5 प्वाइंट न्यूज: आखिर क्यों ट्विटर से निकाले गए पराग अग्रवाल, जानें 5 अहम बातें
माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर अब एलन मस्क का हो गया है. गुरुवार को ट्विटर को खरीदने के तुरंत बाद एलन मस्क ने सबसे पहले CEO पराग अग्रवाल को हटा दिया. इसके साथ ही उन्होंने दो और ऑफिसर्स- चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) नेड सहगल और लीगल अफेयर्स एंड पॉलिसी चीफ विजया गड्डे को भी बर्खास्त कर दिया. मस्क ने 44 बिलियन डॉलर में ये डील की है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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पराग अग्रवाल को नवंबर 2021 में ट्विटर के पहले भारतीय मूल के सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया था. IIT बॉम्बे और स्टैनफोर्ड के पूर्व छात्र अग्रवाल 2011 में ट्विटर से जुड़े थे. तब वहां 1000 से कम कर्मचारी थे. 2017 में वह कोमोनी के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) बने.
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38 वर्षीय पराग अग्रवाल एक बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी के शीर्ष पर पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के लोगों में से एक थे. इसके साथ ही वह S&P 500 कंपनी के सबसे कम उम्र के सीईओ भी थे.
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मस्क ने इस साल अप्रैल में ट्विटर को खरीदने के फैसले को सार्वजनिक किया. हालांकि, फेक अकाउंट्स के कारण वो इस डील से पीछे हट गए थे. उन्होंने पराग अग्रवाल पर ट्विटर के फर्जी अकाउंट्स को लेकर गुमराह करने का भी आरोप लगाया.
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पराग को कंपनी पर नियंत्रण के 12 महीने के भीतर हटा दिया जाता है तो उन्हें लगभग 42 मिलियन डॉलर मिलेंगे. अब आपको यह भी बता देते हैं कि 42 मिलियन डॉलर लगभग 3,457,145,328 रुपये होते हैं.
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पराग मशीन लर्निंग की स्थिति को आगे बढ़ाते हुए विकास वेग (Growth Velocity) में सुधार करने के लिए अग्रणी काम करते रहे.