चीन के दुश्मन को दी ब्रह्मोस, अमेरिका को पहुंचाए बोइंग के पार्ट्स, समझिए कैसे डिफेंस सेक्टर में ‘आत्मनिर्भर’ बन रहा भारत

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नई दिल्ली:

पिछले एक दशक में भारत ग्लोबल आर्म्स इंडस्ट्री में तेजी से मौजूदगी दर्ज करा रहा है. इन 10 सालों में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 30 गुना तक बढ़ गया है. कभी दूसरे देशों से हथियार खरीदने वाला भारत आज इतना ‘आत्मनिर्भर’ बन चुका है कि अब 90 देशों को डिफेंस के प्रोडक्ट बेच रहा है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने साल 2019 में अपनी रिपोर्ट में पहली बार भारत को दुनियाभर के टॉप 25 आर्म्स एक्सपोर्टर देशों की लिस्ट में जगह दी थी. इस लिस्ट में भारत को 23वें नंबर पर रखा गया था. लेकिन देश डिफेंस सेक्टर में नई ऊंचाइयां छूने को तैयार है. 2025 तक भारत ने 35,000 करोड़ रुपये के डिफेंस एक्सपोर्ट का टारगेट सेट किया है. 

आइए समझते हैं पिछले 10 साल में 30 गुना कैसे बढ़ा भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट? कौन-कौन से डिफेंस प्रोडक्ट बेचता है भारत? कौन है हमारे हथियारों का सबसे बड़ा खरीददार? हथियारों के सबसे बड़े निर्माता रूस-अमेरिका भी भारत में दिलचस्पी क्यों दिखा रहे हैं…

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2023-24 में बने 1.27 लाख करोड़ रुपये के मेड इन इंडिया हथियार
PIB की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2023-24 में सरकारी और प्राइवेट कंपनियों ने मिलकर 1.27 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के स्वदेशी हथियार बनाए हैं. इनमें से 21,083 करोड़ रुपये के हथियार एक साल में बेचे गए हैं. 2022-23 में भारत ने 15,920 करोड़ रुपये का हथियार बेचा था. 2023-24 में यह 32.5% तक बढ़ गया है. हथियारों के एक्सपोर्ट में देश की प्राइवेट कंपनियों का योगदान 60% है, जबकि सरकारी कंपनियों का योगदान 40% है.

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2016-17 से अब तक कितना गुना बढ़ा डिफेंस सेक्टर?

साल डिफेंस बिजनेस (करोड़ रुपये में)
2016-17 1521
2017-18 4682
2018-19 10745
2019-20 9115
2020-21  8434
2021-22 12841
2022-23 15920
2023-24 21083

(डेटा 1 अप्रैल 2024 तक का है)

भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट में क्यों हुआ इतना इजाफा?
इस सवाल का सीधा सा जवाब जंग है. रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी 2022 से जंग चल रही है. जबकि इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास 7 अक्टूबर 2023 से जंग लड़ रहे हैं. इस जियो-पॉलिटिकल टेंशन ने छोटे देशों को भी अपने बॉर्डर को सुरक्षित करने के लिए लिहाज से हथियारों की जरूरत महसूस होने लगी है. आज छोटे देश भी अपनी मिलिट्री ताकत मजबूत करके रखना चाहते हैं. चूंकि दोनों युद्धों के चलते ग्लोबल सप्लाई चेन पर असर पड़ा है. इसलिए ये देश नए एक्सपोर्टर की तलाश में हैं. भारत इन्हीं एक्सपोर्टरों में एक है. 

हाल के समय में भार इन छोटे देशों के लिए बड़े सप्लायर के तौर पर उभरा है. 2024-25 के पहले क्वॉर्टर में ही भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 78% तक पहुंच चुका है. पहले क्वॉर्टर में भारत ने 6915 करोड़ रुपये का डिफेंस प्रोडक्ट एक्सपोर्ट किया. जबकि बीते साल इसी अवधि में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 3885 करोड़ रुपये था.

