न्यूज़ीलैंड में भारतीय मूल के रेडियो होस्ट की हत्या की साजिश में 3 खालिस्तान आतंकी दोषी
खास बातें
- हरनेक सिंह खालिस्तान की विचारधारा के खिलाफ मुखर रहे हैं
- 27 साल के सर्वजीत सिद्धू को हत्या के प्रयास का दोषी पाया गया
- सर्वजीत सिद्धू को साढ़े नौ साल की कैद की सजा सुनाई गई
ऑकलैंड :
ऑकलैंड स्थित लोकप्रिय रेडियो होस्ट हरनेक सिंह की हत्या के प्रयास के लिए तीन खालिस्तान चरमपंथियों को दोषी ठहराकर सजा सुनाई गई है. द ऑस्ट्रेलिया टुडे ने बताया कि हरनेक सिंह खालिस्तान की विचारधारा के खिलाफ मुखर रहे हैं. 27 साल के सर्वजीत सिद्धू को हत्या के प्रयास का दोषी पाया गया, जबकि 44 साल के सुखप्रीत सिंह को हत्या के प्रयास में मदद करने का दोषी पाया गया.
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धार्मिक कट्टरता के खिलाफ कड़े कदम उठाने की आवश्यकता
द ऑस्ट्रेलिया टुडे ने एनजेड हेराल्ड का हवाला देते हुए बताया कि तीसरा व्यक्ति, 48 वर्षीय ऑकलैंड निवासी है, जिसका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है. बताया जा रहा है कि अलगाववादी आंदोलन के मुखर विरोध के लिए हरनेक सिंह के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए हमले की योजना बनाई. मामले की सुनवाई के दौरान, न्यायाधीश मार्क वूलफोर्ड ने सामुदायिक सुरक्षा और धार्मिक कट्टरता के खिलाफ कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
350 से अधिक टांके और कई सर्जरी…
यह हमला 23 दिसंबर, 2020 को हुआ था. तब हरनेक सिंह पर रास्ते में धार्मिक चरमपंथियों के एक समूह ने घात लगाकर हमला किया था. उन्हें 40 से अधिक चाकू के घाव लगे और ठीक होने के लिए 350 से अधिक टांके और कई सर्जरी की आवश्यकता पड़ी. न्यायाधीश वूलफोर्ड ने फैसला सुनाते हुए कहा, “इस मामले में धार्मिक कट्टरता साफ नजर आ रही है… ऐसे में सजा देने के लिए एक अलग नजरिये की आवश्यकता है. समाज को आगे की हिंसा से बचाने पर जोर दिया जाना चाहिए और अन्य लोगों को एक मजबूत संदेश भेजना जरूरी है.”
ऐसे बची हरनेक की जान
हरनेक सिंह को नेक्की के नाम से भी जाना जाता है. उन पर हमला करने के लिए तीन कारों में लोग आए थे. हरनेक पर कई लोगों ने एक साथ हमला किया और इस दौरान उन्होंने मौत को बेहद करीब से देखा. द ऑस्ट्रेलिया टुडे के अनुसार, हमले के दौरान हरनेक अपनी कार तक पहुंच गए और उन्होंने गाड़ी को लॉक कर लिया. इसके बाद वह गाड़ी का हॉर्न बजाकर लोगों को मदद के लिए बुलाने में कामयाब रहे. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. पूर्व बॉडीबिल्डर अवतार सिंह के दोस्त बलजिंदर ने अदालत को बताया कि उसे हरनेक को मारने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने इनकार कर दिया. उन्होंने बताया कि 23 दिसंबर को जसपाल सिंह ने उन्हें फोन किया, ‘काम हो गया, वह अब रेडियो पर नहीं आएगा.’
हमले के मास्टर माइंड को 13 साल 6 महीने की सजा
द ऑस्ट्रेलिया टुडे ने एनजेड हेराल्ड का हवाला देते हुए बताया कि हरनेक सिंह के शब्द न्यायाधीश को पसंद आए और उन्होंने आरोपी को सजा सुनाते समय उन्हें दोहराया. हमले के पीछे के 48 वर्षीय मास्टरमाइंड को साढ़े तेरह साल की सज़ा मिली. सर्वजीत सिद्धू को साढ़े नौ साल की कैद की सजा सुनाई गई, जबकि सुखप्रीत सिंह को छह महीने के लिए घरेलू नजरबंदी मिली है. वहीं दो आरोपियों, जगराज सिंह और गुरबिंदर सिंह को पर्याप्त सबूतों न होने के कारण बरी कर दिया गया, जबकि दो अन्य, जोबनप्रीत सिंह और हरदीप सिंह संधू, हरनेक सिंह की हत्या के प्रयास में शामिल होने के कारण सजा का इंतजार कर रहे हैं.
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