अरब नेताओं ने ‘गाजा के भविष्‍य’ पर चर्चा करने से किया इनकार, अमेरिका में बोले- “पहले रुके युद्ध”

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अरब नेताओं ने ‘गाजा के भविष्‍य’ पर चर्चा करने से किया इनकार, अमेरिका में बोले- “पहले रुके युद्ध”

अमेरिका में अरब नेताओं ने गाजा में लड़ाई को समाप्त करने का आह्वान किया

खास बातें

  • “लड़ाई को तुरंत समाप्त करना बेहद जरूरी”
  • अमेरिका और इजरायल युद्धविराम का विरोध कर रहे
  • इजरायल को “नरसंहार जारी रखने” का लाइसेंस देगा…

तेल अवीव :

इजरायल और हमास को युद्ध (Israel Hamas War) छोड़ बातचीत के जरिये समस्‍या का समाधान तलाशना चाहिए, भारत समेत कई देश यह सलाह दे चुके हैं. सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने भी इजरायल और हमास को बातचीत के जरिए समस्‍या का हल निकालने की नसीहत दी है. सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने शुक्रवार को वाशिंगटन में कहा कि गाजा में लड़ाई को तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए… लेकिन दुनिया भर की सरकारें इसे प्राथमिकता के रूप में नहीं देख रही हैं. उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के लिए एक विश्वसनीय रोडमैप भी होना चाहिए.

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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) के साथ बैठक से पहले एक साझा प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में विदेश मंत्रियों के एक समूह ने गाजा के भविष्य पर विस्तार से चर्चा करने से इनकार करते हुए कहा कि हमास और इजरायली सेना के बीच फिलिस्तीनी क्षेत्र में लड़ाई को तुरंत रोकने पर ध्यान केंद्रित रहने की आवश्‍यकता है. सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने कहा, “हमारा संदेश सुसंगत और स्पष्ट है… हमारा मानना ​​है कि लड़ाई को तुरंत समाप्त करना बेहद जरूरी है.”

संघर्ष और लड़ाई को ख़त्म करना मुख्य प्राथमिकता नहीं लगती

अरब नेताओं ने दुखी मन से कहा, “इस संघर्ष का सबसे परेशान करने वाला तथ्य यह है कि दुनिया के लिए संघर्ष और लड़ाई को ख़त्म करना मुख्य प्राथमिकता नहीं लगती है.” उन्होंने कहा कि गाजा में नागरिकों को मानवीय सहायता में उल्लेखनीय वृद्धि की जरूरत है. यह “अस्वीकार्य” है कि “नौकरशाही बाधाओं” के कारण सहायता “प्रतिबंधित की जा रही है और प्रतिबंधित की गई है.”

इजराइल-हमास युद्ध में तत्काल मानवीय युद्धविराम की मांग पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मतदान में शुक्रवार को ब्लिंकन की अरब मंत्रियों और तुर्की के विदेश मंत्री के साथ नियोजित बैठक के बाद कई घंटों की देरी हुई. अरब-इस्लामिक मंत्रिस्तरीय समिति में सऊदी अरब, मिस्र, कतर, जॉर्डन, फिलिस्तीनी प्राधिकरण और तुर्की के मंत्री शामिल हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका (जो परिषद में एक वीटो-शक्ति है) ने कहा है कि वह वर्तमान में संघर्ष पर 15-सदस्यीय निकाय द्वारा आगे की कार्रवाई का समर्थन नहीं करता है. परिषद ने पिछले महीने सहायता पहुंच की अनुमति देने की लड़ाई को रोकने का आह्वान किया था.

इजरायल युद्धविराम का विरोध कर रहा…

अमेरिका और इजरायल युद्धविराम का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना ​​है कि इससे केवल हमास को फायदा होगा. इसके बजाय वाशिंगटन नागरिकों की सुरक्षा के लिए लड़ाई में विराम का समर्थन करता है और 7 अक्टूबर को इजराइल पर घातक हमले में हमास द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई का समर्थन करता है. हमले के जवाब में इजरायल ने गाजा पर बमबारी की और हमास को पूरी तरह से खत्‍म करने के लिए एक खास ऑपरेशन के रूप में सेना भेजी है.

इजरायल को “नरसंहार जारी रखने” का लाइसेंस… 

संयुक्त राष्ट्र में उप अमेरिकी राजदूत रॉबर्ट वुड ने परिषद को बताया कि हालांकि, अमेरिका गाजा में स्थायी शांति का दृढ़ता से समर्थन करता है, “हम तत्काल युद्धविराम के आह्वान का समर्थन नहीं करते हैं.” जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफ़ादी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर शुक्रवार को प्रस्ताव विफल हो जाता है, तो यह इजरायल को “अपना नरसंहार जारी रखने” का लाइसेंस देगा. उन्होंने कहा, “अभी हमारी प्राथमिकता युद्ध रोकना, हत्या रोकना, गाजा के बुनियादी ढांचे के विनाश को रोकना है.” उन्होंने कहा, “जो संदेश भेजा जा रहा है, वह यह है कि इजराइल अंतरराष्ट्रीय कानून से ऊपर काम कर रहा है… और दुनिया ज्यादा कुछ नहीं कर रही है. हम युद्धविराम पर अमेरिका की स्थिति से असहमत हैं.”

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