वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री तक सीमित करने की योजना अब भी अपर्याप्त: संयुक्त राष्ट्र

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वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री तक सीमित करने की योजना अब भी अपर्याप्त: संयुक्त राष्ट्र

पिछले साल के आकलन के विश्लेषण से पता चलता है कि अनुमानित उत्सर्जन 2030 से आगे भी बढ़ता रहेगा.

नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न देश वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ये प्रयास सदी के अंत तक वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.

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संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन के कार्यकारी सचिव साइमन स्टील ने कहा, ‘‘हम अब भी 1.5 डिग्री सेल्सियस सीमा की ओर बढ़ने के लिए आवश्यक उत्सर्जन में कमी के अपेक्षित पैमाने व गति के आसपास नहीं हैं. इस लक्ष्य को बनाए रखने के लिए, राष्ट्रीय सरकारों को अपनी जलवायु कार्य योजनाओं को मजबूत बनाने और अगले आठ साल में उन्हें कार्यान्वित करने की आवश्यकता है.”

यूएन एनडीसी सिंथेसिस 2022 रिपोर्ट बुधवार को जारी की गई. इस रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस समझौते के तहत 193 देशों का संयुक्त जलवायु संकल्प सदी के अंत तक वैश्विक तापमान में करीब 2.5 डिग्री सेल्सियस वृद्धि के लिए दुनिया को पटरी पर ला सकता है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मौजूदा प्रतिबद्धताओं से 2010 के स्तर की अपेक्षा 2030 तक उत्सर्जन में 10.6 प्रतिशत की वृद्धि होगी. यह पिछले साल के उस आकलन के लिहाज से सुधार है, जिसमें पाया गया था कि विभिन्न देश 2010 के स्तर की अपेक्षा 2030 तक उत्सर्जन में 13.7 प्रतिशत की वृद्धि करने की दिशा में अग्रसर थे.

पिछले साल के आकलन के विश्लेषण से पता चलता है कि अनुमानित उत्सर्जन 2030 से आगे भी बढ़ता रहेगा. हालांकि, इस साल के विश्लेषण से पता चलता है कि 2030 के बाद उत्सर्जन में वृद्धि नहीं होगी लेकिन उनमें तेजी से नीचे की ओर आने का रुझान नहीं दिख रहा है.

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन ‘सीओपी 27′ इस साल छह से 18 नवंबर के बीच मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित किया जाएगा.


 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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