एस्ट्रोलॉजर ने बताया नवरात्रि के नौ दिन ही क्यों मनाया जाते हैं माता रानी के ये व्रत

0 6

एस्ट्रोलॉजर ने बताया नवरात्रि के नौ दिन ही क्यों मनाया जाते हैं माता रानी के ये व्रत

Dr. Jai Madaan: आखिर नौ दिनों तक ही क्यों मनाई जाती है नवरात्रि

खास बातें

  • क्या आपने कभी सोचा हैं कि नवरात्रि नौ दिनों की ही क्यों होती है.
  • डॉ. जय मदान ने बताई वजह.
  • इन कारणों से नौ दिनों की ही होती है नवरात्रि.

Nine Days of Navratri: मां दुर्गा के महापर्व नवरात्रि (Navratri) की शुरूआत हो चुकी है. नवरात्रि के समय भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विधिवत पूजा करते है. हर दिन मां के अलग रूप की भक्ति होती हैं और पूरे विधि-विधान से मां की पूजा की जाती है. इस साल नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 से 24 अक्टूबर 2023 तक रहेगी. वैसे तो हर साल नवरात्रि मनाई जाती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा हैं कि नवरात्रि का पर्व 7 या 8 दिन का क्यों नहीं होता है और 9 दिनों का ही क्यों होता हैं. मशहूर एस्ट्रोलॉजर डॉ. जय मदान (Dr. Jai Madaan) ने इससे जुड़े तर्क दिए हैं.

Navratri 2023: नवरात्रि के 9 दिनों में अलग-अलग रंग पहनकर मां दुर्गा की करें आराधना, मां देंगी सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

नौ दिनों की ही क्यों होती है नवरात्रि (Why is Navratri celebrated for Nine Days)

9 है सबसे बड़ा अंक

यह भी पढ़ें

किसी भी धर्म में 9 अंक सबसे बड़ा माना जाता है. हिन्दू धर्म में मां दुर्गा के नौ रूप पूजे जाते हैं. गणित में भी सबसे बड़ा अंक 9 ही होता है. 

नए जीवन का प्रतिक 

9 अंक नए जीवन का प्रतिक है. बच्चा अपने मां के पेट में 9 महीने के लिए ही रहता हैं और उसके बाद एक नए जीवन का जन्म होता है.

काव्य शास्त्र के 9 रस 

हिन्दी के काव्य शास्त्र में 9 ही रस होते हैं. यही रस छंद और अलंकार काव्य रचना के जरूरी तत्व होते हैं.

9 ग्रह 

हिन्दू धर्म में अकसर नौ ग्रह की पूजा की जाती है. खासतौर से भगवान शिव की पूजा से इन नौ ग्रहों को जोड़कर देखा जाता है. 

मां दुर्गा के 9 रूप

नवरात्रि के समय पूजी जाने वाली मां दुर्गा के नौ ही रूप है. इसलिए नवरात्रि का त्योहार नौ दिनों तक ही मनाया जाता है. इन नौ दिनों में हर दिन मां के एक नए रूप की पूजा होती है.

पूर्णता का प्रतिक

अंक संख्या 9 पूर्णता का प्रतिक है. क्योंकि अंक शास्त्र में भी इसके बाद 1 अंक आता है जो नए शुरूआत का प्रतिक है. इसलिए नवरात्रि में किसी भी अधुरे काम को पूरा करना शुभ माना जाता है.

 

                                                                                                               (प्रस्तुति-अंकित श्वेताभ)

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Source link

Leave A Reply

Your email address will not be published.