जयराम ठाकुर : लगातार 5 बार से हैं MLA, क्या बदल पाएंगे हिमाचल की सियासी परंपरा और बीजेपी की किस्मत?
नई दिल्ली:
जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और सराज विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक हैं. ठाकुर 1998 से लगातार पांच बार से विधान सभा चुनाव जीतते आ रहे हैं. 2017 में वह प्रेम सिंह धूमल के चुनाव हार जाने की वजह से राज्य के मुख्यमंत्री बनाए गए थे. बीजेपी आलाकमान से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की वह तब पहली पसंद बनकर उभरे थे. इस बार उन पर राज्य में बीजेपी को सत्ता में लगातार दूसरी बार वापसी कराने और पुरानी परंपरा को तोड़ने की महती जिम्मेदारी है.
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ठाकुर छठी बार हिमाचल प्रदेश विधान सभा का चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार भी वह सराज से चुनावी मैदान में हैं, जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के चेतराम ठाकुर से होगा. चेतराम ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाते रहे हैं. दोनों ठाकुरों के बीच पहले भी दो बार (2003 और 2017) सियासी जंग हो चुकी है लेकिन हर बार बाजी जयराम ठाकुर ने ही मारी है. तीसरी बार दोनों ठाकुर आमने-सामने हैं.
गरीब परिवार में हुआ जन्म:
मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र के तहत ही टंडी गांव में जयराम ठाकुर का जन्म 6 जनवरी, 1965 को एक गरीब परिवार में हुआ था. ठाकुर पांच भाई-बहनों में चौथे नंबर पर हैं. उनकी दो बहनें और तीन भाई हैं. पिता जेठू राम राजमिस्त्री का काम किया करते थे. माता का नाम ब्रिकू देवी था.
ठाकुर की पढ़ाई-लिखाई स्थानीय स्तर पर ही हुई. बाद में उन्होंने वल्लभ गवर्नमेंट कॉलेज मंडी से बीए की पढ़ाई पूरी की और पंजाब विश्वविद्यालय से एमए किया. अपने कॉलेज और विश्वविद्यालय के दिनों के दौरान ठाकुर एबीवीपी के सक्रिय सदस्य रहे. 1980 के दशक में उन्होंने छात्र राजनीति में नाम कमाया और जल्द ही 1986 में एबीवीपी के राज्य सचिव के पद पर पदोन्नत हो गए. कॉलेज पूरा करने के बाद, ठाकुर 90 के दशक में भाजपा की युवा शाखा- भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM)में शामिल हो गए.
1998 में विधानसभा में ली एंट्री:
वर्ष 1993 में जयराम ठाकुर ने 28 वर्ष की उम्र में चाचियोट (अब सराज) विधानसभा क्षेत्र से अपना पहला चुनाव लड़ा था लेकिन जीत नहीं सके. पांच साल बाद 1998 में उन्होंने इसी सीट पर जीत दर्ज करते हुए विधानसभा में एंट्री ली थी. अपनी लो प्रोफाइल छवि और ईमानदारी, सत्यनिष्ठा के लिए मशहूर ठाकुर 2003 में फिर से चुने गए. उन्हें 2006 में राज्य भाजपा का प्रमुख भी बनाया गया था. उनके ही नेतृत्व में, पार्टी ने 2007 के विधानसभा चुनावों में जोरदार जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार भी जीत हासिल की थी.
वह 2009 तक इस पद पर रहे, जब उन्हें ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री के रूप में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया. ठाकुर 2012 के विधानसभा चुनाव में चौथी बार विधानसभा के लिए चुने गए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बेहतर रिश्ते और दमदार राजनीतिक पकड़ वाले ठाकुर मंडी जिले से ताल्लुक रखने वाले हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं.
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