चौदहवीं का चांद हो… पहले कलरफुल गाने पर चल गई थी सेंसर बोर्ड की कैंची, वजह बनीं थी वहीदा रहमान की खूबसूरत
वहीदा रहमान की लाल आंखें देख सेंसर बोर्ड ने सीन काटने का फरमान किया जारी
नई दिल्ली:
वहीदा रहमान का एक बेहद खूबसूरत गाना है चौदहवीं का चांद हो… ये ऐसा गाना है जिसे हिंदी फिल्म इतिहास में कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. बला की खूबसूरत वहीदा रहमान, उम्दा एक्टर गुरु दत्त. भव्य सेट, लाजवाब शब्दों से सजा गाना. इस नायाब गाने को और भी ज्यादा खूबसूरत बनाने के लिए गुरु दत्त ने बहुत मेहनत की थी. लेकिन वहीदा के चंद सेकंड के सीन पर सेंसर की गाड़ी अटक गई थी. लेकिन गुरु दत्त ने भी ऐसा मजेदार लॉजिक दिया. जिसके बाद गाना जैसा था वैसा ही रिलीज हुआ. और, वाकई इस गाने को पर्दे पर देख कर आंखें फेर लेना मुश्किल है.
इस सीन पर अटका गाना
वहीदा रहमान ने कपिल शर्मा के कॉमेडी शो पर इस सीन से जुड़ा दिलचस्प खुलासा किया. गाने के बारे में वहीदा रहमान ने बताया कि तब फिल्मों को कलर से रंगने का सिलसिला शुरु ही हुआ था. उनकी और गुरुदत्त की फिल्म चौदहवीं का चांद पूरी बनकर तैयार थी और सेंसर से पास भी हो चुकी थी. लेकिन गुरु दत्त चाहते थे कि उनकी फिल्म का टाइटल सॉन्ग कलर में रिलीज हो.
इसलिए सॉन्ग दोबारा तैयार हुआ और दोबारा सेंसर के लिए गया. सेंसर बोर्ड को पूरे गाने से कोई आपत्ति नहीं थी लेकिन वहीदा रहमान का एक सीन उन्हें परेशान कर रहा था. वहीदा रहमान ने बताया कि सेंसर बोर्ड ने कहा कि जब वो पलट कर गुरु दत्त को देखती हैं तब उनकी आंखें लाल नजर आती हैं. इस सीन वो काफी सेंसुअस दिख रही हैं. इसलिए ये सीन हटा देना चाहिए.
गुरु दत्त का लॉजिक
पहले तो गुरु दत्त ने बताया कि लाल आंखें तेज लाइट की वजह से दिख रही हैं. फिर भी सेंसर बोर्ड अपनी बात पर अड़ा रहा. तब गुरु दत्त ने कहा कि गाना पति पत्नी के बीच फिल्माया गया है. गाना में कोई एक दूसरे से लिपटा भी नहीं है तो गाने में क्या आपत्ति हो सकती है. उसके बाद कहीं गाना जैसा था उसी तरह से रिलीज हो सका.