जयपुर टैंकर ब्लास्ट की आंखों देखी : 12 जिंदा जले, 40 गाड़ियां खाक और सब कुछ धुआं-धुआं

वैशाली नगर से अजमेर एक्सप्रेस हाईवे बहुत ज़्यादा दूर नहीं है, लेकिन बाईपास पर पहुंचते ही पता चला कि अजमेर एक्सप्रेस हाईवे का रास्ता बंद है. आगे जाना मुश्किल है. यहां क्राइम रिपोर्टिंग के 10 साल काम आए. पुलिस ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी पुरानी पहचान के थे,  उन्होंने बैरिकेड्स हटाकर अंदर जाने दिया. लंबा चक्कर लगाने से बचा तो 7:55 पर DPS स्कूल के पास गाड़ी पार्किंग में लगाकर जो दृश्य देखा, वो दिल दहलाने वाला था.

भांकरोटा चौराहे पर पूरी तरह से जली हालत में एक टैंकर खड़ा था, जिसके ठीक पीछे टक्कर मारने वाले ट्रक की मौजूदगी थी.  अजमेर से जयपुर की तरफ़ जाने वाले रास्ते की तरफ़ पेट्रोल पंप के बिलकुल ठीक सामने क़तार में कई ट्रक खड़े थे. 2 बसें थी, 2 मोटरसाइकिल भी दिखाई दिए. दो कारें भी थीं, लेकिन सब कुछ धुआं-धुआं था. गाड़ियों के नाम पर केवल लोहा बचा था. ज़िंदगी की मौजूदगी तो छोड़िए. नामो-निशान तक नहीं था. कुछ ट्रकों से लपटें निकल रही थीं. कुछ गाड़ियों से धुआं निकल रहा था. हाईवे पर दोनों तरफ़ लगे पेड़ों से भी लपटें निकल रही थीं. समझ नहीं आया कहां से शुरू करें. किसी से पूछा क्या हुआ तो पता चला कि गैस से भरा टैंकर यू टर्न ले रहा था, इसी दौरान पीछे से ट्रक ने टक्कर मारी. विस्फोट हुआ और क़ई गाड़ियां चपेट में आ गईं. 

गाड़ी चलाने के दौरान NDTV राजस्थान की असाइनमेंट पर कृतार्थ और NDTV इंडिया के संकट पर मनोहर सर से बात हो चुकी थी. मौक़े पर पहुंचने के बारे में बता चुका था. मौक़े पर पहुंचने के बाद सबसे पहला काम शॉट्स देना था. अफ़रातफ़री का माहौल था. दमकल की गाड़ियां और एंबुलेंस लगातार फेरे लगा रही थीं. ट्रकों पर, बसों पर, आसपास की फैक्टरियों पर लगातार पानी डाला जा रहा था. इसी दौरान चैनल से लाइव के लिए फ़ोन आया, लेकिन कैमरा यूनिट अभी तक पहुंची नहीं थी, लिहाज़ा ख़ुद के मोबाइल फ़ोन पर ज़ूम लिंक से ही रिपोर्टिंग शुरू की. नेटवर्क कमज़ोर था, लेकिन कोशिश की कि खड़े होकर स्थिति को समझाया जा सके. कुछ दृश्य दिखाए मगर वो डराने वाले थे. जो जानकारी पता चली, वो हैरान करने वाली थी. पता चला कि साधारण हादसा नहीं है, बहुत बड़ी घटना हो गई है और कई जानें चली गईं हैं. उस वक़्त मौत का आंकड़ा 4 पता चला था. घायलों की संख्या 20 थी.

इसी दौरान दमकल की कुछ गाड़ियां एक टैंकर पर लगातार पानी डाल रही थीं. पता चला कि इसमें भी गैस भरी हुई है और इसका टेम्परेचर डाउन करने की कोशिश हो रही है. पुलिस इलाक़े को ख़ाली करवाने में जुटी है, लेकिन दर्शकों तक यह जानकारी पहुंचानी ज़रूरी थी, लिहाज़ा टैंकर के पास जाकर उस वक़्त मौक़े पर मौजूद जिला कलेक्टर और पुलिस अधिकारियों से बातचीत कर अपडेट लिया. तभी पता चला कि गाड़ियों और ट्रकों की क़तार में सबसे आख़िर में जो ट्रक खड़ा है, उसमें माचिस के कार्टन लदे हुए हैं और उसमें अभी तक धुआं निकल रहा है. दमकल की गाड़ियां कोशिश कर रही थीं, लेकिन धुआं निकलना बदस्तूर जारी था.

