दिल्ली के मंत्री ने प्रदूषण घटाने को NCR के राज्यों के लिए समिति के गठन का किया आह्वान
उन्होंने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सामूहिक और एकजुट दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया और कहा कि राज्यों से राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले सार्वजनिक वाहन या तो सीएनजी चालित या फिर बिजली से चलने वाले ई-वाइन होने चाहिए.
क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन की समीक्षा और वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को एनसीआर के राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ हुई डिजिटल बैठक में राय भी शामिल हुए थे.
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में दो-तिहाई से अधिक प्रदूषण के लिए बाहरी स्रोत जिम्मेदार हैं. पिछले साल की सीएसई की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का केवल 31 प्रतिशत प्रदूषण आंतरिक स्रोतों से होता है. एनसीआर के राज्यों को वायु प्रदूषण घटाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने होंगे.’
मंत्री ने कहा कि एनसीआर के राज्यों से दिल्ली आने वाले सभी सार्वजनिक परिवहन या तो सीएनजी चालित या ई-वाहन होने चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली की तरह ही एनसीआर के राज्यों में भी पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए. हमें यह समझना होगा कि प्रदूषण की समस्या किसी विशेष राज्य से संबंधित नहीं है. राज्यों की अपनी सीमाएं होती हैं, लेकिन प्रदूषण की कोई सीमा नहीं है. इसलिए एनसीआर के राज्यों के लिए क्षेत्रीय क्रियान्यवयन समिति का गठन किया जाना चाहिए.’
आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार के प्रयासों को लेकर राय ने बताया कि सर्दी के महीनों में प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के सहयोग से 15-सूत्री शीत कार्ययोजना तैयार की है.
उन्होंने कहा, ‘हमने पिछले दो वर्षों से दिल्ली के खेतों में पराली गलाने के लिए पूसा जैव-अपघटक का मुफ्त में प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया है और इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. हम लोग बासमति और गैर-बासमति बुवाई क्षेत्र में पूसा जैव-अपघटक का मुफ्त में छिड़काव करेंगे, जिसमें पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी हुई है.’
राय ने बताया कि दिल्ली सरकार ने धूल रोधी अभियान चलाया है और वह निजी तौर पर संबंधित जगहों का दौरा कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि निर्देशों का सही तरह से अनुपालन हो.
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