1971 में खदेड़ी गई पाकिस्तानी सेना फिर बांग्लादेश में घुसने को तैयार, समझिए ये माजरा क्या है?

बांग्लादेशी आर्मी को ट्रेनिंग देगी पाकिस्तानी सेना


नई दिल्‍ली :

बांग्लादेश में अब कुछ ऐसा हो रहा है जिसकी कल्पना खुद बांग्लादेश में रह रही आम जनता आजादी के बाद से कभी  नहीं की होगी. सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी सेना बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक बार फिर लौटने का मन बना रही है.अगर ये हुआ तो 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तानी सेना बांग्लादेश में दाखिल होगा. अब ऐसे में ये देखना काफी अहम होगा कि क्या एक बार फिर बांग्लादेश में वैसे ही हालात बनने वाले हैं जो 1971 यानी बांग्लादेश की आजादी से पहले थे. बांग्लादेश में पाकिस्तानी सेना की वापसी की खबर एक पड़ोसी के तौर पर भारत के लिए भी चिंता बढ़ाने वाली है. 

एक समझौते के तहत आने की है तैयारी

कहा जा रहा है कि बीते दिनों बांग्लादेश की सेना और पाकिस्तानी सेना के बीच एक गुप्त समझौता हुआ है. इस समझौते के तहत अब पाकिस्तानी सेना बांग्लादेशी सेना को  ट्रेनिंग देगी. ये ट्रेनिंग अगले साल फरवरी में  शुरू होगी. बताया तो यहां तक जा रहा है कि पाकिस्तान के मेजर जनरल रैंक के अधिकारी बांग्लादेशी सेना को विशेष ट्रेनिंग देने ढाका आएंगे. यह ट्रेनिंग बांग्लादेश के चार कैंट में होगी. जिन कैंट्स में ये ट्रेनिंग होगी उसे भी चिन्हित करने का काम पूरा हो चुका है. 

कभी होता था पाकिस्तानी अधिकारियों का बोलबाला 

आपको बता दें कि 1971 में पाकिस्तान से आजादी मिलने के बाद करीब 20 सालों तक बांग्लादेशी सेना में पाकिस्तान के ट्रेन्ड अधिकारियों का बोलबाला था. बताया जाता है कि इन अधिकारियों का काम खास तौर भारत विरोधी विचारधारा को बांग्लादेशी सेना में और मजबूती देने का था. जनरल जियाउर रहमान और लेफ्टिनेंट जनरल एच.एम इरशाद ऐसे ही अधिकारी थे जो बांग्लादेशी सेना में भारत विरोधी विचारधारा को फैलाने के लिए जाने जाते हैं. अब जब 1971 के बाद एक बार फिर पाकिस्तानी सेना बांग्लादेश आने की तैयारी में है तो इस बात की काफी आशंका है कि बांग्लादेशी सेना में एक बार फिर भारत विरोधी विचारधारा को और बढ़ावा दिया जा सकता है.

PAK और बांग्लादेश क्या बढ़ाएं भारत की टेंशन

अब जब पाकिस्तानी अफसरों द्वारा बांग्लादेशी सेना को ट्रेनिंग की बात सामने आई है तो इससे ये भी साफ है कि ऐसा हुआ तो कुछ हद तक ही सही लेकिन भारत की चिंता भी जरूर बढ़ेगी. ऐसा इसलिए भी क्योंकि भारत को अब पाकिस्तान से दो मोर्चों पर सतर्क और लड़ना पड़ सकता है. आज से पहले तक भारत अन्य देशों की सीमाओं की तुलना में पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर ज्यादा ध्यान केंद्रीत करती थी. लेकिन अब जब पाकिस्तानी सेना का बांग्लादेश में दाखिल होने की तैयारी में है तो इससे भारत को पाकिस्तान के साथ-साथ बांग्लादेश की सीमा पर भी पहले से कहीं ज्यादा सतर्क रहना पड़ेगा. 

भारत के साथ बांग्लादेश के संबंधों पर भी पड़ सकता है असर 

पाकिस्तानी सेना का अगर बांग्लादेश में दखल बढ़ा तो ये काफी लाजमी हो जाएगा कि इसका असर भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर भी पड़ेगा. बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार को गिराए जाने के बाद से ही वहां मौजूद हिंदुओं की जो स्थिति है उसे लेकर भारत पहले से ही अपनी चिंताएं व्यक्त करता रहा है. इसके बावजूद भी बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अत्याचार जारी है. ऐसे में अब पाकिस्तान से बांग्लादेश की बढ़ती नजदीकियां भारत के साथ उसके साथ संबंध पर असर जरूर डालेंगे. 



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