कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व वाली यात्रा का नाम बदलकर ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ रखा

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रमेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यहां अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में महासचिवों, राज्य प्रभारियों, राज्य इकाई प्रमुखों और कांग्रेस विधायक दल नेताओं के साथ लगभग तीन घंटे की बैठक में यात्रा के मार्ग को अंतिम रूप दिया गया. पार्टी की ओर से जारी यात्रा मार्ग के मुताबिक, यात्रा उत्तर प्रदेश में सबसे लंबी अवधि तक रहेगी, जो 11 दिन में 1,074 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. यह यात्रा राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों अमेठी, रायबरेली, वाराणसी और प्रयागराज से होकर गुजरेगी.

रमेश ने कहा कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत 6,713 किलोमीटर की दूरी बसों के जरिये और पैदल तय की जाएगी. यात्रा 14 जनवरी को इंफाल से शुरू होकर 66 दिन में 110 जिलों, 100 लोकसभा सीटों और 337 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. रमेश ने कहा कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ उतनी ही परिवर्तनकारी साबित होगी जितनी कन्याकुमारी से कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ हुई थी.

पहले की ‘भारत न्याय यात्रा’ का नाम बदलने का कारण बताते हुए, रमेश ने कहा कि खरगे सहित बैठक में भाग लेने वाले सभी सदस्यों का एकमत विचार था कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सफलता ने इसे अपने आप में एक ‘ब्रांड’ बना दिया है और लोगों के मन में यह बात बैठ गई है कि इसका मूल्य खत्म नहीं होना चाहिए. रमेश ने कहा, ‘‘‘न्याय’ का विचार भारतीय संविधान की प्रस्तावना की पहली पंक्ति से आता है जो अपने सभी नागरिकों के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से न्याय सुनिश्चित करता है.”

उन्होंने कहा कि इसके बाद स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा आता है और ये सभी परस्पर जुड़े हुए सिद्धांत हैं. रमेश ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी ने बढ़ती असमानता, बढ़ते सामाजिक ध्रुवीकरण और बढ़ते राजनीतिक अत्याचार और अधिनायकवाद के तीन बड़े मुद्दे उठाए थे और इससे निजात पाने के लिए लोगों को न्याय सुनिश्चित करना है. उन्होंने कहा, ‘‘न्याय की अवधारणा यात्रा की अवधारणा है, चूंकि हमारी एक यात्रा भारतीय राजनीति में परिवर्तनकारी साबित हुई, इसलिए हर कोई इस बात पर एकमत था कि हमें दोनों को जोड़ना चाहिए…न्याय यात्रा का उद्देश्य है.”

कांग्रेस नेता ने यह भी बताया कि पहले यह घोषणा की गई थी कि यात्रा 14 राज्यों को कवर करेगी, पर नेताओं के दिमाग में अरुणाचल प्रदेश भी था लेकिन कुछ तार्किक और सुरक्षा मुद्दे थे, जिन्हें अब सुलझा लिया गया है. उन्होंने कहा कि इसलिए, यात्रा अब अरुणाचल प्रदेश सहित 15 राज्यों से गुजरेगी. यात्रा और उसके मार्ग का विवरण देते हुए रमेश ने कहा कि यह 14 जनवरी को इंफाल से शुरू होगी और 107 किलोमीटर और चार जिलों को कवर करते हुए एक दिन के लिए मणिपुर में रहेगी.

रमेश ने कहा कि फिर यह नगालैंड में प्रवेश करेगी और दो दिन में 257 किलोमीटर और पांच जिलों को कवर करेगी और आठ दिनों में असम में 833 किलोमीटर और 17 जिलों से होकर गुजरेगी. इसके बाद यात्रा एक-एक दिन के लिए अरुणाचल प्रदेश और मेघालय जाएगी. कार्यक्रम के अनुसार, पश्चिम बंगाल में यात्रा पांच दिन की होगी, जिसमें 523 किमी और सात जिले शामिल होंगे. यात्रा के तहत बिहार में चार दिन में 425 किमी दूरी तय की जाएगी और सात जिलों को कवर किया जाएगा. रमेश ने कहा कि झारखंड में यात्रा आठ दिन में 804 किलोमीटर तय करेगी और 13 जिलों से गुजरेगी.

यह यात्रा ओडिशा में चार दिन में 341 किमी की दूरी तय करेगी और चार जिलों से गुजरेगी. गांधी के नेतृत्व वाली यात्रा छत्तीसगढ़ में पांच दिन में 536 किमी दूरी तय करेगी और सात जिलों से होकर गुजरेगी. रमेश ने कहा कि पूर्व से पश्चिम की यह यात्रा उत्तर प्रदेश में अधिकतम 11 दिन की होगी, जिसमें 1,074 किमी दूरी तय की जाएगी. उत्तर प्रदेश के 20 जिलों से यात्रा गुजरेगी. मध्य प्रदेश में यात्रा सात दिन में 698 किमी तय करेगी और नौ जिलों तथा राजस्थान में एक दिन में दो जिले से होकर गुजरेगी. यात्रा गुजरात और महाराष्ट्र में पांच-पांच दिन में क्रमशः 445 किमी और 479 किमी की दूरी तय करेगी. रमेश ने कहा कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 20 या 21 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी.

यह पूछे जाने पर कि क्या आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं को भी यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा, रमेश ने कहा कि यात्रा के विभिन्न पड़ाव पर ‘इंडिया’ के सभी घटक दलों के नेताओं को यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘आप’ गठबंधन का हिस्सा है. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सात सितंबर 2022 को शुरु हुई थी. कांग्रेस ने कहा था कि इस यात्रा से हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में विधानसभा चुनावों में पार्टी को फायदा हुआ. पार्टी ने दावा किया था कि इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा और जनता के साथ जुड़ाव मजबूत हुआ. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 75 जिलों और 76 लोकसभा क्षेत्रों से होकर गुजरी थी.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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