भारत ने बनाया खुद का ‘Iron Dome’
भारत ने 14 अक्टूबर को राजस्थान के पोखरण में खुद के बनाए ‘आयरन डोम’ (Iron Dome) का सफल परीक्षण किया है. यह चौथी पीढ़ी की कम दूरी की एयर डिफेंस सिस्टम है. इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है. इसे आसमान में भारत का स्वदेशी रक्षक भी कह सकते हैं. तकनीकी भाषा में इसे वेरी शार्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (Very Short Range Air Defence System) या VSHORADS कहते हैं. आम भाषा में इसे कंधे से दागे जाने वाली विमान भेदी मिसाइल भी कह सकते हैं.

भारत ने किस देश को क्या बेचा?
-19 अप्रैल 2024 को हमारे देश ने साउथ चाइना सी में चीन के दुश्मन फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें बेची थी. जनवरी 2022 में भारत से फिलीपींस ने ब्रह्मोस मिसाइल के लिए 375 मिलियन डॉलर की डील की थी.
-10 मई 2024 को ‘लाइव मिंट’ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि बीते 6 से 8 महीने में रूस ने भारत से 33 हजार करोड़ रुपये का गोला-बारूद और रक्षा से जुड़े दूसरे सामान खरीदे हैं.
-भारत ने म्यांमार को कई मिसाइलें एक्सपोर्ट की हैं. SIPRI के मुताबिक, साल 2000 से 2023 के बीच म्यांमार भारत से सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाला देश है. भारत से सबसे ज्यादा 31% हथियार म्यांमार एक्सपोर्ट होते हैं.
-इसी साल जुलाई में भारत ने पहली बार किसी दूसरे देश को स्नाइपर राइफल्स एक्सपोर्ट की थी. बेंगलुरु की फर्म ‘SSS डिफेंस’ को भारत के एक मित्र देश से करीब 400 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला था. 
-ये ऑर्डर 338 लापुआ मैग्नम कैलिबर वाली स्नाइपर राइफल के लिए दिया गया है. 338 लापुआ मैग्नम कैलिबर वाली स्नाइपर राइफल दुनिया की सबसे सटीक और भरोसेमंद स्नापर राइफल में से एक है. भारत समेत 30 देशों की सेना इस राइफल का इस्तेमाल करती हैं.

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-SIPRI के मुताबिक, बीते साल भारत ने ऑस्ट्रेलिया, जापान, इजरायल और ब्राजील समेत 34 देशों को बुलेटप्रूफ जैकेट बेचे हैं. 
-UAE, मिस्र, इंडोनेशिया और थाईलैंड समेत 10 देशों ने भारत से 5.56 mm से 155 mm के बीच गोला-बारूद खरीदे हैं.
-वहीं, अमेरिका, UK और फ्रांस जैसे देशों ने हथियारों में इस्तेमाल होने वाले छोटे-छोटे इलेक्ट्रॉनिक्स सामान खरीदे हैं. भारत मॉरीशस, सेशेल्स और मालदीव को ऑटोनॉमस फास्ट इंटरसेप्टर बोट यानी वॉरशिप एक्सपोर्ट करता है.
-पिछले चार सालों में आर्मेनिया ने भारत के साथ कई रक्षा सौदे किए हैं. इन सौदों में मिसाइल, तोप, रॉकेट सिस्टम, हथियारों का पता लगाने वाले रडार, बुलेट प्रूफ जैकेट और नाइट विजन डिवाइसेस शामिल हैं. आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को खरीदने वाला आर्मेनिया पहला देश बन गया है. 

