कश्मीर में 85 करोड़ रुपये के टेरर फंडिंग मामले में शामिल रैकेट का भंडाफोड़, वरिष्ठ पुलिस अफसर के यहां छापेमारी
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की प्रमुख जांच एजेंसी राज्य जांच एजेंसी (SIA) द्वारा बुधवार और शुक्रवार के बीच छापेमारी की गई.
एजेंसी ने कहा, “यह एक आतंकी फंडिंग मामला है जिसमें 85 करोड़ रुपये की धनराशि गुप्त चैनलों के माध्यम से जुटाई गई और लूटी गई है. संदेह है कि इस पैसे का इस्तेमाल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के वित्तपोषण में किया गया था.”
जम्मू कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी ने आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण के एक मामले में शुक्रवार को तीन जिलों में छापेमारी की. एसआईए ने कहा कि यह छापेमारी घाटी के श्रीनगर, अनंतनाग और पुलवामा जिलों में की गई. एजेंसी की विशेष टीम ने तीन जिलों में 10 स्थानों पर तलाशी ली.
अधिारियों ने कहा कि, ‘‘आठ नवंबर को की गई छापेमारी के क्रम में एसआईए ने कई स्थानों पर तलाशी ली, जिनमें श्रीनगर में दो स्थान, अनंतनाग में एक और पुलवामा में सात स्थान शामिल हैं.”
एसआईए के अनुसार, एसआईए कश्मीर थाने में दर्ज एक मामले चल रही जांच के तहत शुक्रवार तड़के तलाशी ली गई. एसआईए ने कहा कि मनी लॉन्डरिंग का इस्तेमाल केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों को वित्तपोषित करने में किया जाना था.
एजेंसी ने कहा, ‘‘यह आतंकवादी गतिविधि के वित्तपोषण का मामला है, जिसमें 85 करोड़ रुपये की धनराशि गुप्त माध्यमों के जरिए जुटाई गई और उसकी लॉन्डरिंग की गई. इस धन का इस्तेमाल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों के वित्तपोषण में किए जाने का संदेह है.”
एसआईए की विशेष टीम ने मोबाइल, लैपटॉप, सिम कार्ड, पासपोर्ट, चेक, पासबुक और क्रेडिट/डेबिट कार्ड समेत अन्य सामग्री बरामद की है.
दुबई लिंक?
एजेंसी ने दोहराया कि वह “इस कृत्य के पीछे व्यापक सांठगांठ को उजागर करने के अलावा, इसमें शामिल सभी लोगों को न्याय के कटघरे में लाएगी.”
सूत्रों का कहना है कि कथित मनी-लॉन्डरिंग नेटवर्क के दुबई से संबंध हैं और बुधवार से कश्मीर और नई दिल्ली में की गई छापेमारी सांठगांठ का पता लगाने और मनी ट्रेल स्थापित करने के लिए जांच का हिस्सा थी. एसआईए ने बुधवार को जिन 22 स्थानों पर छापेमारी की उनमें एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और एक प्रमुख व्यवसायी के परिसर भी शामिल हैं.
सोने की तस्करी और अन्य माध्यमों से की गई बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग, कश्मीर में पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पहले उजागर किए गए आतंकी फंडिंग मामलों से कहीं अधिक बड़ा मामला है.