीत सिर्फ़ आम आदमी पार्टी की नहीं, बल्कि दिल्ली की जनता की जीत है। pic.twitter.com/4xDVPq68xZ
— AAP (@AamAadmiParty) November 14, 2024
5 महीने का होगा खिंची का कार्यकाल
इस साल मेयर की सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है. MCD के मेयर चुनाव को लेकर BJP और AAP के बीच 7 महीने से खींचतान चल रही थी. अप्रैल में होने वाले चुनाव नवंबर में कराए गए. ऐसे में नए मेयर का कार्यकाल सिर्फ 5 महीने का ही होगा. क्योंकि अगले साल अप्रैल में फिर से इलेक्शन होने हैं.
#WATCH | AAP’s Mahesh Kumar Khichi elected as Delhi’s new mayor
Visuals from the Delhi’s Civic Centre pic.twitter.com/0YrvwTeole
— ANI (@ANI) November 14, 2024
दोपहर 2 बजे शुरू हुई थी वोटिंग, कांग्रेस ने किया वॉकआउट
दिल्ली नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के लिए गुरुवार दोपहर 2 बजे वोटिंग शुरू हुई और शाम 5:20 बजे खत्म हुई. वोटिंग के दौरान कांग्रेस के 8 पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. मेयर चुनाव के बीच ही कांग्रेस को झटका लगा है. मोहम्मद खुशनूद और उनकी पार्षद बीवी सबीला बेगम ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदयता से इस्तीफा दे दिया. सबीला मुस्तफ़ाबाद वार्ड 243 से पार्षद थीं. इस इस्तीफे के बाद पार्टी के बाकी पार्षदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.
मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के कैंडिडेट?
MCD के मेयर चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी की ओर से महेश खिंची को उम्मीदवार बनाया गया था. BJP ने मेयर पद के लिए किशन लाल को मैदान में उतारा. AAP ने डिप्टी मेयर उम्मीदवार के तौर पर रविंदर भारद्वाज को उतारा. ये अमन विहार में वार्ड नंबर 41 से पार्षद हैं. वही, BJP ने अपना मेयर उम्मीदवार किशन लाल और डिप्टी मेयर पद के लिए नीता बिष्ट को घोषित किया था.
BJP पार्षद सत्या शर्मा बनी थीं पीठासीन अधिकारी
पीठासीन अधिकारी (Presiding Officer) और BJP पार्षद सत्या शर्मा ने ये चुनाव कराया है. MCD के एडमिनिस्ट्रेटर LG वीके सक्सेना ने पीठासीन अधिकारी के लिए सत्या शर्मा को चुना था. वो सदन में सबसे सीनियर पार्षद हैं. चुनाव की प्रक्रिया के दौरान पार्षदों के सदन में मोबाइल ले जाने पर रोक लगा दी गई थी.
VIDEO | “I thank the MPs, MLAs, councillors, everyone for making me win in this election,” says AAP’s Mahesh Kumar Khichi after winning Delhi mayoral polls. pic.twitter.com/TLRbOrTKRy
— Press Trust of India (@PTI_News) November 14, 2024
कौन हैं महेश कुमार खिंची?
महेश कुमार खिंची करोल बाग विधानसभा क्षेत्र के देव नगर के वार्ड 84 से आम आदमी पार्टी के पार्षद हैं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के मोतीलाल नेहरू कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई की है.
सदन में अभी किसके कितने पार्षद?
ये मुकाबला इसलिए भी दिलचस्प हो गया है, क्योंकि BJP के 114 पार्षद हैं और AAP के 127 पार्षद हैं. जबकि कांग्रेस के 8 पार्षद हैं. निर्दलीय उम्मीदवार 3 सीटों पर जीते थे. लेकिन, इस बीच कुछ पार्षदों ने पाला बदल लिया है. जैसे आम आदमी पार्टी के 8 पार्षद BJP में चले गए. कांग्रेस के एक पार्षद ने आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली थी.
किन्हें मिला वोटिंग का अधिकार?