रिपोर्टिंग के दौरान बसों और कारों के भीतर के दृश्य आत्मा को झकझोर देने वाले थे. मानो जैसे युद्ध स्थल में किसी सेना ने हमला किया हो. आसमान से मिसाइलें दाग़ी गईं हों. हाल ही के दिनों में यूक्रेन इज़रायल और ग़ाज़ा पट्टी के TV पर देखे दृश्य ताज़ा हो गए. बसें पूरी तरह से ख़त्म हो चुकी थीं. कारों के केवल अब शेष बचे थे. ज़मीन पर पड़ी बुलेट बाइक देखी तो चलाने वाले की तस्वीर मन में मन में उभर आई कि युवा रहा होगा. मन में सवाल उठा कि दो बसें मौक़े पर हैं तो बड़ी संख्या में यात्री भी होंगे. तब तक अपडेट आया कि मरने वालों की संख्या बढ़ चुकी है. घायलों की संख्या भी 30 के आसपास पहुंच गई है. इसी दौरान शोर मचा तो पता चला कि जिस टैंकर की भिड़ंत हुई है, उसी गाड़ी में कुछ अवशेष मिले हैं. सिविल डिफेंस की टीम दमकल कर्मी अवशेष को बाहर निकालने में जुटे टैंकर का गेट खोल नहीं पा रही थी तो ट्रक के आगे के हिस्से को खींचकर उखाड़ा गया. अंदर से चालक के जले हुए शव के अवशेष को पोटली में डाल कर एम्बुलेंस से रवाना किया गया. दृश्य देखकर मन खराब हो गया, लेकिन रिपोर्टिंग का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा. इसी दौरान गैस से भरे दूसरे टैंकर और माचिस के कार्टन से भरे ट्रक पर क़ाबू पाने की कोशिश जारी रही.

इसी दौरान बस के पास बिखरा हुआ टिफ़िन भी दिखाई दिया. उसके अंदर की रोटियों अब सड़क पर थीं. वो जो शायद कोई यात्री साथ लेकर चला होगा. सोचा होगा सुबह जल्दी ब्रेकफास्ट के काम आएंगे. कुछ जले हुए कबूतर पेड़ों के नीचे दिखाई दिए, जो शायद इन गाड़ियों में बैठे मुसाफ़िरों की तरह नींद में ही मौत के आग़ोश में आ गए और हर तरफ़ मातम पसरा हुआ था. तभी 1 ट्रक से दूसरे शव को भी निकाला गया. अस्पताल में मरने वालों की संख्या पहले 7 हुई, फिर 9 हुई और दिन ढलते-ढलते आंकड़ा 12 पार कर गई.सुबह नौ बजे तक आशाजी रिपोर्टर बाल वीरेंद्र भी मौक़े पर पहुंच चुके थे. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपनी कैबिनेट के मंत्रियों सहित मौक़े पर जायज़ा लेने आ चुके थे. तब तक तस्वीर साफ़ हो चुकी थी.

घटना स्थल के बिलकुल ठीक सामने बनी एक फै़क्टरी में CCTV फ़ुटेज की तलाश में पहुंचा तो पता चला कि धमाका इतना तेज था कि फ़ैक्ट्री के सारे कैमरे डैमेज हो गए. सीसीटीवी फ़ुटेज को स्टोर करने में वक़्त लगेगा. आसपास पता किया तो कुछ फ़ुटेज मिले. फ़ुटेज देखकर अंदाज़ा हुआ कि टैंकर चालक के यू टर्न लेने के दौरान कैसे पीछे से आकर दूसरे ट्रक में टक्कर मारी. टैंकर का नोजल डैमेज हुआ और गैस लीक हुई. कुछ ही सेकंड में बड़े विस्फोट के साथ 500 मीटर के दायरे को अपनी चपेट में ले लिया. कुछ ही मिनटों में आसपास खड़ी 40 के क़रीब गाड़ियां जलकर ख़ाक हो गईं.


NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

Source link

 Jaipur NewsDangerous Accidenthorror accidentJaipur Ajmer Highway accidentJaipur Ajmer highway fireJaipur Ajmer Highway NewsJaipur Ajmer Road AccidentJaipur Petrol Pump Blastjaipur tanker blastJaipur Truck Fire TimelinerajasthanRajasthan AccidentRajasthan Fire NewsRajasthan newsTruck fire in Jaipurजयपुरजयपुर LPG टैंकर ब्लास्टजयपुर अजमेर हाईवे पर भीषण आगजयपुर हादसाटैंकर फटने से बड़ा हादसाटैंकर ब्लास्टटैंकर ब्लास्ट हादसाराजस्थानसबसे खतरनाक सड़क हादसा