Exclusive: वो रूठकर गए, लेकिन उनकी बुनियाद JMM से ही… कल्पना सोरेन ने क्यों जताई जेठानी और चंपई की वापसी की उम्मीद
रांची:
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की पत्नी कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) विधानसभा चुनाव से अपना पॉलिटिकल डेब्यू करने जा रही हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने उन्हें गांडेय सीट से उम्मीदवार बनाया है. कल्पना सोरेन ने कहा कि ‘मईयां सम्मान स्कीम’ के कारण उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है. उन्होंने JMM को आधी आबादी (महिलाओं के वोट) का समर्थन मिलने का दावा भी किया. इस दौरान कल्पना सोरेन ने अपनी जेठानी सीता सोरेन और चंपई सोरेन की JMM में वापसी की उम्मीद भी जताई.
NDTV के साथ खास इंटरव्यू में कल्पना सोरेन ने कहा, “चंपई सोरेन बड़े हैं और मेरे आदरणीय भी. मेरी जेठानी सीता सोरेन भी बड़ी हैं. हम अभी भी एक-दूसरे का सम्मान करते हैं. आखिरकार परिवार परिवार ही होता है. भले ही आप अपनी पार्टी से किसी वजह से रूठकर चले गए हैं, लेकिन आपकी बुनियाद आपकी पार्टी से रहती है. इसलिए उस तरफ आप कभी ना कभी जरूर वापस आएंगे.”
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बंटी-बबली की जोड़ी के आरोपों का दिया जवाब
कल्पना ने कहा, “लोकसभा चुनाव में मेरी ट्रेनिंग हो चुकी है. अब मैं पूरी मजबूती के साथ झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए खड़ी हूं.” विपक्ष की ओर से लगाए गए बंटी-बबली की जोड़ी के आरोपों पर कल्पना सोरेन ने कहा, “आज झारखंड में जितनी भी योजनाएं चल रही हैं…. सर्वजन पेंशन, अबुआ आवास, बिरसा हरित ग्राम योजना, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, बच्चों के लिए विदेश में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप योजना… इसका सभी को फायदा हुआ. अब मईयां योजना का लाभ भी महिलाओं को मिलेगा. बाकी विपक्ष क्या कहता है उससे हमें मतलब नहीं.”
कल्पना सोरेन ने कहा, “मैं जानती हूं कि इस तरह की बातें मेरे ससुर जी शिबु सोरेन के लिए कही गई थी. मेरे पति के बारे में भी यही कहा गया. हम देख सकते हैं कि आज राजनीति में किस तरह के पर्सनल अटैक होते हैं. मैं कहना चाहूंगी कि 2.5 साल में हमारी सरकार ने इतना जबरदस्त काम किया है कि लोगों का साथ जरूर मिलेगा.”
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बांग्लादेशी घुसपैठ पर क्या कहेंगी?
कल्पना सोरेन कहती हैं, “अगर अभी की बात करें, तो जो रिपोर्ट्स हैं वो मेरे पास नहीं है. मेरा कहना है कि पहले गणना करवा लें, उसके बाद बात करेंगे. जब आपकी सरकार थी, डबल इंजन की सरकार थी, तो किसी ने नहीं बोला. जब हमारी सरकार है तो बोल रहे हैं. ये उन राज्यों में सबसे ज्यादा हमला करते हैं. जहां इनकी सरकार नहीं होती है. सारी ED और CBI इनको उन्हीं राज्यों में दिखता है, जहां इंडिया गठबंधन की सरकार होती है. मुझे लगता है कि इन्हें पावर का इस्तेमाल सही जगह और सही दिशा में इस्तेमाल करना चाहिए.”
