EMI से बचने के लिए… एक जैसी नंबर प्लेट वाली दो कारों की हैरान करने वाली कहानी


मुंबई:

मुंबई में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, यहां एक कैब चालक ने अपने कार लोन से बचने के लिए अपनी नंबर प्लेट में जालसाजी की. यह घटना ताज महल पैलेस होटल के पास हुई, जहां दो मारुति सुजुकी अर्टिगा कारें पहुंची थीं और दोनों पर पीले रंग की रजिस्ट्रेशन प्लेट लगी हुई थी. एक कार मालिक ने देखा कि एक जैसी नंबर प्लेट वाली दूसरी कार भी वहां थी और उसने पुलिस को सूचित किया.

ताज महल होटल मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमलों का निशाना बना था, इसलिए यह संवेदनशील क्षेत्र है. यहां कई सुरक्षा एजेंसियां लगातार निगरानी रखती हैं. जैसे ही पुलिस को दो समान नंबर प्लेट वाली गाड़ियों के बारे में जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत कार्रवाई की और दोनों गाड़ियों को कोलाबा पुलिस स्टेशन लाया. ड्राइवरों से पूछताछ की गई.

साकिर अली, जिनके पास एक अर्टिगा एसयूवी है. उनकी कार भाड़े में चलती है. पिछले छह महीनों से कार के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर लगातार चालान और जुर्माने की सूचनाएं प्राप्त कर रहे थे. अली हैरान थे कि उनकी कार कभी उन स्थानों पर नहीं गई, जहां चालान जारी किए गए थे और उन्हें टोल चोरी के बारे में भी सूचनाएं मिलीं. इसके बाद उन्होंने ट्रैफिक पुलिस से संपर्क किया, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला.

अली ने बताया कि मैं लगातार जुर्माने के बारे में सूचना प्राप्त कर रहा था और हमने शिकायत भी दर्ज कराई थी. अली के एक ड्राइवर ने बांद्रा में एक समान कार देखी थी और उसकी तस्वीर भी खींची थी, लेकिन तब वह कार नहीं मिल सकी.

जब अली ताज होटल में एक यात्री को छोड़ने पहुंचे, तो उन्होंने उसी नंबर प्लेट वाली दूसरी अर्टिगा कार देखी. अली ने तुरंत गाड़ी को रोकने की कोशिश की, लेकिन ड्राइवर ने कार तेज़ गति से भगाई. अली ने पुलिस को सूचना दी और पुलिस ने गाड़ी को रोककर कोलाबा पुलिस स्टेशन ले आई. अली ने कहा कि मैंने गाड़ी को रोकने की कोशिश की और चाबी भी ले ली. लेकिन ड्राइवर ने उसे वापस छीन लिया और गाड़ी को तेज़ कर दिया. वह तभी रुका जब पुलिस ने उसका रास्ता रोक लिया. जब अली से पूछा गया कि क्या वह ड्राइवर को जानता है? तो उन्होंने कहा कि वह ड्राइवर को नहीं पहचानते.

अली की कार का रजिस्ट्रेशन नंबर MH01EE2388 है, जबकि दूसरी कार का नंबर MH01EE2383 था. दूसरी कार के ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि उसने जानबूझकर अपने नंबर प्लेट का आखिरी अंक ‘8’ कर लिया था ताकि वह अपने कार लोन के रिकवरी एजेंट से बच सके. उसने कहा कि वह कार के लिए ली गई ईएमआई चुकाने में सक्षम नहीं था. इसलिए उसने इस तरीके से नंबर प्लेट में बदलाव किया.

पुलिस ने एक बयान में कहा कि प्रारंभिक जांच में कोई सुरक्षा उल्लंघन का उद्देश्य सामने नहीं आया है. पुलिस के अनुसार आरोपी ने मुख्य रूप से कार को वित्तीय संस्थान द्वारा जब्त किए जाने से बचाने के लिए ऐसा किया. इस मामले में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.


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