सपा अध्यक्ष ने दिए 65 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का संकेत
उन्होंने बताया, ‘सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी करें. इनमें से 65 सीटें समाजवादी पार्टी जीतनी चाहिए.’ इस सवाल पर कि क्या अखिलेश ने यह कहकर उत्तर प्रदेश की 65 सीटों पर चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं, चौधरी ने कहा, ‘हां, उन्होंने यही संकेत दिए हैं.’
चौधरी के मुताबिक, अखिलेश ने बैठक में कहा कि कोई भी गठबंधन सपा के सहयोग के बिना उत्तर प्रदेश में चुनाव नहीं जीत सकता है. इसलिए सपा कार्यकर्ता प्रदेश की सभी 80 सीटों के लिए तैयारी करें. इस सवाल पर कि क्या बैठक में विपक्ष के दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलांयस“ (इंडिया) के बारे में भी कोई बात हुई, सपा प्रवक्ता ने कहा कि जब सीटों के बंटवारे पर बातचीत होगी तब देखा जाएगा.
सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बताया,“ पार्टी प्रमुख अखिलेश ने बैठक में कार्यकर्ताओं से कहा कि वे हर बूथ पर एक मुस्तैद टीम तैनात करें. बीजेपी मतदाता सूचियां में गड़बड़ी करके चुनाव जीती है. इसलिए सपा कार्यकर्ता इन सूचियों में व्याप्त खामियों को दुरुस्त कराकर अपने बूथ को मजबूत करें.”
उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से कहा है, “ वे उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव की तैयारी करें. क्योंकि प्रदेश में सपा की मदद के बगैर कोई भी गठबंधन सफल नहीं हो सकता. पार्टी का लक्ष्य राज्य की सभी सीटों पर भाजपा को पराजित करना है.”
सपा प्रवक्ता चौधरी ने बताया कि सपा की नवगठित प्रदेश कार्यकारिणी की इस पहली बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव, जाति जनगणना और पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) के बीच सपा की पैठ को और मजबूत करने समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. बैठक में करीब 500 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
सपा द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, अखिलेश ने प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव आने वाली पीढियों के भविष्य को भी तय करेगा और देश में लोकतंत्र और संविधान बचाने का यह अंतिम चुनाव होगा. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को आगाह करते हुए कहा, “मौजूदा भाजपा सरकार शासन-प्रशासन का दुरुपयोग कर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश करेगी लिहाजा पार्टी के कार्यकर्ता इसकी निगरानी में लग जाएं.”
अखिलेश ने आरोप लगाया, “ वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सत्ता का दुरूपयोग कर सिर्फ तीन लाख 50 हजार मतों के अन्तर से समाजवादी पार्टी को सत्ता में नहीं आने दिया. भाजपा अब भी समाजवादी पार्टी के मतदाताओं के वोट काटने की साजिश में लगी है. समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर तक इसलिए निगरानी रखनी होगी और पार्टी संगठन को मजबूत बनाना होगा.”
अखिलेश ने कहा, “समाजवादी पार्टी सामाजिक न्याय के लिए लम्बे समय से संघर्षशील रही है. इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए जाति जनगणना बहुत जरूरी है. इस जनगणना से ही सबको हक और सम्मान मिलेगा. भाजपा जाति जनगणना की विरोधी है. भाजपा समाज में नफरत फैलाने और भेदभाव करने की राजनीति करती है. अब समाजवादी लोग ही इसे रोकेंगे.
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