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अमेरिका को क्या बेच रहा भारत?
भारत अभी अमेरिका को डायरेक्ट हथियार तो नहीं बेच रहा, लेकिन हथियारों के सब-सिस्टम और पार्ट्स जरूर बेच रहा है. अमेरिका भारत से अपनी जरूरत का करीब 50% सामान खरीदता है. इनमें बोइंग और लॉकहीड मार्टिन जैसी दिग्गज ग्लोबल डिफेंस कंपनियां शामिल हैं. ये कंपनियां अपने ग्लोबल सप्लाई चेन नेटवर्क के साथ-साथ ऑफसेट कमिटमेंट के तहत भारत से विमान और हेलीकॉप्टरों के लिए मेन बॉडी पार्ट, विंग्स और अन्य पार्ट्स खरीदती हैं. बोइंग का टाटा के साथ ज्वॉइंट वेंचर है. टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड (TBAL) बोइंग AH-64 अपाचे हेलिकॉप्टर के लिए एयरो स्ट्रक्चर मैन्युफैक्चर करती है.

सबसे ज्यादा वॉरशिप और एयरक्राफ्ट बेचता है भारत
-भारत सबसे ज्यादा वॉरशिप्स एक्सपोर्ट करता है. SIPRI के 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने एक साल में कुल 61% वॉरशिप्स एक्सपोर्ट किया.
– इसी दौरान भारत ने 14% सेंसर, 20% एयरक्राफ्ट भी बेचा है. भारत ने 2.8% आर्मर्ड व्हीकल बेचा.
-आर्टिलरी की बात करें, तो हमारे देश ने विदेश में 1.1% आर्टिकली की बिक्री की. हमने इस दौरान 0.9% मेड इन इंडिया मिसाइल भी बेचा है. भारत ने 0.1% इंजन भी एक्सपोर्ट किया है.

किन हथियारों की सबसे ज्यादा मांग
-ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
-डोर्नियर-228 एयरक्राफ्ट
-आर्टिलरी गन
-रडार
-आकाश मिसाइल
-पिनाका रॉकेट और बख्तरबंद गाड़ियां

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भारतीय हथियारों के टॉप खरीददार?
म्यांमार 31%
श्रीलंका 19%
मॉरीशस 12%
सेशेल्स 9%
आर्मेनिया 5.10%
नेपाल 5.9%
मालदीव 4.3%
वियतनाम 4.2%
इक्वाडोर 3.9%
अफगानिस्तान 2.2%
अन्य देश 3.2%

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तेजस एयरक्राफ्ट की भी बढ़ रही मांग
भारत के तेजस एयरक्राफ्ट की मांग दुनियाभर के देशों में बढ़ रही है. दिसंबर 2023 में देश की सबसे बड़ी हथियार बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी HAL के डायरेक्टर सीबी अनंतकृष्ण ने कहा था कि LCA तेजस के लिए तीन देशों अर्जेंटीना, फिलीपींस और नाइजीरिया के साथ डील को लेकर बात आगे बढ़ गई है. बोत्सवाना और मिस्र ने भी तेजस में दिलचस्पी जताई है.

दुनिया का सबसे बड़ा डिफेंस इंपोर्टर भी है भारत
स्टॉकहोम ‎‎इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार ‎‎आयातक देश भी है. बीते पांच साल में ‎‎उसने दुनिया में सर्वाधिक हथियार ‎खरीदे हैं. पांच साल में भारत‎ की ​हथियार खरीदी 4.7% बढ़ गई.‎ भारत के साथ ही ए​शिया में जापान में ‎‎हथियार आयात 155% बढ़ा. वहीं,‎ चीन के हथियार आयात में 44% की ‎गिरावट रही. पाकिस्तान पांचवां सबसे ‎बड़ा हथियार आयातक रहा. भारत फ्रांस के हथियार का सबसे‎ बड़ा खरीदार रहा जो कुल निर्यात‎ का लगभग 30% था. पहली बार रूस हथियार निर्यात में ‎तीसरे स्थान पर चला गया है. रूस ‎का हथियार निर्यात 2014-18 और ‎2019-23 के बीच 53% गिरा है.‎

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