चुनावी रेवड़ियां चुनावी मुद्दा
कल्पना सोरेन ने कहा, “2014 में जब डबल इंजन की सरकार थी. तब इन्होंने हमेशा कहा कि झारखंड में पहली बार BJP ने अकेले पांच साल पूरे किए. उसके बाद झारखंड में आप अनुमान लगाएं, तो अभी 24 साल हम पूरे करने जा रहे हैं. झारखंड में सबसे ज्यादा सरकार किसकी रही. झारखंड मुक्ति मोर्चा की ही रही है. 20 साल तक BJP की सरकार रही. आज हमें 24 साल हो रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “BJP वाले अपने एजेंट से भी हमारी सरकार की योजनाओं के खिलाफ PIL करवाते हैं. ऐसा इसलिए करवाते हैं, ताकि हमारी महिलाओं को खुशियां ना मिले. उसके बाद ये अपनी योजनाएं लाते हैं, तो ये दोनों तरफ से गेम खेलते हैं. बात योजना में मिलने वाली राशि की नहीं हो रही है. बात ये है कि झारखंड की आधी आबादी को सशक्त करने का पहला काम किसी ने किया है, तो वो हेमेंत सोरेन ने किया है.”
क्या चंपई सोरेन और सीता सोरेन के पाला बदलने का होगा नुकसान?
कल्पना सोरेन ने कहा, “JMM का चुनाव चिह्न तीर-धनुष है. उसमें झारखंड का इतिहास छुपा हुआ है. इसमें हमारे गुरुजी का संग्राम छिपा है. इसमें हेमंत सोरेन की हिम्मत छिपी है. झारखंड की आवाम का अटूट विश्वास है. अगर चुनाव में कोई खड़ा होता है, तो उम्मीदवार से ज्यादा हमारा चुनाव चिह्न खड़ा होता है. तीर-धनुष हमें बताता है कि ये झारखंड झुकने वाला नहीं है. झारखंड लड़ने वाला राज्य रहा है. ये संग्रामशील और यहां क्रांतिकारी भरे हुए हैं. यहां तीर धनुष का मान हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति से भरा है. किसी के पाला बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता.”
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चंपई सोरेन को चुनाव से पहले क्यों हटाया गया?
कल्पना सोरेन कहती हैं, “चंपई सोरेन को हटाने की बात नहीं थी. झारखंड की जनता और हमारे गठबंधन की सोच की वजह से ये फैसले लिया गया था. JMM आलाकमान ने ये फैसला लिया था. तब तो मैं पार्टी में नहीं आई थी. इसलिए मैं इस सवाल का जवाब देने के लिए परफेक्ट पर्सन नहीं हूं.”
क्या चंपई सोरेन और सीता सोरेन की कमी नहीं खलती?
कल्पना कहती हैं, “पार्टी छोड़कर जाना, उनका निजी फैसला था. उन्होंने व्यक्तिगत फैसला लेकर अपनी विचारधारा बदली. हमारी विचारधारा JMM की है. हम उसी के लिए लड़ते हैं. झारखंड की जनता जानती है कि JMM का हर एक व्यक्ति जुझारु हैं. JMM का कार्यकर्ता चाहे पुरुष हो या महिला… वो हर वक्त जनता के साथ खड़ा है. हम उनके हक और उनके अधिकारों के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे.”
BJP छोड़कर आए नेताओं का JMM में स्वागत क्यों?
क्या JMM में उम्मीदवारों या नेताओं की कमी है कि BJP से जो भी आ रहा है, उसका स्वागत हो रहा है? इसके जवाब में कल्पना सोरेन कहती हैं, “हमारे पास नेताओं की कोई कमी नहीं है. वहां से जो लोग आ रहे हैं, वो असंतुष्ट होकर आ रहे हैं. उन्होंने लंबे समय तक पार्टी की सेवा की, लेकिन चुनाव के समय उनका पत्ता काट दिया गया. इसलिए वो लोग डरे हुए हैं. हेमंत सोरेन के कामों से BJP के लोग डरे हुए हैं. इसलिए ऐसे नेता JMM में अपना भविष्य देख रहे हैं. जाहिर तौर पर झारखंड की जनता ‘अपने भाई अपने बेटे’ को चुनने वाली है.”
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