एक चिट्ठी से कैसे बनकर तैयार हो गया था ‘फूल तुम्हें भेजा है खत में’ गाना, इसकी कहानी है बेहद खास
Bollywood Gold: जिस गाने की आज हम बात कर रहे हैं वो गाना एक समय में हर प्यार करने वाले के दिल की धड़कन हुआ करता था. ना जाने कितने ही प्रेमियों ने अपने प्रेम पत्र को हाथ में लेकर इस गाने को गुनगुनाया था. गाना था साल 1968 में रिलीज हुई फिल्म ‘सरस्वतीचंद्र’ (Saraswatichandra) का, ‘फूल तुम्हें भेजा है खत में, फूल नहीं मेरा दिल है…’. इस एवरग्रीन गाने से जुड़ी है बेहद ही दिलचस्प कहानी.
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फिल्म सरस्वतीचंद्र में मुख्य किरदारों में नूतन, मनीष, विजया चौधरी, रमेश देओ और बीएम व्यास जैसे कलाकार थे. फिल्म के डायरेक्टर थे गोविंद सरैय्या, संगीतकार थे कल्याणजी-आनंद (Kalyanji Anandji) और फिल्म की कहानी आधारित थी इसी नाम के गुजराती उपन्यास सरस्वतीचंद्र पर. देखा जाए तो फिल्म के लगभग सभी गाने मन मोह लेने वाले थे और अपने समय के सुपरहिट गाने भी साबित हुए थे. इस फिल्म में ‘चंदन सा बदन’, ‘मैं तो भूल चली बाबुल का देस’, ‘हमने अपना सबकुछ खोया’ और ‘फूल तुम्हें भेजा है खत में’ मुख्य आकर्षण साबित हुए.
बात करते हैं फूल तुम्हें भेजा है खत में गाने की जिसे अपनी आवाज दी थी मुकेश साहब (Mukesh) और लता दीदी यानी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने. गाना लिखा था इंदीवर ने. कंपोजर आनंदजी और कल्याणजी थे. बता दें कि इस फिल्म के सुरीले नगमों के लिए कल्याणजी आनंदजी की जोड़ी को बेस्ट म्यूजिक के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी मिला था.
इंदीवर (Indeevar) ने फूल तुम्हें भेजा है खत में गाना लिखा था और इसके साथ ही इसी फिल्म में छोड़ दे दुनिया सारी और चंदन सा बदन के लिरिक्स भी लिखे थे. फूल तुम्हें भेजा है खत में गाना लिखने का आइडिया इंदीवर जी को असल में उस दौर में आने वाली एक चिट्ठी (Letter) से आया था. हुआ यूं था कि आनंदजी के पास फैन्स की चिट्ठियां आती रहती थीं जिनमें से एक फैन की भेजी चिट्ठी में फूल था और लिपस्टिक के निशान लगे थे. आनंद जी ने लेटर कल्याणजी को दिखाया और कहा, देखो क्या कमाल का लेटर आया है. पास बैठे इंदीवर को दिखाया तो वो बोले, इससे तो गाने का मुखड़ा बन सकता है, कह सकते हैं, फूल तुम्हें भेजा है खत में फूल नहीं मेरा दिल है. इस तरह लिखा गया यह प्रेमगीत. इंदीवर को शायद एहसास ना हुआ हो कि उन्होंने आवाम को एक लव एंथम दे दिया है.