“जनरल डायर”, “रावण” : दशहरा रैलियों में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे एक दूसरे पर बरसे
एकनाथ शिंदे ने अपने भाषण की शुरुआत दशहरे की शुभकामनाओं के साथ की, लेकिन उसके बाद उन्होंने उद्धव ठाकरे पर जमकर हमला बोला. शिंदे ने कहा कि मैदान पर शिवसेना की भगवा लहर दिखाई पड़ रही है. मीडिया से अपील है कि वो दिखाए कि शिवसेना किधर है. आजाद शिवसेना का आजाद सम्मेलन आजाद मैदान पर हो रहा है. जहां बाला साहेब का विचार है वही हमारे लिए शिव तीर्थ है.
शिंदे ने कहा, “असली गद्दार कौन? जिसने बाला साहेब के विचार से गद्दारी की, जिसने हिंदुत्व से गद्दारी की और कुर्सी के लिए मतदाताओं से बेईमानी की. शिवाजी महाराज को भूल गए. शिवाजी के बाघनख पर संदेह किया.” उद्धव ठाकरे पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि इन्होंने शिवाजी का आदर्श छोड़ा, अफजल खान का आदर्श ले लिया है.
‘ठाकरे को मुख्यमंत्री बनना था, लेकिन दिखाना नहीं था’
उन्होंने कहा, “उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनना था लेकिन दिखाना नहीं था. उनके चेहरे पर मत जाइए, आखिर तक जाहिर नहीं होने दिया जैसे सीता का हरण करने के लिए रावण ने साधु का वेश धरा था, वैसे मुख्यमंत्री बनने के लिए उद्धव ठाकरे ने संधि साध रखी थी.” साथ ही शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर हमला करते हुए कहा कि कल यह हमास, हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर एक तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से भी दोस्ती कर सकते हैं.
इंडिया गठबंधन का दहन जनता करेगी : शिंदे
मुख्यमंत्री ने कहा, “उद्धव ठाकरे को खुद मुख्यमंत्री बनना था इसलिए दो लोगों को पहले शरद पवार के पास भेजा गया था ताकि वो उनका नाम लें, जबकि कहते हैं कि बालसाहेब को वचन दिया था कि शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाऊंगा. कौन शिवसैनिक ?”साथ ही उन्होंने कहा कि मैं अभी रावण का दहन करके आया हूं और इंडिया गठबंधन का दहन जनता किए बिना नहीं रहेगी.
शिंदे की सरकार जनरल डायर की सरकार : उद्धव
वहीं उद्धव ठाकरे ने शिवाजी पार्क में शिंदे सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, “जलियांवाला बाग की तरह अंतरवाली सराटी गांवों में मराठाओं पर लाठीचार्ज किया गया. एकनाथ शिंदे की सरकार जनरल डायर की सरकार है.”
‘2024 के चुनाव में किसी एक पार्टी की सरकार न लाएं’
उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव में एक पार्टी की सरकार न लाएं, मिलीजुली सरकार ही मजबूत सरकार होती है. पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह हमारे सामने उदाहरण हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि आज जो लोग हमारे नेताओं को तकलीफ दे रहे हैं, वे कान खोलकर सुन लें कि हमारी सरकार आने के बाद किसी को नहीं छोड़ा जाएगा.
बता दें कि पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे ने अपने वफादार विधायकों के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी सरकार को गिरा दिया था और शिवसेना विभाजित हो गई थी. इसके बाद शिंदे ने बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाई थी. इसके बाद उद्धव ठाकरे गुट ने उन्हें “गद्दार” करार दिया था. शिंदे गुट का दावा है कि ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए हिंदुत्व को त्यागकर भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ लिया और कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से हाथ मिला लिया.
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