नेपाल : मतगणना के बीच सरकार गठन के प्रयास, दो प्रमुख नेताओं केपी ओली और पुष्पकमल दहल ने की फोन पर बात
काठमांडू :
नेपाल में संसदीय चुनाव की मतगणना के बीच शीर्ष नेताओं ने सरकार गठन की संभावनाएं तलाशने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं. नेपाल एक दशक से अधिक समय से राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है. देश में रविवार को प्रतिनिधि सभा और सात प्रांतीय विधानसभाओं के लिए मतदान हुए थे. मतगणना सोमवार को शुरू हुई थी. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष केपी ओली ने गुरुवार को सीपीएन-माओवादी सेंटर के अध्यक्ष पुष्पकमल दहल प्रचंड को फोन किया और दोनों नेताओं ने प्रतिनिधि सभा के लिए चुने जाने पर एक-दूसरे को बधाई दी. प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने भी प्रचंड और ओली को फोन कर जीत की बधाई दी. तीनों नेताओं ने प्रतिनिधि सभा का चुनाव जीत लिया है.
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प्रचंड के एक करीबी सूत्र ने बताया कि टेलीफोन पर बातचीत के दौरान ओली ने प्रचंड को नयी सरकार के गठन के लिए गठबंधन बनाने की पेशकश की. हालांकि, प्रचंड ने ओली को केवल चुनाव जीतने की बधाई दी और उनकी पेशकश का जवाब नहीं दिया. सूत्र ने बताया कि प्रचंड ने कहा कि चुनाव के पूरे नतीजे आने के बाद वह उचित फैसला लेंगे.लगभग 18 महीने पहले ओली से अलग होने के बाद, प्रचंड ने नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष देउबा को समर्थन दिया था. इसके बाद देउबा के नेतृत्व में पांच दलों की गठबंधन सरकार बनी थी.
कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव में सीपीएन-यूएमएल के खराब प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष ओली गठबंधन सरकार बनाने के लिए वामपंथी एकता के नाम पर प्रचंड को लुभाने की रणनीति पर काम कर सकते हैं. ओली अपनी राजनीतिक पैंतरेबाजी के लिए जाने जाते हैं.हालांकि, सीपीएन-एमसी के पोलित ब्यूरो सदस्य सुनील मनंधर ने प्रधानमंत्री देउबा के नेतृत्व वाले नेपाली कांग्रेस नीत सत्तारूढ़ गठबंधन को तोड़ने की संभावना से इनकार किया.इस बीच, नेपाली कांग्रेस ने 44 सीट जीतकर चुनाव में बढ़त बनाए हुए है. इसके बाद सीपीएन-यूएमएल ने 35 सीट हासिल की हैं. सीपीएन-एमसी और सीपीएन-यूएस ने क्रमश: 14 और 10 सीट जीती हैं.पांच दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन ने अब तक 73 सीट हासिल की हैं जबकि ओली के नेतृत्व वाले तीन दलों के गठबंधन ने 43 सीट जीती हैं. 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 सदस्य प्रत्यक्ष मतदान के माध्यम से चुने जाते हैं, जबकि शेष 110 आनुपातिक चुनाव प्रणाली के माध्यम से निर्वाचित होते हैं. किसी पार्टी या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत के लिए 138 सीटों की जरूरत होती है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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