“गाजा कैंप पर इजरायली हमलों में एक ही परिवार के 32 लोगों समेत 80 से ज्यादा की मौत”: हमास
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शरणार्थी शिविर पर हमले के बाद तबाही का मंजर
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे न्यूज एजेंसी एएफपी द्वारा सत्यापित वीडियो में फिलिस्तीनी क्षेत्र के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर जबालिया में एक बिल्डिंग के फर्श पर खून से लथपथ शव दिखाई दे रहे थे. यहां पर स्कूल की मेजों के नीचे गद्दे बिछाए गए थे. बता दें कि 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमलों के बाद से इजरायल ने हमास को जड़ से उखाड़ फेंकने की कसम खाई है. हमास ने इजरायल के 1200 लोगों को मार दिया था और 240 लोगों को बंधक बना लिया था. जिसके बाद इजरायल के हमले भी गाजा पट्टी में लगातार जारी है. इजरायल के हवई और जमीनी हमलों में अब तक 12,300 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें 5,000 से अधिक बच्चे शामिल हैं.
हमास-नियंत्रित गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि शरणार्थी शिविर में संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित अल-फखुरा स्कूल पर सुबह हुए हमले में करीब 50 लोग मारे गए, जिसे विस्थापित फिलिस्तीनियों के शेल्टर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था.
हमले में एक ही परिवार के 32 लोगों की मौत
हमास अधिकारी ने कहा कि जबालिया शिविर में एक अन्य इमारत पर शनिवार को हुए एक अलग हमले में एक ही परिवार के 32 लोग मारे गए, जिनमें से 19 बच्चे शामिल थे. हमलों का जिक्र किए बिना, इजरायली सेना ने कहा कि “जबलिया क्षेत्र में एक घटना” की समीक्षा की जा रही है. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, छह हफ्ते की लड़ाई की वजह से गाजा पट्टी के भीतर करीब 1.6 मिलियन लोगों को विस्थापित होना पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने “बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के मारे जाने की निंदा की. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “आश्रय सुरक्षा के लिए एक जगह हैं.” “नागरिक इसे अब और सहन नहीं कर सकते और न ही करना चाहिए.”
वहीं मिस्र ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित स्कूल पर बमबारी को “युद्ध अपराध” और “संयुक्त राष्ट्र का जानबूझकर किया गया अपमान” बताया. बता दें कि इजरायल ने फिलिस्तीनियों को उनकी सुरक्षा के लिए उत्तरी गाजा से चले जाने को कहा, लेकिन तटीय क्षेत्र के मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों में घातक हवाई हमले जारी रहे.
इजरायल की चेतावनी के बाद पैदल ही भागने लगे बीमार
शनिवार को, गाजा के मुख्य अस्पताल के निदेशक ने कहा कि इजरायली सेना ने 2 हजार लोगों वाली जगह को खाली करने का आदेश दिया था, जिसके बाद सैकड़ों लोग पैदल ही भाग गए. बीमार और घायलों के गुट में कुछ विकलांग और विस्थापित लोगों को डॉक्टरों और नर्सों के साथ बिना एम्बुलेंस के अल-शिफा अस्पताल से समुद्र तट की ओर जाते देखा गया, क्योंकि परिसर के चारों ओर जोरदार विस्फोटों की आवाज सुनी गई थी.
रास्ते में, एएफपी के एक पत्रकार ने भारी क्षतिग्रस्त दुकानों और पलटे हुए वाहनों वाली सड़क पर करीब 15 शव देखे, जिनमें से कुछ शव सड़ने तक लगे थे. बता दें कि इजरायल अल शिफा अस्पताल के भीतर सैन्य अभियान चलाकर हमास के ऑपरेशन सेंटर की तलाश कर रहा है. उसके मुताबिक अस्पताल के नीचे हमास ऑपरेशन सेंटर चला रहा है. हालांकि हमास ने इन आरोपों से इनकार कर दिया है.
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