अपनी खुशहाली के साथ विश्व कल्याण भारत का लक्ष्य और संघ इसमें लगा हुआ है: होसबाले

0 15

होसबोले ने रविवार शाम को यहां लाल परेड मैदान में संघ के भोपाल विकास के शारीरिक प्रकटोत्सव कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर कहा, ‘‘ संघ के दो मुख्य काम हैं– व्यक्ति निर्माण और समाज संगठन. ये दोनों कार्य एक ही लक्ष्य के लिए हैं: भारत को परम वैभव पर पहुंचाना. इसका अर्थ केवल भारत आर्थिक और सामरिक रूप से सक्षम बने, यहां के सभी नागरिकों को रोटी, कपड़ा और मकान मिले, यहीं तक सीमित नहीं है बल्कि इससे भी अधिक है. भारत का लक्ष्य विश्व मंगल की कामना है. भारत के महापुरुषों ने हमेशा विश्व कल्याण की बात की है और उसके लिए प्रयास किए हैं.”

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भारत सरकार के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत, मध्य क्षेत्र संघचालक अशोक सोहनी, प्रांत संघचालक अशोक पांडेय और भोपाल विभाग के संघचालक डॉ. राजेश सेठी उपस्थित थे.

होसबाले ने कहा कि संघ 95 वर्ष से राष्ट्र साधना में लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि संघ का काम समाज को सामर्थ्यवान बनाने और भारत को विश्व में सम्मानजनक स्थान दिलाने का काम है.

उन्होंने कहा कि भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए पहले चरण में हमें अपने देश के नागरिकों की खुशहाली के लिए कार्य करना है और उसके अगले चरण में विश्व की मंगल कामना का कार्य भारत करे, इस कार्य में संघ लगा हुआ है.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले 15 अगस्त के भाषण का हवाला देते हुए कहा कि देशहित में सरकार अनेक योजनाएं बना रही है लेकिन नागरिकों के भी कुछ कर्तव्य हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमें भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए. ”

उन्होंने कहा कि संघ व्यक्तियों में चरित्र निर्माण, अनुशासन, कर्तव्यबोध, सामूहिकता जैसे गुणों का विकास करने के लिए काम करता है ताकि वह जगत के हित के लिए कार्य करे.

उन्होंने कहा कि भगिनी निवेदिता मानती थीं कि यदि देश के लोग सप्ताह में एक दिन आकर सामूहिक रूप से देश के बारे में विचार करें तो देश का वातावरण ही बदल जायेगा. संघ के संस्थापक डॉ. केशव हेडगेवार ने इस बात को समझा और संघ सामूहिक रूप एकत्र आकर देशहित में कार्य करता है.

उन्होंने कहा कि देश का सामान्य व्यक्ति कैसा है, उसके आधार पर उस देश का भविष्य निर्धारित होता है. उनका कहना था कि फाहयान जैसे विदेशी यात्रियों ने भी अपने यात्रा वृत्तांतों में भारत के सामान्य लोगों के रहन–सहन और उनके पास उपलब्ध संसाधनों का उल्लेख किया है.

होसबाले ने कहा कि जो लोग समाज कंटक हैं, वे दूसरों को हराने, अपना अहंकार दिखाने और दूसरों का शोषण करने के लिए अपने ज्ञान, धन और बल का उपयोग करते हैं, जबकि सज्जन लोग इस सबका उपयोग समाज के उत्थान के लिए करते हैं इसलिए संघ ने अपने कार्य में शारीरिक और बौद्धिक कार्यक्रमों को जोड़ा है.

उन्होंने कहा कि प्रसन्नता की बात है कि भारत करवट ले रहा है, भारत की मान्यता पूरी दुनिया में बढ़ रही है. उनका कहना था कि भारत के बारे में सकारात्मक सोचने वालों की संख्या भी बढ़ रही है.

इस अवसर पर रावत ने कहा कि यशस्वी भारत की संकल्पना पूरी करने के लिए संघ सुदृढ़ नींव रख रहा है. उनके अनुसार संघ के कार्यक्रमों एवं उसके गीतों में इसकी झलक दिखती है. उन्होंने कहा कि आभासी दुनिया की जगह हमें प्रत्यक्ष जुड़ने के प्रयास करना चाहिए.

संघ के प्रकटोत्सव में 2500 से अधिक स्वयं सेवकों ने घोष वादन, प्रदक्षिणा संचलन, दंड के प्रयोग, व्यायाम योग जैसे अभ्यास प्रस्तुत किए. संघ के 3300 से अधिक स्वयं सेवकों ने लगभग तीन माह तक विभिन्न शाखाओं में इसका अभ्यास किया.

यह भी पढ़ें –

सुखविंदर सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के सीएम पद की शपथ ली, मुकेश अग्निहोत्री बने डिप्‍टी सीएम

Exclusive :”अरविंद केजरीवाल ने बहुत नुकसान किया”-गुजरात चुनाव में हार पर बोले गहलोत

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Featured Video Of The Day

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बूंदी से फिर शुरू, प्रियंका गांधी भी हुईं शामिल

Source link

Leave A Reply

Your email address will not be published.