धुएं में घुट रहा दिल्ली का दम, लगातार 14वें दिन AQI है 400 पार

0 3


नई दिल्ली:

दिल्ली की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है. हवा में बढ़ते प्रदूषण की वजह से अब तो लोगों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है. आलम ये है कि दिल्ली की जहरीली आबोहवा का लोगों की सेहत पर भी बुरा असर हो रहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब बनी हुई है. मंगलवार को यहां का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 354 दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार राजधानी दिल्ली में सुबह 5:55 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 354 दर्ज किया गया है. जबकि दिल्ली एनसीआर के शहर फरीदाबाद में एक्यूआई 229, गुरुग्राम में 222, गाजियाबाद में 320, ग्रेटर नोएडा में 285 है.

Latest and Breaking News on NDTV

खराब श्रेणी में दिल्ली का AQI

दिल्ली के इलाकों के नाम AQI@ 6.00 AM कौन सा जहर कितना औसत
आनंद विहार 403 PM 2.5 का लेवल हाई 403
मुंडका 405 PM 2.5 का लेवल हाई 405
वजीरपुर 421 PM 2.5 का लेवल हाई 411
जहांगीरपुरी 419 PM 10 का लेवल हाई 403
आर के पुरम 366 PM 2.5 का लेवल हाई 366
ओखला  351 PM 2.5 का लेवल हाई 351
बवाना 392 PM 2.5 का लेवल हाई 392
विवेक विहार 385 PM 2.5 का लेवल हाई 385
नरेला 356 PM 2.5 का लेवल हाई 356
0 से 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’, 401 और 500 के बीच AQI को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.

मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले दिनों में भी हालात ऐसे ही रह सकते हैं. इससे एक दिन पहले यानि सोमवार को दिल्ली में सुबह 7:30 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 347 दर्ज किया गया है. जबकि दिल्ली एनसीआर के शहर फरीदाबाद में एक्यूआई 165, गुरुग्राम में 302, गाजियाबाद में 242, ग्रेटर नोएडा में 271 और नोएडा में 237 बना था. इस दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी में एक्यूआई सबसे अधिक 409 दर्ज किया गया.

अक्टूबर और नवंबर में धान की कटाई के बाद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को अक्सर दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है.
Latest and Breaking News on NDTV

दिल्ली में धुआं होने की वजहें ये हैं

Latest and Breaking News on NDTV

चूंकि धान की कटाई के बाद रबी की फसलों, विशेषकर गेहूं की बुवाई के लिए बहुत कम समय होता है, इसलिए कुछ किसान अगली फसल की बुवाई के लिए फसल अवशेषों को जल्दी से जल्दी साफ करने के लिए अपने खेतों में आग लगा देते हैं.

पटाखों को लेकर दिल्ली पुलिस पर सुप्रीम कोर्ट नाराजगी जताते हुए कई बड़े सवाल पूछे हैं. कोर्ट ने कहा कि ⁠पटाखों पर बैन सिर्फ आईवॉश है.  क्या किसी को प्रदूषण फैलाने का मौलिक अधिकार है? प्रतिबंध पूरे साल होना चाहिए. सिर्फ दीवाली पर नहीं. शादियों और चुनाव जीतने के दौरान पटाखे जलाए जा रहे हैं, पुलिस ने क्या कार्रवाई की है? क्या दिल्ली पुलिस यह दावा कर रही है कि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लागू किया गया है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध था.⁠ क्या पुलिस ने बिक्री पर प्रतिबंध लगाया, आपने जो कुछ जब्त किया है, वह पटाखों का कच्चा माल हो सकता है.

 दिल्ली में प्रदूषण के बारे में कुछ और बातें

  • सर्दियों में वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण होता है. 
  • दिल्ली की खराब परिवहन प्रणाली से होने वाला प्रदूषण स्थानीय स्रोतों से होने वाले प्रदूषण का 50 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा है. 
  • दिवाली के बाद से दिल्ली में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. 
  • वायु गुणवत्ता को हवा में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की मात्रा से मापा जाता है.  
  • धुएं के संपर्क में आने से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है और मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियां और भी खराब हो सकती हैं.

वायु प्रदूषण के मद्देनजर पार्किंग शुल्क दोगुना करने की योजना

एमसीडी निजी वाहनों के उपयोग को कम करने करने और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन से होने वाले वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए पार्किंग शुल्क दोगुना करने की योजना बना रहा है.  अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में प्रस्ताव 14 नवंबर को होने वाली एमसीडी सदन की बैठक में रखा जाएगा, उसी दिन दिल्ली के अगले महापौर और उप महापौर के लिए चुनाव भी होंगे. उन्होंने बताया कि क्रमिक प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी)-II के तहत पार्किंग शुल्क बढ़ाने का विचार काफी समय से एजेंडे में है, लेकिन इसे बार-बार पुनर्विचार के लिए सदन में भेजा जाता रहा है.

एमसीडी ने शुल्क 4 गुना बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था

अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में एमसीडी ने शुल्क चार गुना बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन विचार-विमर्श के बाद अब शुल्क में दो गुना बढ़ोतरी का संशोधित प्रस्ताव तैयार किया गया है. हालांकि, उन्होंने शुरुआत में प्रस्तावित वृद्धि को कम करने का कारण नहीं बताया. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) सहित अन्य एजेंसियों ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के निर्देशों के तहत शुल्क वृद्धि को पहले ही लागू कर दिया है. केवल एमसीडी ने अभी तक इस वृद्धि को लागू नहीं किया है.



Source link

Leave A Reply

Your email address will not be published.