वैसे दिल्ली में पार्षदों की संख्या 250 होती है, लेकिन BJP की पार्षद कमलजीत शेहरावत सांसद बन गईं. इसलिए एक सीट खाली है. ऐसे में मेयर चुनाव में MCD के 249 पार्षद वोटिंग करने वाले थे. लेकिन कांग्रेस के सभी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया है. इसके अलावा 14 विधायक, दिल्ली से लोकसभा के सभी 7 सांसद और राज्यसभा के 3 सांसद भी वोटिंग में हिस्सा लेते हैं. इन 10 सांसदों ने पहले वोट डाला.
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AAP और BJP कितनी मजबूत?
दिसंबर 2022 में हुए नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 134 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कुछ पार्षदों के पाला बदलने पर AAP के पास 127 पार्षदों का समर्थन है. इसके अलावा 14 विधायक दिल्ली विधानसभा की ओर से नॉमिनेट हैं. इनमें से 13 आम आदमी पार्टी के और 1 BJP के विधायक हैं. दिल्ली के सभी 7 लोकसभा सांसद BJP के हैं. जबकि 3 राज्यसभा सांसद को भी वोट करना होता है, ये सभी आम आदमी पार्टी के हैं.
क्या है बहुमत का आंकड़ा?
MCD में बहुमत का आंकड़ा 137 है. AAP के पास 127 पार्षद+ 13 विधायक+ 3 राज्यसभा सांसद+ 1 निर्दलीय पार्षद= 144 नंबर हैं.
BJP के पास 103 पार्षद+ 8 AAP के ज्वॉइन किए पार्षद+ 7 लोकसभा सांसद+ 1 विधायक+ 1 निर्दलीय= 120 नंबर हैं.
कांग्रेस के पास केवल 8 पार्षद हैं. जो वॉकआउट कर चुके हैं.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पिछली बार मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में काफ़ी हंगामा हुआ था. लिहाजा इस बार सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सदन के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. पूरे नगर निगम मुख्यालय को छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
हर साल क्यों बदलता है MCD का मेयर?
MCD का कैलेंडर फाइनेंशियल ईयर की तरह होता है. यानी इसका कार्यकाल हर साल 1 अप्रैल से शुरू होता है और अगले साल 31 मार्च तक खत्म होता है. दिसंबर 2022 में MCD के इलेक्शन हुए थे. इसमें AAP ने 15 साल से काबिज BJP को हराया था. AAP ने MCD इलेक्शन में 134 सीटों पर जीत हासिल की थी. MCD एक्ट के मुताबिक, मेयर का इलेक्शन हर साल होना है. पहले साल ये पद महिला पार्षद के लिए रिजर्व रहता है. इसलिए AAP पार्षद शैली ओबेरॉय फरवरी 2023 में मेयर चुनी गई थीं.
दूसरे साल में मेयर का पद जनरल कैटेगरी के लिए रिजर्व रहता है. चुनाव अप्रैल में होना था, लेकिन विवाद के कारण हो नहीं पाया. अब चुनाव कराए जा रहे हैं. तीसरा साल SC कैटेगरी के लिए रिजर्व है. इसके बाद बाकी के दो साल मेयर के पद के लिए फिर से जनरल कैटेगरी के लिए रिजर्व रखे गए हैं.
कैसे बढ़ता का शैली ओबेरॉय का एक्सटेंशन?
दरअसल, दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव पहले 26 अप्रैल को होना था, लेकिन प्रिसाइडिंग ऑफिसर यानी पीठासीन अधिकारी तय न हो पाने के कारण इसे टाल दिया गया. नगर निगम के सेक्रेटरी ने एक नोटिस जारी कर बताया कि दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट, 1957 के सेक्शन 77(a) के तहत पीठासीन अधिकारी का नॉमिनेशन जरूरी है. जिसके बाद चुनाव टाल दिए गए थे. फिर नए मेयर के चुनाव होने तक मौजूदा मेयर शैली ओबेरॉय को पद पर बने रहने को कहा गया.