नुसरत भरूचा ने बताया इजरायल में बम धमाकों से खुली आंख, ना फोन में बैट्री थी ना नेटवर्क….

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हाइाफा फिल्म फेस्टिवल में अपनी फिल्म के सिलेक्ट होने की खुशी मनाने के बाद अगले दिन नुसरत भरूचा “बम फटने की तेज आवाज” के साथ उठीं. बॉलीवुड एक्ट्रेस नुसरत भरूचा जो इजराइल में चल रही जंग के बीच तेल अवीव में फंस गई थी उन्होंने अब इंस्टाग्राम पर अपना एक्सपीरियंस शेयर किया. नुसरत ने कहा, “हमने सबको गुड बाय कहा और अगले दिन वापस फ्लाइट लेने के लिए तैयार थे. लेकिन शनिवार (7 अक्टूबर) की सुबह पिछली शाम के सेलिब्रेशन जैसा कुछ भी नहीं था. हम बम फटने की तेज आवाजों, तेज सायरन और पूरी तरह से दहशत के माहौल में जागे. सभी को हमारे होटल के बेसमेंट में एक ‘शेल्टर’ में ले जाया गया.”

उन्होंने बताया, “जब हम काफी देर तक इंतजार के बाद वहां से निकले तो हमें पता चला कि इजराइल पर हमला हो रहा है. यह ऐसी खबर थी जिसके लिए हमे कोई भी चीज तैयार नहीं कर सकती.”

एयर इंडिया ने रविवार को कहा कि उसने तेल अवीव से आने-जाने वाली अपनी उड़ानें 14 अक्टूबर तक रद्द कर दी हैं. इजराइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा के नागरिकों को हमास के सभी जगहों से दूर चले जाने की चेतावनी दी है. एक्ट्रेस ने कहा कि उनके होटल से इंडियन एंबेसी की दूरी बमुश्किल 2 किमी थी. उन्होंने कहा कि “बहुत नजदीक से विस्फोटों की भयानक आवाज” के साथ यह असंभव लग रहा था.

उन्होंने आगे कहा, “सड़कों पर वाहनों पर खुली गोलीबारी हो रही थी और सड़कों पर स्थिति ‘बेहद खतरनाक’ थी. तभी हमने दूसरा सायरन बजने की आवाज सुनी और हमें वापस बेसमेंट शेल्टर में ले जाया गया. फोन की बैटरियां तेजी से खत्म हो रही थीं और उनमें सेल नेटवर्क खत्म होने लगा था. नुसरत ने बताया कि उन्हें ऐसे लोगों से भी मदद मिले जिनसे कोई उम्मीद नहीं थी.”

“हमारे तेल अवीव होटल से बाहर निकलना आसान नहीं था. इसे हल्के शब्दों में कहें तो… पूरे समय प्रार्थना करते हुए, कभी-कभी रोते हुए भी, हम आगे बढ़ने के लिए हिम्मत बांधने के लिए एक दूसरे का हाथ पकड़े रहे. किसी तरह बेन गुरियन हवाई अड्डे तक पहुंचे. फ्लाइट में चढ़ने के लिए एक फॉर्मैलिटी से दूसरी के बीच इंतजार करना कभी भी इतना मुश्किल नहीं रहा.” 

देश के 75 साल के इतिहास के सबसे भीषण हमले में इजराइल में मरने वालों की संख्या 900 से ऊपर हो गई है जबकि गाजा अधिकारियों ने अब तक 687 लोगों के मारे जाने की खबर दी है.

“एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो युद्ध क्षेत्र से बमुश्किल बच निकला है, मैं आज इससे ज्यादा आभारी नहीं हो सकती… मैं घर वापस आ गया हूं और अपने परिवार और अपने करीबियों के साथ सुरक्षित हूं.  मैं अपनी टीम और मुझे सुरक्षित वापस लाने में उनकी मदद और गाइड करने के लिए भारत सरकार, इंडियन एंबेसी और इजरायली एंबेसी की बहुत आभारी हूं.”

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